वर्ष 2024 में लगातार चार सुपरमून दिखने की उम्मीद है, जिनमें से पहला सुपरमून 19 अगस्त, सोमवार को लगभग 12:00 बजे भारतीय मानक समय पर दिखाई देगा।
वर्ष 2024 में सुपरमून
19 अगस्त: 224,917 मील (361,969 किलोमीटर): यह एक ब्लू मून होगा।
18 सितम्बर: 222,131 मील (357,485 किलोमीटर): यह एक सुपर हार्वेस्ट मून (Super Harvest Moon) होगा।
17 अक्टूबर: 222,055 मील (357,363 किलोमीटर): यह सुपर हंटर मून होगा और वर्ष 2024 का सबसे निकटतम पूर्ण सुपरमून होगा।
15 नवंबर: 224,853 मील (361,866 किलोमीटर)
अगस्त का सुपरमून
यह ब्लू मून भी होगा जो हिंदू त्यौहार रक्षा बंधन से मेल खाता है, जिसे राखी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
अन्य नाम: इस चंद्रमा के लिए कई अन्य नाम बताए गए हैं, जैसे-रेड मून (Red Moon), कॉर्न या ग्रीन कॉर्न मून (Corn or Green Corn Moon), बार्ले मून (Barley Moon), हर्बमून (Herb Moon), ग्रेन मून (Grain Moon) और डॉग मून (Dog Moon)
चंद्रमा पूरे तीन दिन (रविवार सुबह से लेकर बुधवार सुबह तक) तक दिखाई देगा।
दृश्यता: अगस्त के सुपरमून ब्लू मून को विश्व स्तर पर देखा जा सकेगा।
एशिया और ऑस्ट्रेलिया: 20 अगस्त को पूर्णिमा नेपाल मानक समय से पूर्व की ओर शेष एशिया और ऑस्ट्रेलिया से होते हुए अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा तक होगी।
भारत में हम इसे 19 अगस्त की रात से लेकर 20 अगस्त की सुबह तक देख सकेंगे।
सुपरमून के बारे में
संदर्भित शब्द: सुपरमून शब्द वर्ष 1979 में खगोलशास्त्री रिचर्ड नोले (Richard Nolle) द्वारा गढ़ा गया था।
सुपरमून तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी के निकटतम पहुँच से 90 प्रतिशत के भीतर होता है।
इसे वर्ष का सबसे चमकीला और सबसे बड़ा पूर्ण चंद्रमा माना जाता है। यह सामान्य चंद्रमा से लगभग 30 प्रतिशत अधिक चमकीला और 14 प्रतिशत बड़ा दिखाई देता है।
घटना: जब पूर्णिमा और उपचंद्रमा एक दूसरे के साथ निकटता से मेल खाते हैं, तो लोकप्रिय संस्कृति की भाषा में, इसे सुपरमून कहा जाता है।
मून इल्लुशन (Moon Illusion): यह तब होता है जब चंद्रमा क्षितिज के पास होता है। इस वजह से चंद्रमा बड़ा दिखाई देता है और इसका प्रभाव तब सबसे अधिक होता है जब चंद्रमा का उदय हो रहा हो या चंद्रमा अस्त हो रहा हो।
ब्लू मून
उत्पत्ति: पहला ब्लू मून 1528 ईस्वी के बाद से दर्ज किया गया था और माना जाता है कि ब्लू मून नाम एक पुराने वाक्यांश से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ है ‘बिट्रेयर मून’ (Betrayer Moon)। हालाँकि ब्लू मून का रंग नीला नहीं होता है।
प्रकार: ब्लू मून दो प्रकार के होते हैं:-
दो पूर्णिमा वाले महीने की दूसरी पूर्णिमा को वर्ष 1940 से ‘ब्लू मून’ के नाम से जाना जाने लगा।
मौसमी ब्लू मून: चार पूर्णिमा वाले मौसम में तीसरी पूर्णिमा को मौसमी ब्लू मून के रूप में जाना जाता है।
यह ‘ब्लू मून’ का वह प्रकार है जो 19 अगस्त को दिखाई देगा।
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