राष्ट्रपति द्वारा वर्ष 2024 के लिए राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (RVP) के प्रथम संस्करण में 33 वैज्ञानिकों को सम्मानित किया जाएगा।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस: पुरस्कारों की घोषणा प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (11 मई) पर की जाएगी और पुरस्कार समारोह 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस (चंद्रयान -3 के चंद्रमा पर उतरने की उपलब्धि का जश्न मनाते हुए) पर आयोजित किया जाएगा।
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार विज्ञान के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों का एक नया समूह है, जिसे प्रतिष्ठित शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार और व्यक्तिगत विभागों द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कारों जैसे सभी मौजूदा विज्ञान पुरस्कारों को समाप्त करने के बाद स्थापित किया गया था।
विज्ञान युवा, शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार का प्रतिस्थापन है, जो CSIR द्वारा 45 वर्ष से कम आयु के उत्कृष्ट वैज्ञानिकों को दिया जाता था।
उद्देश्य: देश के विकास और कल्याण के लिए वैज्ञानिक समुदाय द्वारा किए गए उल्लेखनीय और प्रेरक योगदान को मान्यता देना।
सम्मान: पुरस्कार विजेताओं को भारत के राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक सनद (प्रमाण-पत्र) और एक पदक प्रदान किया जाएगा।
एक स्मारक चिह्न
योग्यता
विज्ञान के किसी भी क्षेत्र में काम करने वाले सभी वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीविद और नवप्रवर्तक जिन्होंने अग्रणी अनुसंधान, नवप्रवर्तन या नवीन प्रौद्योगिकियों की खोज/महत्त्वपूर्ण सामाजिक प्रभाव में योगदान दिया है।
विदेश में भारतीय मूल के वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीविद और नवप्रवर्तक, जिन्होंने भारतीय समुदायों या बड़े पैमाने पर समाज को लाभ पहुँचाने में असाधारण योगदान दिया है, वे भी पात्र होंगे।
संबंधित क्षेत्र: ये पुरस्कार निम्नलिखित 13 क्षेत्रों में दिए जाएँगे, अर्थात्,
भौतिक विज्ञान; रसायन विज्ञान; जैविक विज्ञान; गणित और कंप्यूटर विज्ञान; पृथ्वी विज्ञान; चिकित्सा; इंजीनियरिंग विज्ञान; कृषि विज्ञान; पर्यावरण विज्ञान; प्रौद्योगिकी और नवाचार; परमाणु ऊर्जा; अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी; अन्य
श्रेणियाँ: पुरस्कार में 4 श्रेणियाँ हैं, सभी श्रेणियों के अंतर्गत पुरस्कारों की कुल संख्या 56 है।
विज्ञान रत्न (VR): यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में की गई जीवन भर की उपलब्धियों और योगदान को मान्यता देता है। इस शीर्षक के तहत अधिकतम 03 व्यक्तियों का चयन किया जा सकता है।
उदाहरण: भारतीय विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक जी पद्मनाभन (86), एक प्रसिद्ध जैव रसायनज्ञ हैं, जो मलेरिया परजीवी पर अपने काम के लिए जाने जाते हैं।
विज्ञान श्री (VS): यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट योगदान को मान्यता देने के लिए है। अधिकतम 25 लोगों का चयन किया जा सकता है।
उदाहरण: अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम को तारा समूहों और आकाशगंगाओं के निर्माण और विकास के क्षेत्र में उनके शोध के लिए चुना गया है।
विज्ञान युवा- शांति स्वरूप भटनागर (VY-SSB): यह पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले युवा वैज्ञानिकों (आयु 45 वर्ष तक) को मान्यता देने और प्रोत्साहित करने के लिए दिया जाता है। अधिकतम 25 व्यक्ति।
उदाहरण: टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई के विवेक पोलशेट्टीवार को कार्बन कैप्चर प्रौद्योगिकियों पर उनके कार्य के लिए विज्ञान युवा पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
विज्ञान टीम (VT): यह पुरस्कार तीन या उससे अधिक वैज्ञानिकों/ शोधकर्ताओं/नवप्रवर्तकों की टीम को दिया जाता है, जिन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में एक टीम के रूप में काम करते हुए असाधारण योगदान दिया हो। अधिकतम सीमा 3 टीमें हैं।
उदाहरण: चंद्रयान-3 टीम को पिछले वर्ष चंद्रमा पर भारत का पहला अंतरिक्ष यान उतारने के लिए विज्ञान टीम पुरस्कार मिला है।
चयन प्रक्रिया
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार समिति (RVSP) का गठनप्रत्येक वर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
अध्यक्ष: भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA)
सदस्य
06 विज्ञान मंत्रालयों/विभागों (DST, DBT, DSIR / CSIR, MoES, DoS और DAE) के सचिव
विज्ञान और इंजीनियरिंग अकादमियों के 4 चयनित अध्यक्ष
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों से छह प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीविद्।
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