100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

केंद्रीय बजट 2024-2025

Lokesh Pal July 25, 2024 05:00 162 0

बजट: एक संक्षिप्त परिचय 

भारत के वित्त मंत्री ने 23 जुलाई, 2024 को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना लगातार सातवाँ बजट प्रस्तुत किया और पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ दिया। 

  • 23 जुलाई को प्रस्तुत किया जाने वाला बजट जून 2024 में पुनः निर्वाचित होने के बाद भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का पहला बजट है।

बजट के बारे में

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, केंद्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण भी कहा जाता है, यह आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित प्राप्तियों एवं व्यय का विवरण है।
    • उल्लेखनीय है कि संविधान में बजट शब्द का उल्लेख नहीं है।
  • बजट अवधि: 1 अप्रैल से 31 मार्च
  • तैयार किया जाता है: केंद्रीय वित्त मंत्रालय का आर्थिक मामलों का विभाग, बजट की तैयारी के लिए जिम्मेदार नोडल निकाय है।

  • बजट वर्गीकरण: केंद्रीय बजट को राजस्व बजट और पूंजीगत बजट में वर्गीकृत किया गया है।
    • राजस्व बजट: इसमें सरकार की राजस्व प्राप्तियाँ एवं व्यय शामिल हैं।
      • राजस्व प्राप्तियाँ: राजस्व प्राप्तियाँ दो प्रकार की होती हैं- कर राजस्व और गैर-कर राजस्व
      • राजस्व व्यय: यह सरकार के दिन-प्रतिदिन के कामकाज और नागरिकों को दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं पर किया जाने वाला व्यय है।
      • राजस्व घाटा: यदि राजस्व व्यय राजस्व प्राप्तियों से अधिक हो जाता है, तो सरकार को राजस्व घाटा होता है।
    • पूंजीगत बजट: इसमें पूंजीगत प्राप्तियाँ और पूंजीगत व्यय शामिल हैं।
      • पूंजीगत प्राप्तियाँ: नागरिक, विदेशी सरकारों और RBI से प्राप्त ऋण सरकार की पूंजीगत प्राप्तियों का एक बड़ा हिस्सा है।
      • पूंजीगत व्यय: यह मशीनरी, उपकरण, भवन, स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा आदि के विकास पर किया जाने वाला व्यय है।
      • राजकोषीय घाटा: राजकोषीय घाटा तब होता है जब सरकार का कुल व्यय उसके कुल राजस्व से अधिक हो जाता है।
  • भागों के आधार पर वर्गीकरण
    • बजट का भाग A: यह बजट का व्यापक आर्थिक भाग है, जिसमें सरकार की विभिन्न योजनाओं और प्राथमिकताओं की घोषणा की जाती है, और कई क्षेत्रों को आवंटन किया जाता है।
    • बजट का भाग B: यह वित्त विधेयक से संबंधित है, जिसमें आयकर संशोधन और अप्रत्यक्ष कर जैसे कराधान प्रस्ताव शामिल हैं।
  • संविधान के अनुच्छेद 110 के अनुसार, वित्त विधेयक एक धन विधेयक है।
  • प्रस्तुत किए गए अन्य दस्तावेज: केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण के अलावा, संसद में प्रस्तुत किए गए अन्य प्रमुख बजट दस्तावेज हैं:-
    • वार्षिक वित्तीय विवरण (अनुच्छेद 112 के अंतर्गत)
    • अनुदानों की मांगें (अनुच्छेद 113 के अंतर्गत)
    • वित्त विधेयक (अनुच्छेद 110 के अंतर्गत)
    • FRBM अधिनियम के अंतर्गत अनिवार्य राजकोषीय नीति विवरण
      • मैक्रो-इकोनॉमिक फ्रेमवर्क स्टेटमेंट
      • मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति सह राजकोषीय नीति रणनीति वक्तव्य
    • अन्य व्याख्यात्मक दस्तावेज जैसे व्यय बजट, प्राप्ति बजट, व्यय प्रोफाइल, बजट पर एक नजर, वित्त विधेयक में प्रावधानों की व्याख्या करने वाला ज्ञापन, आउटपुट आउटकम मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क, बजट 2024-25 की मुख्य विशेषताएँ और बजट घोषणाओं 2023-24 का कार्यान्वयन भी प्रस्तुत किए गए हैं।

बजट पर एक नजर

बजट में मुख्य फोकस

किसान, युवा, महिलाएँ, गरीब  

बजट की विषयवस्तु 

रोजगार, कौशल MSMEs, मध्यम वर्ग  

विकसित भारत के लिए प्राथमिकताएँ

(वित्त वर्ष 2024-25 के बजट के लिए 9 प्राथमिकता वाले क्षेत्र)

रुपया कहाँ से आता है और रुपया कहाँ को जाता है  

(बजट 2024-25)

राजस्व एवं पूँजी प्राप्तियाँ

तथा 

राजस्व एवं पूँजीगत व्यय

संशोधित कर संरचना
रेल बजट: एक नजर में  
पूँजीगत व्यय की प्रवृत्ति
कर प्राप्तियों में रुझान 
घाटे की प्रवृत्तियाँ
राजकोषीय घाटा 

वित्तपोषण के स्रोत

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कुल अंतरण
प्रमुख मदों का व्यय
प्रमुख योजनाओं के लिए आवंटन

