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आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक

Lokesh Pal August 02, 2024 04:57 133 0

संदर्भ

हाल ही में राज्य की राजधानियों और नगर निगमों वाले बड़े शहरों के लिए शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बनाने तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के कामकाज को मजबूत करने के लिए आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पेश किया गया।

संबंधित तथ्य

  • आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, राज्य सरकार द्वारा “राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल” के लिए प्रावधान करने का भी प्रयास करता है, जिसे गृह राज्य मंत्री द्वारा पेश किया गया।
    • पिछले कुछ दिनों में केरल, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं के कारण जानमाल की हानि हुई है।

आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक से संबंधित प्रावधान

  • इस विधेयक में आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 में संशोधन करने का प्रावधान है, जिसे आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए अधिनियमित किया गया था। 
  • आपदा प्रबंधन अधिनियम का मुख्य उद्देश्य आपदा प्रबंधन योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी और तैयारी के लिए आवश्यक संस्थागत तंत्र स्थापित करना, आपदाओं की रोकथाम और उनके प्रभावों को कम करने के लिए सरकार के विभिन्न अंगों द्वारा उपाय सुनिश्चित करना तथा किसी भी आपदा या आपदा की आशंका वाली स्थिति के लिए समग्र, समन्वित और त्वरित प्रतिक्रिया करना था। 

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA)

  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत में आपदा प्रबंधन के लिए शीर्ष वैधानिक निकाय है।
  • आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को राष्ट्रीय प्राथमिकता का महत्त्व देते हुए भारत सरकार ने अगस्त 1999 में एक उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी और वर्ष 2001 के गुजरात भूकंप के बाद एक राष्ट्रीय कमेटी का गठन आपदा प्रबंधन योजनाओं पर तैयारी की सिफारिश करने और प्रभावी शमन सुझाने हेतु किया।
  • इसका औपचारिक रूप से गठन 27 सितंबर, 2006 को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री अध्यक्ष और नौ अन्य सदस्य होंगे और इनमें से एक सदस्य को उपाध्यक्ष पद दिया जाएगा।
  • अधिदेश 
    • इसका प्राथमिक उद्देश्य प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के दौरान प्रतिक्रियाओं में समन्वय कायम करना और आपदा-प्रत्यास्थ (आपदाओं में लचीली रणनीति) व संकटकालीन प्रतिक्रिया हेतु क्षमता निर्माण करना है। 
    • आपदाओं के प्रति समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए आपदा प्रबंधन हेतु नीतियाँ, योजनाएँ और दिशा-निर्देश तैयार करने हेतु यह एक शीर्ष निकाय है।
  • विजन 
    • एक समग्र, अग्र सक्रिय तकनीक द्वारा संचालित और संवहनीय विकास रणनीति के द्वारा एक सुरक्षित और आपदा-प्रत्यास्थ भारत बनाना, जिसमें सभी हितधारकों की मौजूदगी हो तथा जो रोकथाम, तैयारी और शमन की संस्कृति का पालन करती हो।
  • दसवीं पंचवर्षीय योजना के अभिलेख में भी प्रथम बार आपदा प्रबंधन पर एक विस्तृत अध्याय है। बारहवें वित्त आयोग को भी आपदा प्रबंधन हेतु वित्तीय प्रबंध की समीक्षा हेतु अधिदेश दिया गया था।

    • इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर और जिला स्तर पर कुछ प्राधिकरण और समितियाँ स्थापित की गईं।
  • विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों के परामर्श से अधिनियम के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई है तथा केंद्र सरकार ने विकास योजनाओं में आपदा प्रबंधन को मुख्यधारा में लाने पर जोर दिया है।
  • आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्यरत प्राधिकरणों और समितियों की भूमिकाओं में अधिक स्पष्टता और अभिसरण, राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति और उच्च स्तरीय समिति जैसे कुछ पूर्व-अधिनियम संगठनों को वैधानिक दर्जा प्रदान करना और राष्ट्रीय कार्यकारी समिति और राज्य कार्यकारी समिति के बजाय राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर आपदा योजना तैयार करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को सशक्त बनाना है। 
    • विधेयक में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदा डेटाबेस के निर्माण का भी प्रावधान है।

आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005

  • इस अधिनियम को वर्ष 2005 में भारत सरकार द्वारा आपदाओं के कुशल प्रबंधन और इससे जुड़े अन्य मामलों के लिए पारित किया गया था। हालाँकि यह जनवरी 2006 में लागू हुआ।
  • उद्देश्य
    • आपदा प्रबंधन में शमन रणनीति तैयार करना, क्षमता निर्माण करना आदि शामिल है।
    • इस अधिनियम की धारा 2 (d) में “आपदा” को परिभाषित किया गया है, जिसके अंतर्गत आपदा का अर्थ प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों से उत्पन्न किसी भी क्षेत्र में “तबाही, दुर्घटना, आपदा या गंभीर घटना” से है।

अधिनियम की प्रमुख विशेषताएँ

  • नोडल एजेंसी
    • यह अधिनियम गृह मंत्रालय को समग्र राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन को संचालित करने के लिए नोडल मंत्रालय के रूप में नामित करता है।
  • संस्थागत संरचना 
    • यह राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरों पर संस्थानों की एक व्यवस्थित संरचना बनाए रखता है।

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