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78वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का भाषण: मुख्य अंश

Lokesh Pal August 16, 2024 05:47 139 0

संदर्भ

भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर, अपने लगातार 11वें संबोधन में, प्रधानमंत्री ने समान नागरिक संहिता (UCC) पर जोर दिया, इसे संविधान में निहित ‘धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता’ एवं सभी नागरिकों के लिए कानूनी समानता सुनिश्चित करने का मार्ग बताया।

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण के मुख्य अंश

  • थीम: ‘विकसित भारत’।
  • समान नागरिक संहिता
    • UCC के लिए सिफारिश: वर्तमान सांप्रदायिक नागरिक संहिता को बदलने एवं कानून के समक्ष समानता सुनिश्चित करने के लिए एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
    • संवैधानिक संदर्भ: UCC की सिफारिश करते हुए, इसके खिलाफ विपक्ष के विचारों की आलोचना करते हुए, राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों के अनुच्छेद-44 का संदर्भ दिया गया।
      • राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों के अनुच्छेद-44 में कहा गया है कि राज्य अपने नागरिकों के लिए पूरे भारत में एक समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code- UCC) प्रदान करने का प्रयास करेगा।
  • विकसित भारत 2047: विकसित भारत 2047 के विजन के लिए भारत तेजी से प्रयास कर रहा है।
    • विकसित भारत 2047 एक अभियान है, जो वर्ष 2047 तक अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी के अवसर पर एक विकसित भारत की कल्पना करता है।
    • इसका उद्देश्य बुनियादी ढाँचे, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, प्रौद्योगिकी एवं सतत् विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों से निपटना है।
  • महिला सुरक्षा
    • कार्रवाई का आह्वान: महिलाओं के खिलाफ अपराधों में त्वरित जाँच एवं दोषसिद्धि के लिए आग्रह किया गया, मीडिया को निवारक के रूप में कार्य करने के लिए अपराधियों का नाम बताने तथा उन्हें शर्मिंदा करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
  • आर्थिक स्थिरता
    • अराजक तत्त्वों की आलोचना: बाजार की स्थिरता को प्रभावित करने वाली रिपोर्टों एवं आलोचनाओं का परोक्ष संदर्भ देकर अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का प्रयास करने वाले तत्त्वों के खिलाफ चेतावनी दी गई है।
    • भ्रष्टाचार-निरोध के प्रति प्रतिबद्धता: भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

पिछले दस वर्षों में कुछ क्षेत्रों में सरकार की प्रमुख उपलब्धियाँ

  • अंतरिक्ष क्षेत्र
    • स्वतंत्र अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए निजी उद्यमों को प्रोत्साहित करना और सक्षम बनाना: सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) के गठन को भी मंजूरी दी है, जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक भाग के रूप में कार्य करेगा, जिससे निजी कंपनियों को केवल विक्रेता या आपूर्तिकर्ता होने के बजाय स्वतंत्र अभिनेता बनने में मदद मिलेगी।
    • अन्य उपलब्धियाँ: अंतरिक्ष अन्वेषण में इसरो की उपलब्धियों में चंद्र अन्वेषण के लिए चंद्रयान मिशन, 2013 में मार्स ऑर्बिटर मिशन (मंगलयान) के साथ भारत का पहला अंतरग्रहीय अभियान और वर्ष 2015 में एस्ट्रोसैट का प्रक्षेपण शामिल है, जो देश का पहला समर्पित खगोलीय मिशन था।
  • कृषि क्षेत्र
    • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana- PMFBY): यह योजना किसान नामांकन के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना बन गई है और साथ ही बीमा प्रीमियम के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी योजना है।
    • यूरिया पर सब्सिडी: किसानों को 300 रुपये प्रति बैग यूरिया उपलब्ध कराया गया, जिससे कुल 10 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी मिली।
    • मुद्रा योजना: मुद्रा योजना के लिए 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए, जिससे आठ करोड़ लोगों को नया व्यवसाय शुरू करने में सहायता मिली, जिससे 8-10 करोड़ व्यक्तियों के लिए रोजगार का सृजन हुआ।
    • ई-नाम (e-Nam) पोर्टल: 31 जनवरी, 2024 तक 1.77 करोड़ किसान और 2.53 लाख व्यापारी ई-नाम पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं।
    • कुल खाद्यान्न उत्पादन: वित्त वर्ष 2023 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 329.7 मिलियन टन था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14.1 मिलियन टन की वृद्धि दर्शाता है।
    • पीएम किसान सम्मान निधि: 2.5 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में जमा किए गए।
  • विनिर्माण क्षेत्र: भारत का विनिर्माण क्षेत्र वर्ष 2025-26 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की ओर अग्रसर है, जिसका नेतृत्व गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु कर रहे हैं, जिसे ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कपड़ा उद्योगों में निवेश से बल मिल रहा है। मेक इन इंडिया और PLI योजनाओं जैसी सरकारी पहल विकास को बढ़ावा देती हैं, FDI को आकर्षित करती हैं और औद्योगिक बुनियादी ढाँचे को बढ़ाती हैं।​
    • COVID-19 के दौरान MSMEs के लिए सहायता: महामारी के दौरान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को समर्थन देने के लिए लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए गए।
  • सामाजिक क्षेत्र
    • स्थानीय निकायों का विकास: स्थानीय निकायों के विकास के लिए आवंटन ₹70,000 करोड़ से बढ़कर ₹3 लाख करोड़ से अधिक हो गया।
    • गरीबों के लिए आवास: गरीबों के लिए घर बनाने में निवेश ₹90,000 करोड़ से बढ़कर ₹4 लाख करोड़ से अधिक हो गया।
    • वन रैंक वन पेंशन पहल: ‘वन रैंक वन पेंशन’ योजना के लिए ₹70,000 करोड़ आवंटित किए गए, जिससे सेवानिवृत्त सैनिकों और उनके परिवारों को लाभ मिलेगा।
    • नया मध्यम वर्ग: पहले पाँच वर्ष के कार्यकाल के दौरान 13.5 करोड़ व्यक्ति गरीबी से मध्यम वर्ग में आ गए हैं।
    • पीएम स्वनिधि योजना: पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से स्ट्रीट वेंडरों की सहायता के लिए ₹50,000 करोड़ आवंटित किए गए।
    • विश्वकर्मा योजना: कुशल कारीगरों (बुनकर, सुनार, लोहार, आदि) को लाभ पहुँचाने के लिए नई योजना, जिसका आरंभिक आवंटन ₹13-15 हजार करोड़ है।
    • जल जीवन मिशन: हर घर को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए ₹2 लाख करोड़ खर्च किए गए।
  • स्वास्थ्य क्षेत्र 
    • आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana): गरीबों को दवा, उपचार और गुणवत्तापूर्ण अस्पताल देखभाल प्रदान करने के लिए ₹70,000 करोड़ खर्च किए गए।
    • कोविड-19 के दौरान मुफ्त टीकाकरण: कोरोना संकट के दौरान मुफ्त टीके उपलब्ध कराने में ₹40,000 करोड़ का निवेश किया गया।
    • पशुधन टीकाकरण: पशुओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए पशुधन टीकाकरण में लगभग ₹15,000 करोड़ का निवेश किया गया।


  • बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को लेकर चिंता
    • व्यावहारिक रुख: बांग्लादेश में हिंदुओं एवं अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए चिंता व्यक्त की, पड़ोसी देशों में शांति तथा सद्भाव की सिफारिश की।
  • एक राष्ट्र, एक चुनाव
    • समकालिक चुनाव: संसद एवं राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव का आह्वान नए सिरे से किया गया, जिससे इस मुद्दे पर प्रमुख राजनीतिक दलों को विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
    • वंशवादी राजनीति का मुकाबला: राजनीति में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने एवं वंशवादी प्रभाव का मुकाबला करने की सिफारिश की गई।
  • NEET एवं चिकित्सा शिक्षा
    • मेडिकल सीटों में बढ़ोतरी: NEET विवाद के जवाब में देश भर में 75,000 मेडिकल शिक्षा सीटें बढ़ाने की घोषणा की।
  • भविष्य का एजेंडा: चिप-सेमीकंडक्टर निर्माण को आगे बढ़ाने, डिजाइन मानकों में सुधार एवं शिक्षा में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए लक्ष्य निर्धारित करना।
  • उपलब्धियाँ: जल जीवन मिशन, जिसका लक्ष्य प्रत्येक घर में पीने योग्य जल उपलब्ध कराना है, अब प्रभावशाली 15 करोड़ लाभार्थियों तक पहुँच गया है।
    • प्रत्येक डाइनिंग टेबल पर वांछित सुपरफूड के रूप में बाजरा या ‘श्री अन्न’ के वैश्विक प्रचार को प्रोत्साहन दिया गया।
    • भारत एकमात्र G20 देश है, जिसने अपने पेरिस समझौते के जलवायु लक्ष्यों को समय से पहले पूरा किया है, जो जलवायु कार्रवाई के प्रति देश की प्रतिबद्धता की क्षमता एवं उपलब्धि को दर्शाता है।

भारत के स्वतंत्रता दिवस संबोधन के लिए दिल्ली के लाल किले को चुने जाने का कारण

  • राजनीतिक रूप से दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व
    • दिल्ली सल्तनत (1206-1506ईस्वी) के तहत दिल्ली एक प्रमुख राजधानी बन गई।
    • मुगल वंश के संस्थापक बाबर ने दिल्ली को ‘पूरे हिंदुस्तान की राजधानी’ कहा था।
    • शाहजहाँ ने 1648 ईसवी में शाहजहानाबाद (पुरानी दिल्ली) का निर्माण कर दिल्ली को फिर से मुगल राजधानी के रूप में स्थापित किया, जिसका केंद्रबिंदु लाल किला था।
  • लाल किले का प्रतीकात्मक महत्त्व
    • मुगलों ने वर्ष 1857 तक लाल किले से शासन किया, यह किला उनके अधिकार का प्रतीक था।
    • मुगल सत्ता के पतन के बावजूद, लाल किला ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान भी वैध शासन का प्रतीक बना रहा।
  • ब्रिटिश शाही नियंत्रण एवं लाल किला
    • वर्ष 1857 के विद्रोह के बाद, अंग्रेजों ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया एवं लाल किले से उसकी मुगल भव्यता छीन ली, तथा इसे ब्रिटिश छावनी में बदल दिया।
  • प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में लाल किला
    • सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में, भारतीय राष्ट्रीय सेना (Indian National Army- INA) जापान की सहायता करते हुए वर्ष 1943 में भारत की ओर बढ़ी। 
    • हालाँकि प्रयास विफल रहा एवं बोस की एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई, लेकिन बाद में लाल किले (1945-1946) में INA अधिकारियों के देशद्रोह ट्रायल ने व्यापक सहानुभूति जगाई तथा राष्ट्रवादी भावनाओं को तीव्र किया, जिससे लाल किला ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में मजबूत हो गया।
    • वर्ष 1947 में लाल किले पर झंडा फहराने का प्रधानमंत्री नेहरू का निर्णय भारत की संप्रभुता एवं इतिहास को पुनः प्राप्त करने का एक प्रतीकात्मक कार्य था।

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