बजट के मुख्य बिंदु

भाग A 

प्राथमिकता 1: कृषि में उत्पादकता और अनुकूलन

  • कृषि अनुसंधान में परिवर्तन: उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु अनुकूल किस्मों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा लागू करना।
  • नई किस्मों का विमोचन: किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी।
  •  प्राकृतिक कृषि 
    • अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए सहायता दी जाएगी, जिसमें प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था भी शामिल होगी।
    • 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। 
  • डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) 
    • 3 वर्षों में किसानों और उनकी जमीन को कवर करने के उद्देश्य से सरकार, राज्यों के साथ मिलकर कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) के कार्यान्वयन में सुविधा प्रदान करेगी। 
    • महत्वपूर्ण पहल
      • डिजिटल फसल सर्वेक्षण: इस वर्ष खरीफ के लिए 400 जिलों में आयोजित किया जाएगा।
      • किसान और भूमि रजिस्ट्री: 6 करोड़ किसानों और उनकी भूमि का विवरण किसान और भूमि रजिस्ट्री में लाया जाएगा।
      • किसान क्रेडिट कार्ड: जनसमर्थन आधारित किसान क्रेडिट कार्ड 5 राज्यों में सक्षम किए जाएंगे।
  • राष्ट्रीय सहकारिता नीति: सरकार सहकारी क्षेत्र के व्यवस्थित, सुव्यवस्थित और सर्वांगीण विकास के लिए राष्ट्रीय सहयोग नीति लाएगी।
  • नीति का लक्ष्य
    • ग्रामीण अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास और
    • बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का सृजन
    • इस वर्ष कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।  

प्राथमिकता 2:  रोजगार और कौशल

  • कौशल विकास और रोजगार के उद्देश्य से 5 योजनाएं अगले 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं को लक्षित करेंगी, जिसके लिए 2 लाख करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया गया है।
  • केंद्रीय बजट 2024-25 में नई रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा: वित्त मंत्री ने विनिर्माण और अन्य औपचारिक क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए तीन रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा की:
    • योजना A: पहली बार: 
      • लाभ: EPFO ​​में पंजीकृत नए कर्मचारियों को तीन किस्तों में एक महीने का वेतन (₹15,000 तक) प्रदान किया जाता है। 
      • पात्रता: पात्रता सीमा 1 लाख रुपये प्रति माह होगी 
      • प्रभाव: 210 लाख युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।
    • योजना B: विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन
      • फोकस: पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहित करना।
      • लाभ: रोजगार के पहले चार वर्षों के दौरान EPFO अंशदान के लिए कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है।
      • प्रभाव: 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।

    • योजना C: नियोक्ताओं को सहायता
      • फोकस: सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को कवर करता है।
      • लाभ: सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए EPFO अंशदान के लिए नियोक्ताओं को दो वर्ष  तक 3,000 रुपये प्रति माह तक की प्रतिपूर्ति करेगी।
      • पात्रता: 1 लाख रुपये प्रति माह तक कमाने वाले कर्मचारी।
      • प्रभाव: 50 लाख लोगों को अतिरिक्त रोजगार मिलने की उम्मीद है।
  • कौशल विकास कार्यक्रम
    • चौथी नई योजना: पांच वर्षों में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए केंद्र प्रायोजित योजना।
    • औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान: 1,000,  ITI को हब-एंड-स्पोक व्यवस्था के साथ उन्नत किया जाएगा।
  • शिक्षा ऋण
    • वित्तीय सहायता: घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए ₹10 लाख तक का ऋण
    • ई-वाउचर: प्रत्येक वर्ष 1 लाख छात्रों के लिए 3% की प्रत्यक्ष ब्याज सहायता।

प्राथमिकता 3: समग्र मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय

पूर्वोदय : सरकार बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को शामिल करते हुए देश के पूर्वी हिस्से के समग्र विकास के लिए एक पूर्वोदय योजना तैयार करेगी।

मुख्य फोकस क्षेत्रों में शामिल हैं: 

  • मानव संसाधन विकास
  • बुनियादी ढांचे का विकास
  • आर्थिक अवसर

  • आंध्र प्रदेश:
    • अमरावती को आंध्र प्रदेश की राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।
    • वित्तमंत्री ने घोषणा की कि इसके लिए बहुपक्षीय वित्त पोषण एजेंसियों से धन जुटाया जाएगा और केंद्र के माध्यम से इसे उपलब्ध कराया जाएगा।
  • बिहार:
    • सरकार ने बिहार में विभिन्न सड़क परियोजनाओं के लिए 26,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है।
    • मुख्य बुनियादी ढांचा परियोजना
      • अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारा
        • गया में औद्योगिक नोड: औद्योगिक विकास को बढ़ावा देता है और सांस्कृतिक विरासत को आधुनिक आर्थिक केंद्रों (विकास भी विरासत भी) के साथ एकीकृत करता है।
        • एक्सप्रेसवे: पटना-पूर्णिया, बक्सर-भागलपुर, बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा स्पर।
        • पुल: बक्सर में गंगा पर अतिरिक्त 2-लेन पुल।
      • विधुत संयंत्र: पीरपैंती में 2400 मेगावाट का नया संयंत्र। 
      • लागत: कनेक्टिविटी परियोजनाओं के लिए कुल ₹26,000 करोड़ और बिजली परियोजनाओं के लिए ₹21,400 करोड़
  • प्रधानमंत्री आवास योजना: देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन करोड़ अतिरिक्त आवास की घोषणा की गई है।
  • महिला नेतृत्व विकास: महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन।
  • प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान: सरकार जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों के लिए संतृप्ति कवरेज को अपनाकर प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू करेगी।
    • इससे 63,000 गांव लाभान्वित होंगे और 5 करोड़ जनजातीय लोग लाभान्वित होंगे।

