100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण

Lokesh Pal July 16, 2024 03:05 121 0

संदर्भ

भारत अपनी मुद्रा भारतीय रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का लक्ष्य बना रहा है, जिसमे चीनी युआन भारत की महत्त्वाकांक्षा के लिए एक महत्त्वपूर्ण चुनौती बनकर उभरा है।

रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण के बारे में

  • किसी मुद्रा का अंतरराष्ट्रीयकरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें अधिक-से-अधिक सीमा पार व्यापार के लिए उस मुद्रा का उपयोग शामिल होता है। 
    • रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए, इसका अर्थ है, कि अधिक-से-अधिक अंतरराष्ट्रीय भुगतान भारतीय मुद्रा में होने लगें।
  • अर्थ: भारतीय रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण का अर्थ किसी अन्य देश में भुगतान करने एवं वस्तुए खरीदने के लिए भारतीय मुद्रा का उपयोग करना नहीं है, बल्कि इसका मतलब मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय व्यापार तथा सीमा पार भुगतान करने के लिए मुद्रा का उपयोग करना है, जैसे US डॉलर का उपयोग न केवल अमेरिका बल्कि अन्य देशों के साथ भी लेन-देन के लिए किया जाता है। 
    • आरक्षित मुद्राएँ: वर्तमान में, अमेरिकी डॉलर, यूरो, जापानी येन एवं पाउंड स्टर्लिंग विश्व की प्रमुख आरक्षित मुद्राएँ हैं।

अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए आवश्यकताएँ

  • ट्रेड इनवॉयसिंग के लिए उपयोग: आर्थिक सर्वेक्षण 2023 के अनुसार, ट्रेड इनवॉयसिंग के लिए रुपये का बढ़ता उपयोग इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में माने जाने के लिए एक शर्त है।
    • रुपये को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा माने जाने के लिए वैश्विक विदेशी मुद्रा टर्नओवर में गैर-अमेरिकी, गैर-यूरो मुद्राओं के हिस्से के बराबर या उसके टर्नओवर में 4 प्रतिशत की वृद्धि होनी चाहिए।
      • अमेरिकी डॉलर का वैश्विक विदेशी मुद्रा टर्नओवर में 88 प्रतिशत हिस्सा है एवं यह प्रमुख व्हीकल करेंसी है, जबकि BIS त्रिवार्षिक सेंट्रल बैंक सर्वेक्षण (BIS Triennial Central Bank Survey) 2022 के अनुसार रुपये का वैश्विक विदेशी मुद्रा टर्नओवर में योगदान  सिर्फ 1.6 प्रतिशत है।
  • खुलापन: मुद्रा निपटान एवं एक मजबूत मुद्रा विनिमय तथा विदेशी मुद्रा बाजार का खुलापन, जिसमें निवासी एवं अनिवासी भारतीयों के बीच चालू खाता लेनदेन तथा विदेशी व्यापार के लिए रुपये को बढ़ावा देना शामिल है।
  • मुद्रा की पूर्ण परिवर्तनीयता: रुपये को अधिक अंतरराष्ट्रीय बनाने के लिए, इसे पूँजी खातों के लिए भी पूरी तरह से खोलना होगा एवं धन का प्रतिबंध-मुक्त सीमा-पार हस्तांतरण करना होगा।
    • चालू खाते में रुपया पूरी तरह से परिवर्तनीय है, लेकिन पूँजी खाते में आंशिक रूप से परिवर्तनीय है।

रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण के लाभ

  • मुद्रा की अस्थिरता से रक्षा: अंतरराष्ट्रीय व्यापार लेनदेन में रुपये के बढ़ते उपयोग से भारतीय व्यवसायों को मुद्रा की अस्थिरता से सुरक्षा मिलेगी एवं मुद्रा जोखिम भी कम होगा।
  • भारतीय रुपये को मजबूती: भारतीय रुपए में अधिक-से-अधिक लेन-देन हो रहे हैं, इसलिए रुपए की माँग बढ़ेगी, जिससे इसका मूल्य बढ़ेगा और मुद्रा परिवर्तन लागत कम करने में मदद मिलेगी।
  • विदेशी मुद्रा भंडार बनाए रखना: इससे भारत को विशाल विदेशी मुद्रा भंडार रखने की आवश्यकता कम हो जाएगी, जो मार्च 2024 तक $642.63 बिलियन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर है, जिससे भारत बाह्य आर्थिक परिवर्तनों  से अधिक सुरक्षित रहेगा।
  • सौदेबाजी की क्षमता: अंतरराष्ट्रीय लेन-देन में रुपये का उपयोग जितना अधिक होगा, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत की सौदेबाजी की क्षमता  उतनी ही अधिक होगी।

