//php print_r(get_the_ID()); ?>
Lokesh Pal
July 12, 2024 05:00
220
0
एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तलाकशुदा मुस्लिम महिला भारतीय दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत अपने पति से गुजारा भत्ता मांग सकती है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125, शाहबानो मामला, शरीयत आवेदन अधिनियम, 1937, आदि। मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: भारत में मुस्लिम महिलाओं के लिए भरण-पोषण के अधिकार, लैंगिक समानता के साथ अल्पसंख्यक अधिकारों के संतुलन में चुनौतियां आदि। |
हालिया निर्णय मुस्लिम महिलाओं के लिए लैंगिक न्याय को मजबूत करता है, पितृसत्तात्मक मानदंडों को चुनौती देता है तथा धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में सुधारित, न्यायसंगत व्यक्तिगत कानूनों की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न :
भारत में मुस्लिम महिलाओं के भरण-पोषण अधिकारों के विकास पर चर्चा करें, व्यक्तिगत कानूनों, धर्मनिरपेक्ष विधान और न्यायिक हस्तक्षेपों के बीच परस्पर क्रिया पर प्रकाश डालें। इस संदर्भ में अल्पसंख्यक अधिकारों को लैंगिक समानता के साथ संतुलित करने में आने वाली चुनौतियों की आलोचनात्मक जांच करें। (15 अंक, 250 शब्द) |
<div class="new-fform">
</div>
Latest Comments