प्राथमिकता 4: विनिर्माण और सेवाएं

  • MSME को बढ़ावा देने के लिए समर्थन: बजट में MSME और विनिर्माण, विशेष रूप से श्रम-प्रधान विनिर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
    • विनिर्माण क्षेत्र में MSME के लिए ऋण गारंटी योजना
      • MSME को मशीनरी और उपकरण खरीद के लिए बिना किसी संपार्श्विक के सावधि ऋण के लिए एक नई ऋण गारंटी योजना।
      • एक अलग से गठित स्व-वित्तपोषण गारंटी निधि, प्रत्येक आवेदक को 100 करोड़ रुपये तक की गारंटी कवर प्रदान करेगी, जबकि ऋण राशि अधिक हो सकती है।
    • MSME ऋण के लिए नया मूल्यांकन मॉडल
      • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऋण के लिए MSME का मूल्यांकन करने हेतु बाह्य मूल्यांकन पर निर्भर रहने के बजाय अपनी आंतरिक क्षमता का निर्माण करेंगे।

    • आर्थिक संकट के दौरान ऋण सहायता: आर्थिक संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र, जिसे सरकार द्वारा प्रवर्तित निधि द्वारा समर्थित किया जाता है।
    • मुद्रा ऋण: उन उद्यमियों के लिए मुद्रा ऋण की सीमा मौजूदा ₹ 10 लाख से बढ़ाकर ₹ 20 लाख कर दी जाएगी, जिन्होंने ‘तरुण’ श्रेणी के तहत पिछले ऋण का लाभ उठाया है और सफलतापूर्वक चुकाया है।
    • MSME क्लस्टरों में SIDBI शाखाएँ: SIDBI इस वर्ष 24 नई शाखाएँ खोलेगा, जो 3 वर्षों के भीतर 242 प्रमुख MSME क्लस्टरों में से 168 तक विस्तारित होगी।
    • खाद्य विकिरण, गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण के लिए MSME इकाइयाँ: 
    • MSME क्षेत्र में 50 बहु-उत्पाद खाद्य विकिरण इकाइयों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
    • NABL मान्यता प्राप्त 100 खाद्य गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना में सहायता की जाएगी।
    • औद्योगिक पार्क:
      • राज्यों और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में 100 शहरों में “प्लग एंड प्ले” औद्योगिक पार्कों का विकास।
      • राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत 12 नए औद्योगिक पार्क बनाये जायेगे।
    • खनिजों का अपतटीय खनन: सरकार पहले से किए गए अन्वेषण के आधार पर खनन के लिए अपतटीय ब्लॉकों की पहली खेप की नीलामी शुरू करेगी।

प्राथमिकता 5: शहरी विकास

  • विकास केन्द्र विन्दु के रूप में शहर: राज्यों के सहयोग से, केंद्र सरकार ‘विकास केन्द्र के रूप में शहरों’ के विकास को सुगम बनाएगी। 
    • उपलब्धि रणनीति: ‘विकास केन्द्र के रूप में शहरों’ का विकास आर्थिक और पारगमन नियोजन तथा नगर नियोजन योजनाओं का उपयोग करते हुए शहरी क्षेत्रों के व्यवस्थित विकास के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा।

  • शहरों का रचनात्मक पुनर्विकास: परिवर्तनकारी प्रभाव वाले मौजूदा शहरों के रचनात्मक ब्राउनफील्ड पुनर्विकास के लिए, सरकार सक्षम नीतियों, बाजार-आधारित तंत्र और विनियमन के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगी।
  • पारगमन उन्मुख विकास: 30 लाख से अधिक आबादी वाले 14 बड़े शहरों के लिए यह विकास योजनाएँ कार्यान्वयन और वित्तपोषण रणनीति के साथ तैयार की जाएँगी।
  • शहरी आवास: पीएम आवास योजना शहरी 2.0 के तहत, 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा।
    • कार्यान्वयन रणनीति: इसमें निम्नलिखित शामिल होंगे: 
      • केंद्रीय सहायता: अगले 5 वर्षों में ₹ 2.2 लाख करोड़
      • ब्याज सब्सिडी: सस्ती दरों पर ऋण की सुविधा के लिए
      • सक्षम नीतियां और विनियमन: बढ़ी हुई उपलब्धता के साथ कुशल और पारदर्शी किराये के आवास बाजारों के लिए

