समकालीन भारतीय कला में अग्रणी सारा अब्राहम (Sara Abraham) का निधन हो गया।
समकालीन भारतीय कला में योगदान
नवीन दृष्टिकोण: सारा अब्राहम अपनी प्रयोगात्मक तकनीकों, पारंपरिक और आधुनिक कला रूपों के सम्मिश्रण के लिए प्रसिद्ध हैं।
मिश्रित मीडिया: वह पहचान, स्मृति और शहरी जीवन के विषयों पर प्रकाश डालने के लिए फोटोग्राफी, पेंटिंग और इंस्टॉलेशन आर्ट जैसे मिश्रित मीडिया का उपयोग करती हैं।
सामाजिक टिप्पणी: उनके कार्य अक्सर सामाजिक मुद्दों से संबंधित होते थे।
प्रदर्शनियाँ: अब्राहम की कला को भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित प्रदर्शनियों और दीर्घाओं में प्रदर्शित किया गया है, जिससे समकालीन भारतीय कला की वैश्विक दृश्यता बढ़ी है।
शैक्षिक प्रभाव: एक शिक्षक और मार्गदर्शक के रूप में, सारा अब्राहम ने अपनी शैक्षणिक भूमिकाओं के माध्यम से अगली पीढ़ी के कलाकारों को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है।
ई-साक्ष्य, न्याय सेतु, न्याय श्रुति और ई-समन ऐप्स
(e-Sakshya, Nyaay Setu, Nyaay Shruti and e-Summon apps)
केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री ने ई-साक्ष्य (e-Sakshya), न्याय सेतु (Nyaay Setu), न्याय श्रुति (Nyaay Shruti) और ई-समन (e-Summon) ऐप का शुभारंभ किया।
ई-साक्ष्य (e-Sakshya): सभी प्रकार की वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी और बयानों को इसके सर्वर पर संगृहीत किया जाएगा।
ई-समन (e-Summon): सभी साक्ष्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से न्यायालय से पुलिस स्टेशन तथा सम्मन प्राप्त करने वाले व्यक्ति को भेजे जाएँगे।
न्याय सेतु डैशबोर्ड: यह पुलिस, चिकित्सा, फोरेंसिक, अभियोजन और जेलों को आपस में जोड़ेगा।
न्याय श्रुति (Nyaay Shruti): न्यायालय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाहों की सुनवाई कर सकेगा।
किडलिंस (Kindlins)
हाल ही में किडलिंस (Kindlins) पर किए गए एक अध्ययन से कैंसर के उपचार का एक नया मार्ग सामने आया है।
किडलिंस (Kindlins)
परिचय: ये एडॉप्टर प्रोटीन हैं जो कोशिकाओं के अंदर पाए जाते हैं तथा लगभग सभी कशेरुकी कोशिका प्रकारों की कोशिका झिल्लियों से जुड़े होते हैं।
किंडलिन परिवार: किंडलिन परिवार में तीन प्रोटीन (किंडलिन 1, किंडलिन 2 और किंडलिन 3) शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक में अद्वितीय अमीनो एसिड अनुक्रम और ऊतक वितरण होते हैं।
सिग्नल ट्रांसडक्शन: किंडलिन कोशिकाओं के भीतर जैव रासायनिक सिग्नलों में बाह्यकोशिकीय यांत्रिक सिग्नलों को स्थानांतरित करते हैं। वे संरचनात्मक प्रोटीन, रिसेप्टर्स और प्रतिलेखन कारकों के साथ अंतर्संबंधित होते हैं, जिससे रासायनिक सिग्नल मिलना शुरू होता है।
संरचनात्मक व्यवधान का प्रभाव: किंडलिन प्रोटीन में व्यवधान यांत्रिक-रासायनिक संकेतन को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है, जिससे शरीर की प्रणालियों के समुचित रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक संतुलन बिगड़ सकता है।
उत्परिवर्तन और कार्सिनोजेन्स (Mutations and Carcinogens): किंडलिन्स विभिन्न रासायनिक और भौतिक कार्सिनोजेन्स, जैसे निकोटीन और पराबैंगनी किरणों के प्रभाव में उत्परिवर्तित हो सकते हैं।
उत्परिवर्तन का प्रभाव: उत्परिवर्तित किंडलिन प्रोटीन संभावित रूप से कोशिकाओं के भीतर वैश्विक यांत्रिक होमियोस्टेसिस को बाधित कर सकते हैं।
जेनेटिक स्क्रीनिंग
(Genetic Screening)
सात बार राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता टेबल टेनिस स्टार शरत कमल ने अपनी तैयारी उत्कृष्ट करने के लिए आनुवंशिक जाँच का विकल्प चुना।
जेनेटिक स्क्रीनिंग (Genetic Screening)
उद्देश्य: जेनेटिक स्क्रीनिंग किसी व्यक्ति के DNA का विश्लेषण करके उसके स्वास्थ्य, गुणों और प्रदर्शन को प्रभावित करने वाले आनुवंशिक रूपों की पहचान करता है।
यह आनुवंशिक स्थितियों की पुष्टि या बहिष्करण करने तथा आनुवंशिक विकारों के विकसित होने या उन्हें आगे बढ़ाने के जोखिम का आकलन करने के लिए गुणसूत्रों, जीनों या प्रोटीनों में परिवर्तनों का पता लगाता है।
नमूना स्रोत: परीक्षण रक्त, बाल, त्वचा, एमनियोटिक द्रव या अन्य ऊतकों के नमूनों का उपयोग करके किया जा सकता है।
जेनेटिक टेस्टिंग के प्रकार
साइटोजेनेटिक परीक्षण (Cytogenetic Testing): पूरे गुणसूत्रों की जाँच करता है।
जैव रासायनिक परीक्षण (Biochemical Testing): जीन द्वारा उत्पादित प्रोटीन को मापता है।
आणविक परीक्षण: छोटे DNA उत्परिवर्तन का पता लगाता है।
बेली ब्रिज (Bailey Bridge)
हाल ही में भारतीय सेना के मद्रास इंजीनियर ग्रुप ने भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित मुंडक्कई गाँव (Mundakkal village) तक पहुँचने के लिए चूरलमाला (Chooralmala) में एक बेली ब्रिज का निर्माण किया है।
बेली ब्रिज (Bailey Bridge)
परिचय: बेली ब्रिज एक मॉड्यूलर प्रकार का पुल है, जिसमें पूर्व-निर्मित भागों के लिए न्यूनतम निर्माण कार्य की आवश्यकता होती है और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित संयोजन की सुविधा होती है।
उत्पत्ति: युद्ध के दौरान उत्पन्न, इसका आविष्कार अंग्रेज सिविल इंजीनियर डोनाल्ड कोलमैन बेली ने द्वितीय विश्वयुद्ध (1939-45) के दौरान किया था, जैसा कि अमेरिकी सेना इंजीनियर स्कूल की मैनुअल में उल्लेख किया गया है।
कार्यविधि: बेली ब्रिज में पूर्व-निर्मित स्टील पैनल होते हैं, जो पिनों से जुड़े होते हैं, जो रेलिंग का कार्य करते हैं।
डेक बनाने के लिए इन रेलिंगों के माध्यम से बीम लगाए जाते हैं, जो स्थिरता के लिए लॉक किए जाते हैं।
इसके हल्के भागों के कारण इसे परिवहन और संयोजन में आसानी होती है, जिससे यह आपदा राहत और भारी उपकरणों के बिना युद्धकालीन उपयोग के लिए आदर्श बन जाता है।
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