100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

न्यायालय का विभाजित फैसला : आनुवंशिक रूप से संशोधित खाद्य फसलें

Lokesh Pal August 05, 2024 05:00 66 0

संदर्भ: 

हाल ही में, आनुवंशिक रूप से संशोधित खाद्य फसलों के विषय पर एक ऐतिहासिक परिवर्तन देखने को मिला, जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति संजय करोल की दो न्यायाधीशों की पीठ ने किसानों के खेतों में आनुवंशिक रूप से संशोधित (G.M.) सरसों की अनुमति देने के प्रश्न पर विभाजित फैसला सुनाया।

 

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलें, जीएम सरसों, आनुवंशिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (GEAC), आदि।

मुख्य परीक्षा के लिए प्रासंगिकता: आनुवंशिक रूप से संशोधित (GM) खाद्य फसलों के संभावित लाभ, आनुवंशिक रूप से संशोधित (GM) खाद्य फसलों से जुड़े जोखिम, आनुवंशिक रूप से संशोधित (GM) करने की प्रक्रिया आदि। 

भारत और आनुवंशिक रूप से संशोधित खाद्य फसल:

एकमात्र स्वीकृत बीज कपास

  • वर्तमान समय में भारत में स्वीकार्य एकमात्र आनुवंशिक रूप से संशोधित (GM) बीज कपास है। 
  • कपास की पैदावार में वृद्धि ने निजी और सार्वजनिक कृषि संस्थानों को चावल, गेहूं, टमाटर, बैंगन और सरसों जैसी खाद्य फसलों के लिए जीएम बीज विकसित करने के लिए प्रेरित किया है, हालांकि इनमें से कोई भी प्रावधान अब तक जारी नहीं किया गया है।

जीएम सरसों (DMH-11):

  • धारा सरसों हाइब्रिड-11 (DMH-11) सरसों प्रजाति ब्रैसिका जंसिया की आनुवंशिक रूप से संशोधित संकर किस्म है।
  • विशेषताएँ : यह किस्म शाकनाशी सहनशील  (herbicide tolerant) है।
  • जीएम सरसों की मूल किस्में:
    • प्रयुक्त किस्में:
      • भारतीय सरसों: ‘ वरुणा
      • पूर्वी यूरोपीय सरसों: ‘ अर्ली हीरा-2′
    • क्रॉस-ब्रीडिंग: जीएम सरसों इन दो किस्मों के संकरण से बनाई जाती है।
  • सरसों में आनुवंशिक संशोधन
    • बार्नेज़ और बारस्टार: इस किस्म के संशोधन में दो जीनों का उपयोग किया जाता है।
      • स्रोत: ये जीन मृदा जीवाणु बैसिलस एमाइलोलिकेफैसिएन्स से आते हैं।
    • उद्देश्य
      • उच्च उपज वाली संकर किस्म तैयार करना : जीन उच्च उपज वाले वाणिज्यिक सरसों संकर बनाने में मदद करते हैं
    • आनुवंशिक शुद्धता: “बार जीन” संकर बीज की आनुवंशिक शुद्धता को बनाए रखता है।
  • ध्यान देने का कारण : भारत खाद्य तेलों की भारी कमी से जूझ रहा है, इसकी 60% मांग आयात से पूरी होती है। इसलिए, देश में सरसों की उत्पादकता बढ़ाना किसानों का आर्थिक कल्याण और खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए महत्वपूर्ण है।
  • जीएम सरसों संकर, DMH-11 का महत्व: अधिक शक्ति और उपज, तथा खाद्य तेलों के घरेलू उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ कृषि आय में वृद्धि सुनिश्चित करना है।
  • अनुमोदन: 25 अक्टूबर, 2022 को भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (GEAC) ने D.M.H.-11 और इसकी पैतृक रेखा को खेती के लिए जारी करने की मंजूरी दी।
    • इससे देश में जीवंत आनुवंशिक इंजीनियरिंग अनुसंधान क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा तथा उन्नत गुणों वाली नई फसल किस्मों का उत्पादन संभव हो सकेगा।

भारत और आनुवंशिक रूप से संशोधित खाद्य फसल:

  • आनुवंशिक रूप से संशोधित (GM) फसलों की उत्पादन क्षमता के परिणामस्वरूप पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के नेतृत्व वाली वैज्ञानिक सलाहकार संस्था GEAC ने कुछ परीक्षणों के अधीन  , अक्टूबर 2022 में डीएमएच-11 को मंजूरी दी हैं।
  • दूसरी ओर, पर्यावरण विशेषज्ञों व समूहों ने कहा है कि D.M.H.-11 एक ‘शाकनाशी सहनशील’ फसल है। 
  • यह आनुवंशिक रूप से इस तरह से कोडित फसल है कि यह किसानों को कुछ विशेष प्रकार के कीटनाशकों का उपयोग करने के लिए मजबूर करता है, जिसके पर्यावरण पर विनाशकारी परिणाम पड़ते हैं अतः आरोप यह है कि डेवलपर्स ने इस जानकारी के साथ  पारदर्शिता नहीं बरती ।
  • इन निष्कर्षों तथा GEAC अनुमोदन को अरुणा रोड्रिग्स तथा संगठन, जीन कैम्पेन द्वारा न्यायालय में चुनौती दी गई है।
  • हालांकि, न्यायाधीशों में, इस बात पर आपस में असहमति है कि क्या GEAC सही था या नहीं। 
  • न्यायमूर्ति नागरत्ना के अनुसार, जीईएसी ने ‘एहतियाती सिद्धांत’ का उल्लंघन किया है, जिसके तहत किसी भी नए जीव या संशोधित तकनीक को, तब तक, पिंजरे में ही रखा जाना चाहिए, जब तक कि उसके परिणामों पर विचार-विमर्श न हो जाए। 
  • हालाँकि, न्यायमूर्ति करोल प्रक्रिया से संतुष्ट दिखे।
  • इसलिए, यह मामला भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक बड़ी पीठ के को भेज दिया गया है ।
  • हालाँकि, सबसे महत्वपूर्ण निर्णय न्यायालय द्वारा केन्द्र को जीएम फसलों पर नीति विकसित करने का आदेश देना था।
  • जीएम फसलों पर विवाद मूलतः वैचारिक है क्योंकि यह उपज और कृषि अर्थशास्त्र के पारंपरिक कृषि मानदण्डों पर कम आधारित है। 
  • भारत के कृषि इतिहास से यह बात और स्पष्ट हो जाती है, जहां पुराने समय की रामबाण औषधि, संकर बीज और कृत्रिम उर्वरक ने पैदावार और उत्पादकता में सुधार के साथ-साथ पर्यावरण को नुकसान भी पहुंचाया है। 
  • अतः न्यायालय और सरकार को अपने निर्णयों में, यह याद रखना चाहिए कि अच्छाई को पूर्णता का शत्रु नहीं माना जाना चाहिए।

निष्कर्ष

भारत में आनुवंशिक रूप से संशोधित (GM) फसलों पर हालिया चर्चाएं तकनीकी प्रगति और पर्यावरण सम्बन्धी चिंताओं के बीच टकराव को रेखांकित करती है इसके पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों के समाधान व सतत प्रगति के लिए एक संतुलित और पारदर्शी दृष्टिकोण आवश्यक है।

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न:

प्रश्न: भारत में आनुवंशिक रूप से संशोधित (G.M.) खाद्य फसलों को अपनाने से जुड़े संभावित लाभों और जोखिमों का आकलन करें। 

(15 अंक, 250 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.