  • जल आपूर्ति एवं स्वच्छता: केंद्र सरकार बैंक योग्य परियोजनाओं के माध्यम से 100 बड़े शहरों के लिए जल आपूर्ति, सीवेज उपचार और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं और सेवाओं को बढ़ावा देगी।
    • इन परियोजनाओं में सिंचाई के लिए उपचारित जल के उपयोग तथा आस-पास के क्षेत्रों में टैंकों को भरने की भी परिकल्पना की जाएगी।
    • कार्यान्वयन: केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों और बहुपक्षीय विकास बैंकों के साथ साझेदारी में।
  • स्ट्रीट मार्केट: स्ट्रीट वेंडर्स के जीवन को बदलने में पीएम स्वनिधि योजना की सफलता के आधार पर, सरकार अगले पांच वर्षों में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक ‘हाट’ या स्ट्रीट फूड हब के विकास को समर्थन देने के लिए एक योजना की कल्पना करती है।
  • स्टाम्प ड्यूटी: उन राज्यों को केंद्र सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जाएगा जो सभी के लिए दरों को कम करने के लिए उच्च स्टाम्प ड्यूटी वसूलना जारी रखते हैं, और महिलाओं द्वारा खरीदी गई संपत्तियों के लिए शुल्क को और कम करने पर भी विचार करते हैं।
    • इस सुधार को शहरी विकास योजनाओं का अनिवार्य घटक बनाया जाएगा।

प्राथमिकता 6: ऊर्जा सुरक्षा

  • ऊर्जा संक्रमण: उपयुक्त ऊर्जा संक्रमण मार्गों पर एक नीति दस्तावेज तैयार किया जाएगा जो रोजगार, विकास और पर्यावरणीय स्थिरता की अनिवार्यताओं को संतुलित करेगा।
    • अंतरिम बजट में, उपलब्धता, पहुंच और सामर्थ्य के संदर्भ में ऊर्जा सुरक्षा के साथ-साथ उच्च एवं अधिक संसाधन-कुशल आर्थिक विकास को बनाए रखने की रणनीति की घोषणा की गई।
  • पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना: अंतरिम बजट में घोषणा के अनुरूप, 1 करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए छतों पर सौर संयंत्र स्थापित करने के लिए पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना शुरू की गई है।
    • उपलब्धि: इस योजना को 1.28 करोड़ से अधिक पंजीकरण और 14 लाख आवेदनों के साथ सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
  • पंप स्टोरेज नीति: उर्जा भंडारण के लिए पंप स्टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देने और समग्र ऊर्जा मिश्रण में अक्षय ऊर्जा की बढ़ती हिस्सेदारी के साथ-साथ इसकी परिवर्तनशील और आंतरायिक प्रकृति के सुचारू एकीकरण की सुविधा के लिए एक नीति लाई जाएगी।
  • छोटे और मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों का अनुसंधान और विकास: परमाणु ऊर्जा के विकसित भारत के लिए ऊर्जा मिश्रण का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भाग बनने की उम्मीद है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, सरकार निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी करेगी:
    • भारत लघु रिएक्टरों की स्थापना
    • भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर का अनुसंधान एवं विकास
    • परमाणु ऊर्जा के लिए नई प्रौद्योगिकियों का अनुसंधान एवं विकास
    • अंतरिम बजट में घोषित अनुसंधान एवं विकास निधि उपलब्ध कराई जाएगी।
  • उन्नत अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल (AUSC) थर्मल पावर प्लांट: बहुत अधिक दक्षता वाले उन्नत अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी का विकास पूरा हो गया है।
  • संयुक्त उद्यम की स्थापना: NTPC और BHEL के बीच एक संयुक्त उद्यम AUSC प्रौद्योगिकी का उपयोग करके 800 मेगावाट का पूर्ण पैमाने का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करेगा।

  • राजकोषीय सहायता: सरकार आवश्यक राजकोषीय सहायता प्रदान करेगी।
  • महत्व: इन संयंत्रों के लिए उच्च श्रेणी के इस्पात और अन्य उन्नत धातुकर्म सामग्री के उत्पादन के लिए स्वदेशी क्षमता के विकास से अर्थव्यवस्था को मजबूत लाभ होगा।
  • ‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों के लिए रोडमैप: ‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों को ‘ऊर्जा दक्षता’ लक्ष्य से ‘उत्सर्जन लक्ष्य’ तक ले जाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा। 
    • इन उद्योगों को वर्तमान ‘प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार’ मोड से ‘इंडियन कार्बन मार्केट’ मोड में बदलने के लिए उचित नियम लागू किए जाएंगे।
  • पारंपरिक सूक्ष्म और लघु उद्योगों को सहायता: पीतल और सिरेमिक सहित 60 क्लस्टरों में पारंपरिक सूक्ष्म और लघु उद्योगों का निवेश-ग्रेड ऊर्जा ऑडिट किया जाएगा।
  • अगला चरण: अगले चरण में इस योजना को अन्य 100 क्लस्टरों में दोहराया जाएगा।
  • वित्तीय सहायता: उन्हें ऊर्जा के स्वच्छ रूपों में स्थानांतरित करने और ऊर्जा दक्षता उपायों के कार्यान्वयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। 

प्राथमिकताः 7 अवसंरचना

  • केंद्र सरकार द्वारा बुनियादी ढांचा निवेश: बजट में अन्य प्राथमिकताओं और राजकोषीय समेकन की अनिवार्यताओं के साथ, अगले 5 वर्षों में बुनियादी ढांचे के लिए मजबूत राजकोषीय समर्थन बनाए रखने के लिए पूंजीगत व्यय के लिए 11,11,111 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। 
    • यह भारत की GDP का 3.4% होगा।