अंतरराष्ट्रीयकरण प्रयासों में प्रगति

  • सभी एशियाई मुद्रा संघ (Asian Currency Union- ACU) देशों के लिए व्यापार निपटान की अनुमति: RBI के निर्देशों के अनुपालन में सभी लेनदेन के संबंध में सभी एशियाई मुद्रा संघ (ACU) देशों के लिए रुपये के निपटान की सुविधा।
    • पहले के नियमों में सभी गैर-ACU देशों के लिए सभी सीमा पार लेनदेन (चालू और पूँजीगत) के लिए रुपए में प्राप्ति या भुगतान की अनुमति थी, जबकि बांग्लादेश, म्याँमार, पाकिस्तान तथा मालदीव जैसे कुछ ACU देशों के लिए ऐसी प्राप्ति या भुगतान की अनुमति नहीं थी।
  • रुपया वोस्ट्रो खाते: RBI ने वैश्विक व्यापार में रुपये को अधिक स्वीकार्य बनाने के लिए स्थानीय मुद्रा में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारत में कार्यरत 20 बैंकों को 22 देशों के साझेदार बैंकों के साथ 92 विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (Special Rupee Vostro Accounts- SRVAs) खोलने की अनुमति दी है।
  • स्थानीय मुद्रा में द्विपक्षीय व्यापार समझौता
    • संयुक्त अरब अमीरात: भारत ने कच्चे तेल को खरीदने के लिए संयुक्त अरब अमीरात को पहली बार रुपया में  भुगतान किया, जो ऐतिहासिक रूप से डॉलर आधारित था। 
      • भारत संयुक्त अरब अमीरात से सोने के आयात के लिए रुपये में भुगतान करता है एवं बदले में, संयुक्त अरब अमीरात भारत से रत्न तथा आभूषणों के भुगतान के लिए रुपये का प्रयोग कर रहा है।
    • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 18 देशों के बैंकों को रुपये में भुगतान करने की अनुमति दी है, जिसमें श्रीलंका, इजरायल, रूस, जर्मनी, सिंगापुर एवं यूनाइटेड किंगडम जैसे देश शामिल हैं। 
      • इसके अलावा 64 अन्य देशों ने भारत के साथ रुपये में व्यापार करने की मंशा व्यक्त की है। 

अंतरराष्ट्रीयकरण प्रयासों में चुनौतियाँ

  • रूस के साथ भुगतान निपटान में अनिश्चितता: रूस के पक्ष में उच्च व्यापार अंतर (वित्त वर्ष 2024 में $66 बिलियन के द्विपक्षीय व्यापार में $57 बिलियन का व्यापार घाटा) के कारण सस्ते कच्चे तेल का भारतीय आयात पिछले वर्ष के $10.6 बिलियन (12 गुना) से बढ़कर $51.3 बिलियन हो गया है।

