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वैश्विक सूची में नए बायोस्फीयर रिजर्व

Lokesh Pal July 10, 2024 03:30 123 0

संदर्भ

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UN Educational, Scientific and Cultural Organization- UNESCO) ने जैव विविधता और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए उनके महत्त्व को पहचानते हुए 11 नए बायोस्फीयर रिजर्व (Biosphere Reserves) नामित किए हैं।

  • दुनिया भर में बायोस्फीयर रिजर्व में लगभग 275 मिलियन लोग रहते हैं। यह संपूर्ण नेटवर्क सभी प्रमुख प्रतिनिधि प्राकृतिक और अर्द्ध-प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्रों को कवर करता है।

नए नामित बायोस्फीयर रिजर्व के बारे में 

  • नए रिजर्वों के साथ विश्व बायोस्फीयर रिजर्व नेटवर्क की संख्या 136 देशों में 759 हो गई है तथा इनका कुल क्षेत्रफल 7,442,000 वर्ग किलोमीटर (लगभग 2,870,000 वर्ग मील) है, जो लगभग ऑस्ट्रेलिया के आकार के बराबर है। 
  • स्थान: नए बायोस्फीयर रिजर्व कोलंबिया, डोमिनिकन गणराज्य, गाम्बिया, इटली, मंगोलिया, फिलीपींस, कोरिया गणराज्य और स्पेन में हैं। 
  • विशिष्टता: पहली बार, इस सूची में दो सीमापार रिजर्व शामिल हैं, जिनमें बेल्जियम और नीदरलैंड, तथा इटली और स्लोवेनिया शामिल हैं।
  • महत्त्व: ऐसे समय में जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संरक्षित क्षेत्रों की संख्या बढ़ाने का आह्वान किया जा रहा है, ये नए बायोस्फीयर रिजर्व जैव विविधता को स्थायी रूप से संरक्षित करने, स्थानीय आबादी और स्वदेशी लोगों की रहने की स्थिति में सुधार लाने और वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने में आवश्यक भूमिका निभाते हैं।
    • इस बात पर जोर दिया गया है कि ये पदनाम ऐसे समय में आए हैं, जब मानवता ‘जैव विविधता संकट और जलवायु संकट से जूझ रही है’।

बायोस्फीयर रिजर्व के बारे में

  • बायोस्फीयर रिजर्व स्थलीय या तटीय/समुद्री पारिस्थितिक तंत्र या दोनों के संयोजन के एक बड़े क्षेत्र में फैले प्राकृतिक और सांस्कृतिक परिदृश्य के प्रतिनिधि भागों के लिए यूनेस्को (UNESCO) द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय पदनाम है। 
  • उद्देश्य: जैव विविधता का संरक्षण करना और संबंधित सांस्कृतिक मूल्यों के आर्थिक और सामाजिक विकास एवं रखरखाव को संरक्षित करना।
  • नामांकन: बायोस्फीयर रिजर्व राष्ट्रीय सरकारों द्वारा नामांकित होते हैं और उन राज्यों के संप्रभु अधिकार क्षेत्र में रहते हैं, जहाँ वे अवस्थित हैं। 
  • पदनाम: इन्हें मानव और जैव विविधता (Man and Biodiversity- MAB) कार्यक्रम के तहत एक अंतरसरकारी पदनाम प्रक्रिया के बाद यूनेस्को द्वारा नामित किया गया है।
  • बायोस्फीयर रिजर्व को नामित करने के लिए मानदंड
    • सुरक्षित कोर क्षेत्र वाली साइट: किसी स्थल में प्रकृति संरक्षण के मूल्य का संरक्षित तथा न्यूनतम रूप से प्रभावित मुख्य क्षेत्र होना चाहिए।
    • पारिस्थितिक व्यवहार्यता: कोर क्षेत्र एक जैव-भौगोलिक इकाई होना चाहिए तथा इतना बड़ा होना चाहिए कि उसमें सभी पोषण स्तरों का प्रतिनिधित्व करने वाली व्यवहार्य जनसंख्या को बनाए रखा जा सके।
    • सामुदायिक भागीदारी: जैव विविधता संरक्षण में स्थानीय समुदायों की भागीदारी और उनके ज्ञान का उपयोग होना चाहिए।
    • सांस्कृतिक प्रथाओं और पर्यावरणीय सद्भाव को संरक्षित करना: पारंपरिक आदिवासी या ग्रामीण जीवन शैली को संरक्षित करने की क्षमता को पहचानते हुए, यह क्षेत्र पर्यावरण के साथ सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
  • बायोस्फीयर रिजर्व के तीन स्तर
    • कोर जोन: यह एक कठोर संरक्षित क्षेत्र है, जो वनस्पतियों और जीव-जंतुओं के लिए आवास उपलब्ध कराता है, तथा संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में जल, मिट्टी, वायु और जीव-जंतुओं की रक्षा करता है।
    • बफर जोन: कोर जोन के आसपास लोग प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए रहते और कार्य करते हैं तथा यह वैज्ञानिकों के लिए प्रकृति का अध्ययन करने, प्रशिक्षण तथा शिक्षा के लिए एक प्रयोगशाला के रूप में कार्य करता है।
    • संक्रमण क्षेत्र: सबसे बाहरी क्षेत्र, वह स्थान जहाँ समुदाय सामाजिक-सांस्कृतिक और पारिस्थितिक रूप से सतत् मानवीय गतिविधियों का अभ्यास करते हैं।