  • राज्य सरकारों द्वारा बुनियादी ढांचे में निवेश: राज्यों को उनके संसाधन आवंटन में सहायता देने के लिए इस वर्ष भी दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
    • केंद्र सरकार राज्यों को उनकी विकास प्राथमिकताओं के अधीन बुनियादी ढांचे के लिए समान पैमाने पर सहायता प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
  • बुनियादी ढांचे में निजी निवेश: निजी क्षेत्र द्वारा बुनियादी ढांचे में निवेश को व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण और सक्षम नीतियों और विनियमों के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY): PMGSY का चरण IV 25,000 ग्रामीण बस्तियों को सभी मौसमों के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए शुरू किया जाएगा, जो उनकी जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए पात्र हो गए हैं।
  • सिंचाई और बाढ़ शमन:
    • बिहार: यह राज्य अक्सर बाढ़ से पीड़ित रहता है, जिनमें से कई बाढ़ भारत के बाहर (नेपाल) से आती हैं। नेपाल में बाढ़ नियंत्रण संरचना बनाने की योजना अभी तक आगे नहीं बढ़ पाई है।
      • वित्तीय सहायता: त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम और अन्य स्रोतों के माध्यम से, केंद्र सरकार ₹ 11,500 करोड़ की अनुमानित लागत वाली परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, जैसे कोसी-मेची अंतर-राज्यीय लिंक और 20 अन्य चालू और नई योजनाएँ जिनमें बैराज, नदी प्रदूषण निवारण और सिंचाई परियोजनाएँ शामिल हैं।
    • कोसी से संबंधित बाढ़ शमन और सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण और जाँच भी की जाएगी।
  • असम: यह राज्य प्रत्येक वर्ष  भारत के बाहर से निकलने वाली ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदियों की बाढ़ से जूझता है। केंद्र सरकार बाढ़ प्रबंधन और संबंधित परियोजनाओं के लिए असम को सहायता प्रदान करेगी।
  • हिमाचल प्रदेश: पिछले वर्ष बाढ़ के कारण भारी नुकसान हुआ। केंद्र सरकार बहुपक्षीय विकास सहायता के माध्यम से पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए राज्य को सहायता प्रदान करेगी।
  • अन्य: केंद्र सरकार उत्तराखंड को सहायता प्रदान करेगी, जिसे बादल फटने और बड़े पैमाने पर भूस्खलन के कारण नुकसान उठाना पड़ा और सिक्किम को, जिसने विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन का सामना किया, जिसने पूरे राज्य में तबाही मचा दी।
  • पर्यटन: भारत को एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने से नौकरियां भी उत्पन्न होंगी, निवेश को बढ़ावा मिलेगा और अन्य क्षेत्रों के लिए आर्थिक अवसर खुलेंगे। 

  • अंतरिम बजट में उल्लिखित उपायों के अतिरिक्त, निम्नलिखित उपाय प्रस्तावित किए गए हैं:
    • बिहार में गया स्थित विष्णुपद मंदिर और बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर के लिए कॉरिडोर परियोजनाएं: इनके व्यापक विकास को समर्थन दिया जाएगा, जो काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की सफलता की तर्ज पर होगा, ताकि इन्हें विश्व स्तरीय तीर्थ और पर्यटन स्थलों में परिवर्तित किया जा सके।
      • दोनों मंदिरों का आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है।
    • राजगीर: राजगीर के लिए एक व्यापक विकास पहल की जाएगी।
      • हिंदुओं, बौद्धों और जैनियों के लिए यह बहुत बड़ा धार्मिक महत्व रखता है।
      • जैन मंदिर परिसर में 20वें तीर्थंकर मुनिसुव्रत मंदिर प्राचीन है।
      • सप्तऋषि या 7 गर्म झरने एक गर्म पानी का “ब्रह्मकुंड” बनाते हैं जो पवित्र है।
    • नालंदा: सरकार नालंदा विश्वविद्यालय को उसके गौरवशाली स्वरूप में पुनर्जीवित करने के अलावा नालंदा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने में सहायता करेगी।
    • ओडिशा: इसकी प्राकृतिक सुंदरता, मंदिर, स्मारक, शिल्पकला, वन्यजीव अभ्यारण्य, प्राकृतिक परिदृश्य और प्राचीन समुद्र तट इसे एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बनाते हैं। केंद्र सरकार इनके विकास के लिए सहायता प्रदान करेगी।

प्राथमिकता 8: नवाचार, अनुसंधान और विकास

  • अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान निधि: केंद्र सरकार बुनियादी अनुसंधान और प्रोटोटाइप विकास के लिए इस निधि का संचालन करेगी।
  • निजी क्षेत्र का समावेश: केंद्र सरकार अंतरिम बजट में की गई घोषणा के अनुरूप ₹ 1 लाख करोड़ के वित्तपोषण पूल के साथ वाणिज्यिक स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक तंत्र भी स्थापित करेगी।
  • अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था: अगले 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 5 गुना तक विस्तारित करने पर निरंतर जोर देने के साथ, ₹ 1,000 करोड़ का उद्यम पूंजी कोष स्थापित किया जाएगा।