  • कारण
    • रुपए के स्थिर होने का भय: मॉस्को के लिए रुपया निपटान प्रणाली पर सहमति के रूप में रुपया संचय वांछनीय नहीं है, क्योंकि इससे भारत को रूसी बाजार का लाभ उठाने की योजना के बिना 40 अरब डॉलर से अधिक का वार्षिक रुपया अधिशेष प्राप्त हो सकता है।
    • प्रतिबंध का भय: पश्चिमी प्रतिबंधों के भय के कारण भारतीय निजी बैंक रूस के साथ व्यापार करने में अनिच्छुक हैं, जबकि पश्चिमी देशों में उनकी शाखाएँ काफी संख्या में हैं।
    • कोई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) नहीं: भारतीय निर्यातकों को रूस के साथ व्यापार करते समय रुपया निपटान तंत्र का उपयोग करने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि बैंकों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) की अनुपस्थिति के कारण वे इसका उपयोग करने में असमर्थ थे।
    • मुद्रा में अस्थिरता: इसके अलावा, युआन के विपरीत रूबल और रुपये में काफी अस्थिरता देखी गई है, जिससे घरेलू मुद्रा में व्यापार जटिल हो गया है।
  • वैश्विक व्यापार में न्यूनतम हिस्सेदारी: वस्तुओं के वैश्विक निर्यात में भारत का हिस्सा लगभग 2% है और रुपया भी पूरी तरह परिवर्तनीय नहीं है, जिससे अन्य देशों के लिए रुपया रखने की इच्छा और आवश्यकता कम हो जाती है।
  • युआन चुनौती: RBIs के कार्य समूह ने कहा है कि अमेरिकी डॉलर के लिए सबसे स्पष्ट चुनौती चीनी रॅन्मिन्बी है, जिसमें चीन के मापदंडों  (अर्थव्यवस्था का आकार, उसके वित्तीय नेटवर्क की पहुँच एवं इसके वित्तीय बाजारों की गहराई तथा तरलता) पर संयुक्त राज्य अमेरिका से बराबरी करने की राह पर है।
    • उदाहरण: चूँकि रूस और चीन के बीच व्यापार ग्राफ अधिक संतुलित है, जिसके परिणामस्वरूप 95 प्रतिशत व्यापार घरेलू मुद्रा यानी चीनी युआन में होता है, जिससे युआन रूसी शेयर बाजार में सबसे अधिक माँग वाली मुद्रा बन गया है।
  • इसलिए रूसी तेल निर्यातक, भारतीय रिफाइनरियों से चीनी मुद्रा, या UAE दिरहम जैसे कुछ तीसरे पक्ष तंत्र में भुगतान का अनुरोध कर रहे हैं, जबकि रुपये का उपयोग काफी हद तक प्रतिबंधित है।

अंतरराष्ट्रीयकरण प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित उपाय

  • गैर-निवासियों के लिए INR खातों से संबंधित विनियमों को उदार बनाना: गैर-निवासियों के लिए रुपये खातों से संबंधित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (जमा) विनियमों की परामर्श में समीक्षा की जा रही है,
    • भारत से बाहर के निवासी व्यक्तियों (Persons Resident Outside India- PROIs) को देश के बाहर रुपया खाता खोलने के लिए,
    • भारतीय बैंकों द्वारा PROIs को रुपए में ऋण देने की सुविधा प्रदान करना।
    • विशेष अनिवासी रुपया एवं विशेष रुपया वोस्ट्रो खातों के माध्यम से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश तथा विदेशी पोर्टफोलियो निवेश सक्षम करना।
  • घरेलू संरचित वित्तीय संदेश प्रणाली (Structured Financial Messaging System- SFMS) का विस्तार: भारत स्थानीय मुद्राओं में सीमा पार भुगतान संदेश के लिए वैश्विक SFMS हब के माध्यम से अन्य देशों में अपने SFMS का विस्तार करेगा। 
    • इससे भारत को अन्य प्रमुख व्यापारिक मुद्राओं पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी एवं विदेशी मुद्रा प्रबंधन में मदद मिल सकती है।
  • GIFT सिटी पुश: RBI ने कहा कि वह विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के लिए FCY (विदेशी मुद्रा)-INR संयुक्त मुद्रा  के व्यापार को प्रोत्साहित करेगा।
  • अन्य उपाय: विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (Foreign Exchange Management Act- FEMA) के तहत (International Financial Services Centre- IFSC) (अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र) विनियमों की समीक्षा, FEMA के तहत कंपाउंडिंग कार्यवाही नियमों की समीक्षा, उदारीकृत धन प्रेषण योजना के अनुपात को युक्तिसंगत बनाना एवं आवक प्रेषण योजनाओं को युक्तिसंगत बनाना।
    • आवक प्रेषण योजनाओं में धन हस्तांतरण सेवा योजना एवं रुपया आहरण व्यवस्था शामिल हैं।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.