  • महत्त्व: वे लोगों एवं प्रकृति दोनों के लिए विशेष वातावरण हैं और इस बात के जीवंत उदाहरण हैं कि मनुष्य और प्रकृति एक-दूसरे की जरूरतों का सम्मान करते हुए कैसे सह-अस्तित्व में रह सकते हैं।
    • महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक भूमिकाएँ: यूनेस्को ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वे एक महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक भूमिका निभाते हैं, अनुसंधान और निगरानी के लिए एक साइट के रूप में कार्य करते हैं, मूल्यवान डेटा तथा अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं, जो पर्यावरण प्रबंधन और नीति निर्णयों को सूचित कर सकते हैं।
    • विकास और सुरक्षा के लिए: वे कुनमिंग-मॉन्ट्रियल ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क (Kunming-Montreal Global Biodiversity Framework) द्वारा निर्धारित वैश्विक विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं, अन्य बातों के साथ-साथ वर्ष 2030 तक पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र के महत्त्वपूर्ण हिस्सों की सुरक्षा एवं पुनर्स्थापन भी करते हैं।
    • जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन से सुरक्षा: वे अद्वितीय स्थानीय सतत् विकास विचारों को भी बढ़ावा देते हैं, जैव विविधता की रक्षा करते हैं और जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करते हैं।

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) के बारे में

यह एक संयुक्त राष्ट्र विशिष्ट एजेंसी है, जिसकी स्थापना वर्ष 1945 में लीग ऑफ नेशंस की बौद्धिक सहयोग पर अंतरराष्ट्रीय समिति के उत्तराधिकारी के रूप में की गई थी।

  • उद्देश्य: शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति, संचार और सूचना में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देकर शांति और सुरक्षा में योगदान देना।
  • सदस्य: भारत सहित 194 सदस्य देश और 12 सहयोगी सदस्य।
    • संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता अपने साथ यूनेस्को की सदस्यता का अधिकार भी रखती है। इजरायल, लिकटेंस्टीन, यूनेस्को के सदस्य राष्ट्र नहीं हैं।
  • मुख्यालय: पेरिस
  • रिपोर्ट: संयुक्त राष्ट्र विश्व जल विकास रिपोर्ट और वैश्विक शिक्षा निगरानी रिपोर्ट।
  • भारत और यूनेस्को: विश्व विरासत स्थल सूची में भारत के 42 स्थल हैं, जिनमें सबसे हालिया स्थल के रूप में वर्ष 2023 में होयसलस समूह को जोड़ा गया है।
    • भारत में पहला बायोस्फीयर रिजर्व नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व है जो तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल का हिस्सा है। 

मनुष्य और जैव विविधता (Man and Biodiversity- MAB) के बारे में

  • MAB एक अंतरसरकारी वैज्ञानिक कार्यक्रम है, जिसे वर्ष 1971 में यूनेस्को द्वारा शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य लोगों और उनके पर्यावरण के बीच संबंधों में सुधार के लिए वैज्ञानिक आधार स्थापित करना है।
  • महत्त्व: MAB मानव आजीविका में सुधार और लाभों के समान बँटवारे और प्राकृतिक और प्रबंधित पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए प्राकृतिक और सामाजिक विज्ञान, अर्थशास्त्र और शिक्षा को जोड़ता है, इस प्रकार आर्थिक विकास के लिए नवीन दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है, जो सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ है।

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