 प्राथमिकता 9: अगली पीढ़ी के सुधार

  • आर्थिक नीति ढांचा: इसे आर्थिक विकास के लिए समग्र दृष्टिकोण को रेखांकित करने तथा रोजगार के अवसरों को सुविधाजनक बनाने और उच्च विकास को बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी के सुधारों का दायरा निर्धारित करने के लिए तैयार किया जाएगा।
    • सुधारों की शुरूआत और प्रोत्साहन:
      • उत्पादन के कारकों की उत्पादकता में सुधार
      • बाजारों और क्षेत्रों को अधिक कुशल बनाने में सहायता करना।
    • समावेशी कवरेज: ये सुधार उत्पादन के सभी कारकों, जैसे भूमि, श्रम, पूंजी और उद्यमिता, तथा प्रौद्योगिकी को कवर करेंगे, जो कुल कारक उत्पादकता में सुधार लाने और असमानता को कम करने में सहायक होगा।
    • राज्यों की भूमिका: इनमें से कई सुधारों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग और आम सहमति बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि देश का विकास राज्यों के विकास में निहित है।
      • प्रतिस्पर्धी संघवाद को बढ़ावा देने और सुधारों के तीव्र कार्यान्वयन के लिए राज्यों को प्रोत्साहित करने हेतु 50 वर्ष का ब्याज मुक्त ऋण प्रस्तावित है।
  • राज्य सरकारों द्वारा भूमि-संबंधी सुधार: ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में भूमि-संबंधी सुधार और कार्यवाहियाँ भूमि प्रशासन, योजना और प्रबंधन, तथा शहरी नियोजन, उपयोग और भवन उपनियमों को कवर करेंगी।
    • राजकोषीय सहायता: इन्हें उचित राजकोषीय सहायता के माध्यम से अगले 3 वर्षों के भीतर पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • ग्रामीण भूमि से संबंधित कार्य: इन कार्यों से ऋण प्रवाह और अन्य कृषि सेवाओं में सुविधा होगी। इसमें शामिल होंगे:
    • सभी भूमि के लिए विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (ULPIN) या भू-आधार का आवंटन
    • कैडस्ट्रल मानचित्रों का डिजिटलीकरण
    • वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र उप-विभाजनों का सर्वेक्षण
    • भूमि रजिस्ट्री की स्थापना
    • किसानो को  रजिस्ट्री से लिंक करना
  • शहरी भूमि संबंधी कार्य: शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को GIS मैपिंग के साथ डिजिटल किया जाएगा। संपत्ति अभिलेख प्रशासन, अद्यतनीकरण और कर प्रशासन के लिए एक IT आधारित प्रणाली स्थापित की जाएगी। 
    • इससे शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति में भी सुधार होगा।
  • श्रम संबंधी सुधार
    • श्रम के लिए सेवाएँ: ई-श्रम पोर्टलों का अन्य पोर्टलों के साथ व्यापक एकीकरण इस तरह के वन-स्टॉप समाधान की सुविधा प्रदान करेगा।
      • ओपन आर्किटेक्चर डेटाबेस: तेजी से बदलते श्रम बाजार, कौशल आवश्यकताओं और उपलब्ध नौकरी भूमिकाओं के लिए उपयोगी 
    • कनेक्शन तंत्र: नौकरी के इच्छुक लोगों को संभावित नियोक्ताओं और कौशल प्रदाताओं से जोड़ने के लिए एक तंत्र इन सेवाओं में शामिल किया जाएगा।

    • श्रम सुविधा और समाधान पोर्टल: उद्योग और व्यापार के लिए अनुपालन में आसानी बढ़ाने के लिए इनका नवीनीकरण किया जाएगा।
  • पूंजी और उद्यमिता संबंधी सुधार:
    • वित्तीय क्षेत्र की दृष्टि और रणनीति: अर्थव्यवस्था की वित्तीय आवश्यकताओ को पूरा करने के लिए, आकार, क्षमता और कौशल के मामले में क्षेत्र को तैयार करने के लिए एक वित्तीय क्षेत्र की दृष्टि और रणनीति दस्तावेज तैयार किया जाएगा।
      • निगरानी: यह अगले 5 वर्षों के लिए एजेंडा तय करेगा और सरकार, नियामकों, वित्तीय संस्थानों और बाजार सहभागियों के कार्य का मार्गदर्शन करेगा।
    • जलवायु वित्त के लिए वर्गीकरण: इसे जलवायु अनुकूलन और शमन के लिए पूंजी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए विकसित किया जाएगा। यह भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं और हरित संक्रमण की उपलब्धियों का समर्थन करेगा।
  • परिवर्तनशील पूंजी कंपनी संरचना: विमानों और जहाजों के पट्टे के वित्तपोषण के लिए एक कुशल और लचीला तरीका प्रदान करने और ‘परिवर्तनशील कंपनी संरचना’ के माध्यम से निजी इक्विटी के पूल किए गए फंड के लिए विधायी अनुमोदन की आवश्यकता होगी।
  • विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) और विदेशी निवेश (OI): FDI और OI के लिए नियम और विनियम सरल किए जाएंगे:
    • विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को सुविधाजनक बनाना
    • प्राथमिकता को बढ़ावा देना
    • OI के लिए मुद्रा के रूप में भारतीय रुपये का उपयोग करने के अवसरों को बढ़ावा देना

