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ग्रेट बैरियर रीफ में 400 वर्षों में सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया

Lokesh Pal August 12, 2024 01:36 79 0

संदर्भ

हाल ही में ‘चार शताब्दियों में सर्वाधिक समुद्री तापमान ने ग्रेट बैरियर रीफ को खतरे में डाला’ (Highest ocean heat in four centuries places Great Barrier Reef in danger) शीर्षक से एक अध्ययन प्रकाशित हुआ।

  • प्रकाशित: यह ‘जर्नल नेचर’ में प्रकाशित हुआ था।
  • ऑस्ट्रेलियाई समुद्री विज्ञान संस्थान (Australian Institute of Marine Science) के वैज्ञानिकों ने चल रही सामूहिक प्रवाल विरंजन घटना को अब तक की सबसे व्यापक और चरम घटना बताया है। 
    • ग्रेट बैरियर रीफ पर समुद्र का तापमान SST पिछले 407 वर्षों में सबसे अधिक है। 

अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष

  • अध्ययन में पाया गया है कि वर्ष 2016 और वर्ष 2024 के बीच दर्ज की गई सभी सामूहिक प्रवाल विरंजन घटनाएँ उच्च समुद्री सतह के तापमान के कारण हुईं। ग्रेट बैरियर रीफ ने अकेले पिछले दशक में पाँच सामूहिक विरंजन घटनाओं का अनुभव किया है। 

  • मानवजनित कारक (Anthropogenic factor): जलवायु मॉडल विश्लेषण पुष्टि करता है कि जलवायु प्रणाली पर मानवीय प्रभाव हाल के दशकों में तेजी से बढ़ रहे तापमान के लिए जिम्मेदार है। 
  • उच्चतम दर्ज तापमान: जनवरी-मार्च 2024 के बीच बड़े पैमाने पर प्रवाल विरंजन घटना में दर्ज किया गया SST औसत तापमान से 1.73 डिग्री सेल्सियस अधिक था। 
    • पूर्व उदाहरण
      • वर्ष 2016: औसत तापमान 1900 से पहले के तापमान से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक था। 
      • वर्ष 2017: तापमान 1.54 डिग्री अधिक था।
      • वर्ष 2020: दर्ज तापमान 1.53 डिग्री सेंटीग्रेड अधिक था।

ग्रेट बैरियर रीफ (Great Barrier Reef)

  • परिचय: ग्रेट बैरियर रीफ (GBR) विश्व की सबसे बड़ी प्रवाल भित्ति प्रणाली है। 
  • अवस्थित: क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया के कोरल सागर में। 2,300 किलोमीटर तक फैले इस द्वीप में लगभग 3,000 अलग-अलग प्रवाल चट्टानें और 900 द्वीप शामिल हैं। 
  • विश्व धरोहर: ग्रेट बैरियर रीफ (GBR) डुगोंग और बड़े ग्रीन टर्टल जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों का निवास स्थान भी है। यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित, इसे वर्ष 1981 में सूची में जोड़ा गया था। 
  • समुद्री संरक्षित क्षेत्र: ग्रेट बैरियर रीफ का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा समुद्री संरक्षित क्षेत्र के रूप में नामित है, जिसकी निगरानी ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट बैरियर रीफ समुद्री पार्क प्राधिकरण (Great Barrier Reef Marine Park Authority) द्वारा की जाती है। 

  • नमूनों का विश्लेषण: वैज्ञानिकों ने 22 स्थानों से सदियों पुराने प्रवालों को ड्रिल करके निकाला और उनकी कंकाल संरचना में तनाव बैंड का उपयोग करके 1980 के दशक से पहले और वर्ष 1877-78 के अल नीनो (El Nino) के दौरान बड़े पैमाने पर प्रवाल विरंजन के साक्ष्य की खोज की। 
    • तनाव बैंड से पता चलता है कि प्रवाल विरंजन 1800 के दशक के दौरान या यहाँ तक ​​कि 1900 के दशक के अधिकांश समय में नहीं हुआ था।
  • जलवायु मॉडलिंग (Climate Modeling): वैज्ञानिकों ने वर्ष 1618 से दर्ज तापमान को पुनर्व्यवस्थित किया और उनकी तुलना आधुनिक काल में दर्ज किए गए समुद्र के तापमान से की।  
    • ग्रेट बैरियर रीफ पर बड़े पैमाने पर प्रवाल विरंजन का पहला आधुनिक साक्ष्य 1980 के दशक में देखा गया था, लेकिन यह घटनाएँ व्यापक नहीं थीं और प्रकृति में कम गंभीर थीं। 
    • विश्लेषण से पता चलता है कि 19वीं शताब्दी के आसपास जैसे-जैसे महासागर गर्म होने लगे, विरंजन की घटना रीफ के लिए अधिक हानिकारक होने लगी। 
  • सुनिश्चित विनाश (Assured Destruction): यह निष्कर्ष निकाला गया कि पेरिस समझौते के अनुसार, वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने पर भी आज मौजूद प्रवाल भित्तियों पर 70-90 प्रतिशत प्रवाल नष्ट हो सकते हैं। 
    • 2 डिग्री सेल्सियस से अधिक वैश्विक तापमान वृद्धि से प्रवाल पारिस्थितिकी तंत्र पर विनाशकारी परिणाम होंगे। 
  • रीफ पारिस्थितिकी तंत्र में परिवर्तन (Changes in the Reef Ecosystem): सामान्य दृष्टिकोण के साथ, भविष्य के प्रवालों की सामुदायिक संरचना भिन्न होगी तथा प्रवाल प्रजातियों में बहुत कम विविधता होगी, जिससे रीफ पारिस्थितिकी तंत्र सामान्य हो जाएगा तथा समुद्री जीवन की विविधता पर अत्यधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। 
  • अनुकूलन रणनीति (Adaptation Strategy): ग्रेट बैरियर रीफ के लिए एकमात्र व्यावहारिक संरक्षण समाधान यानी कोरल अनुकूलन (Coral Adaptation) और अनुकूलन रणनीतियों (Acclimatisation Strategies) में सीमाएँ हैं, मॉडल अनुमानों से पता चलता है कि अनुकूलन की दरें वैश्विक तापमान वृद्धि की गति से मेल नहीं खा रही हैं। 
    • तापीय तनाव स्तर (Thermal Stress Level): विभिन्न प्रवाल प्रजातियों में तापीय तनाव की सीमा अलग-अलग होती है, जैसे एक्रोपोरा (Acropora) प्रजाति तापीय तनाव के प्रति काफी संवेदनशील मानी जाती है, लेकिन पोरीटेस (Porites) जीनस की प्रजातियाँ अधिक प्रतिरोधी होती हैं।

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