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Lokesh Pal
July 30, 2024 03:58
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हाल ही में भारत ने द्वितीय बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन) विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी की।
यह रिट्रीट सितंबर में होने वाली छठी शिखर बैठक की तैयारी के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें बिम्सटेक नेता कोविड महामारी के बाद के पहली बार व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे।
द्विपक्षीय लाभ |
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बिम्सटेक बंगाल की खाड़ी के तटीय और समीपवर्ती क्षेत्रों में स्थित सात सदस्य देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है, जो सात विविध क्षेत्रों में सहयोग करता है।
विश्व बैंक के आँकड़ों के अनुसार, इस समूह की संयुक्त जनसंख्या 1.8 बिलियन है, जो वैश्विक जनसंख्या का लगभग 22% है और वर्ष 2022 तक इसका संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद 4.5 ट्रिलियन डॉलर था, जो विश्व सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 4.4% था। अंकटाड (UNCTAD) के अनुसार, राष्ट्रों का संयुक्त बाह्य व्यापार 1.95 ट्रिलियन डॉलर या विश्व व्यापार का लगभग 6% था।
बिम्सटेक के सामने निम्नलिखित चुनौतियाँ हैं, जिनसे निपटने की आवश्यकता है:
क्षेत्रीय एकीकरण अब एक विकल्प नहीं बल्कि व्यापार संरक्षणवाद, युद्ध, जलवायु मुद्दों और ऊर्जा सुरक्षा जैसी साझा चुनौतियों के इस युग में राष्ट्रीय नीति का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसके अलावा, बिम्सटेक बहुपक्षीय सहयोग में आसियान की सफलता से सबक ले सकता है।
इस वर्ष भारत की एक्ट ईस्ट और नेबरहुड फर्स्ट नीतियों का एक दशक पूरा हो रहा है और बिम्सटेक पर जोर राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय कल्याण के लिए सहयोगात्मक विकास को जारी रखने के भारत के प्रयासों की अभिव्यक्ति है।
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