  • NPS वात्सल्य: यह नाबालिगों के लिए माता-पिता और अभिभावकों द्वारा अंशदान की योजना है। जो  वयस्क होने पर, योजना को सामान्य NPS खाते में आसानी से परिवर्तित किया जा सकता है।
  • प्रौद्योगिकी का उपयोग: केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण की दिशा में प्रौद्योगिकी को अपनाने में तेजी लाएगी।
    • उपलब्धि: पिछले 10 वर्षों के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में उत्पादकता में सुधार और असमानता को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है।
      • डिजिटल बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश और निजी क्षेत्र द्वारा नवाचारों ने सभी नागरिकों, विशेष रूप से आम लोगों की बाजार संसाधनों, शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवाओं तक पहुंच में सुधार करने में मदद की है।
  • व्यापार करने में आसानी (Ease of Doing Business): ‘व्यापार करने में आसानी’ को बढ़ाने के लिए, राज्यों को उनके व्यापार सुधार कार्य योजनाओं और डिजिटलीकरण के कार्यान्वयन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
    • केंद्र सरकार पहले से ही जन विश्वास विधेयक 2.0 पर कार्य कर रही है।
  • डेटा और सांख्यिकी: डेटा शासन, संग्रह, प्रसंस्करण और डेटा और सांख्यिकी के प्रबंधन में सुधार के लिए, डिजिटल इंडिया मिशन के तहत स्थापित किए गए विभिन्न क्षेत्रीय डेटा बेस का उपयोग प्रौद्योगिकी उपकरणों के सक्रिय उपयोग के साथ किया जाएगा।
  • नई पेंशन योजना (NPS): एक समाधान विकसित किया जाएगा जो आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए राजकोषीय विवेक बनाए रखते हुए प्रासंगिक मुद्दों को संबोधित करेगा।
  • रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया गया: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र की राष्ट्रीय परिषद के कर्मचारी पक्ष ने रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया है।
    • NPS की समीक्षा करने वाली समिति ने अपने कार्य में काफी प्रगति की है।

भाग-B 

कर प्रस्ताव

अप्रत्यक्ष कर 

  • GST: GST की सफलता से उत्साहित होकर, शेष क्षेत्रों में GST का विस्तार करने के लिए कर संरचना को सरल और युक्तिसंगत बनाया जाएगा।

क्षेत्र विशेष सीमा शुल्क प्रस्ताव

दवाइयां और चिकित्सा उपकरण
  • कैंसर की तीन दवाइयों ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन (Trastuzumab Deruxtecan), ओसिमर्टिनिब (Osimertinib) और डुरवालुमैब (Durvalumab) को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई है।
  • चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम के तहत मेडिकल एक्स-रे मशीनों में उपयोग के लिए एक्स-रे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टरों पर मूल सीमा शुल्क (BCD) में बदलाव।
मोबाइल फ़ोन और संबंधित पार्ट्स
  • मोबाइल फोन, मोबाइल प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (PCBA) और मोबाइल चार्जर पर BCD घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया।
कीमती धातु
  • सोने और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया तथा प्लैटिनम पर 6.4 प्रतिशत कर दिया गया।
अन्य धातुएं
  • फेरो निकेल और ब्लिस्टर कॉपर पर BCD हटा दिया गया।
  • फेरस स्क्रैप और निकेल कैथोड पर BCD हटा दिया गया।
  • कॉपर स्क्रैप पर 2.5 प्रतिशत की रियायती BCD।
इलेक्ट्रॉनिक
  • प्रतिरोधकों के विनिर्माण के लिए ऑक्सीजन मुक्त तांबे पर कुछ शर्तों के अधीन BCD को हटा दिया गया।
रसायन और पेट्रोरसायन
  • अमोनियम नाइट्रेट पर BCD 7.5 से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दी गई।
प्लास्टिक
  • पीवीसी फ्लेक्स बैनर पर BCD 10 से 25 प्रतिशत तक बढ़ा दी गई।
दूरसंचार उपकरण
  • निर्दिष्ट दूरसंचार उपकरणों के पीसीबीए पर BCD 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ा दी गई।
व्यापार सुविधा
  • घरेलू विमानन और नाव एवं जहाज MRO को बढ़ावा देने के लिए, मरम्मत के लिए आयातित माल के निर्यात की समय अवधि छह महीने से बढ़ाकर एक वर्ष कर दी गई।
  • वारंटी के तहत मरम्मत के लिए माल के पुनः आयात की समय-सीमा तीन से बढ़ाकर पांच वर्ष कर दी गई।
महत्वपूर्ण खनिज
  • 25 महत्वपूर्ण खनिजों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई।
  • दो महत्वपूर्ण खनिजों पर BCD घटाया गया।
सौर ऊर्जा
  • सौर सेल और पैनलों के विनिर्माण में उपयोग के लिए पूंजीगत वस्तुओं को सीमा शुल्क से छूट दी गई।
समुद्री उत्पाद
  • कुछ ब्रूडस्टॉक, पॉलीचेट वर्म्स, झींगा और मछली फ़ीड पर BCD घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया।
  • झींगा और मछली फ़ीड के निर्माण के लिए विभिन्न इनपुट को सीमा शुल्क से छूट दी गई।
चमड़ा और कपड़ा
  • बत्तख या हंस से प्राप्त वास्तविक डाउन फिलिंग सामग्री पर बीसीडी घटा दी गई।
  • स्पैन्डेक्स यार्न के निर्माण के लिए मेथिलीन डिफेनिल डायसोसाइनेट (MDI) पर BCD को शर्तों के अधीन 7.5 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया।

प्रत्यक्ष कर 

  • करों को सरल बनाने, करदाता सेवाओं में सुधार, कर निश्चितता प्रदान करने और मुकदमेबाजी को कम करने के प्रयास जारी रहेंगे।
  • सरकार की विकास और कल्याणकारी योजनाओं के वित्तपोषण के लिए राजस्व में वृद्धि।
  • वित्त वर्ष 2023 में सरलीकृत कर व्यवस्था से कॉर्पोरेट कर का 58 प्रतिशत, वित्त वर्ष 2024 में दो-तिहाई से अधिक करदाताओं ने व्यक्तिगत आयकर के लिए सरलीकृत कर व्यवस्था का लाभ उठाया।

धर्मार्थ कार्यों और TDS का सरलीकरण

  • धर्मार्थ संस्थाओं के लिए दो कर छूट व्यवस्थाओं को एक में विलय किया जाएगा।
  • कई भुगतानों पर 5 प्रतिशत TDS दर को 2 प्रतिशत TDS दर में विलय किया गया।
  • म्यूचुअल फंड या UTI द्वारा इकाइयों की पुनर्खरीद पर 20 प्रतिशत TDS दर वापस ली गई।
  • ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर TDS दर एक से घटाकर 0.1 प्रतिशत की गई।
  • टैक्स दाखिल करने की नियत तिथि तक TDS के भुगतान में देरी को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया।

पुनर्मूल्यांकन का सरलीकरण

  • कर निर्धारण वर्ष की समाप्ति से तीन वर्ष से लेकर पाँच वर्ष तक के अंतराल पर कर निर्धारण को पुनः खोला जा सकता है, यदि बची हुई आय 50 लाख रुपये या उससे अधिक हो। 
  • तलाशी के मामलों में, तलाशी के वर्ष से पहले की समय सीमा को दस वर्ष से घटाकर छह वर्ष कर दिया गया है।

पूंजीगत लाभ का सरलीकरण और युक्तिकरण

  • कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों पर अल्पावधि लाभ पर 20 प्रतिशत की कर दर लागू होगी।
  • सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घावधि लाभ पर 12.5 प्रतिशत की कर दर लागू होगी।
  • कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों पर पूंजीगत लाभ की छूट सीमा बढ़ाकर ₹ 1.25 लाख प्रति वर्ष कर दी गई।

करदाता सेवाएँ

  • सीमा शुल्क और आयकर की शेष सभी सेवाओं को, जिसमें सुधार और अपीलीय आदेशों को प्रभावी करने वाले आदेश भी शामिल हैं, अगले दो वर्षों में डिजिटल कर दिया जाएगा।

मुकदमेबाजी और अपील

  • अपील में लंबित आयकर विवादों के समाधान के लिए ‘विवाद से विश्वास योजना, 2024’।
  • कर न्यायाधिकरणों, उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में प्रत्यक्ष कर, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपील दायर करने की मौद्रिक सीमा क्रमशः ₹60 लाख, ₹2 करोड़ और ₹5 करोड़ तक बढ़ा दी गई।
  • मुकदमेबाजी को कम करने और अंतर्राष्ट्रीय कराधान में निश्चितता प्रदान करने के लिए सुरक्षित बंदरगाह नियमों का विस्तार किया गया।

रोजगार और निवेश

  • स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए सभी वर्ग के निवेशकों के लिए एंजल टैक्स को समाप्त कर दिया गया।
  • भारत में क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए घरेलू क्रूज संचालित करने वाली विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए सरल कर व्यवस्था।
  • देश में कच्चे हीरे बेचने वाली विदेशी खनन कंपनियों के लिए सुरक्षित बंदरगाह दरें।
  • विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट कर की दर 40 से घटाकर 35 प्रतिशत की गई।

कर आधार में वृद्धि

  • प्रतिभूतियों के वायदा और विकल्प पर सुरक्षा लेनदेन कर को बढ़ाकर क्रमशः 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत कर दिया गया है।
  • प्राप्तकर्ता के हाथों शेयरों की पुनर्खरीद पर प्राप्त आय पर कर लगाया जाएगा।

सामाजिक सुरक्षा के लाभ

  • नियोक्ता द्वारा NPS के लिए व्यय में कटौती को कर्मचारी के वेतन के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया जाएगा।
  • 20 लाख रुपये तक की छोटी चल विदेशी संपत्तियों की गैर-रिपोर्टिंग पर लगने वाले जुर्माने को समाप्त किया जाएगा।

वित्त विधेयक में अन्य प्रमुख प्रस्ताव

  • 2 प्रतिशत का समतुल्यीकरण शुल्क (Equalization levy) वापस ले लिया गया।

नई कर व्यवस्था के तहत व्यक्तिगत आयकर में परिवर्तन

  • वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 की गई।
  • पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती ₹15,000/- से बढ़ाकर ₹25,000/- की गई।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.