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ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम

Lokesh Pal August 20, 2024 03:17 82 0

संदर्भ 

हाल ही में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री ने नई दिल्ली में ‘ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम’ (Green Tug Transition Program- GTTP) के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure- SOP) का आधिकारिक रूप से शुभारंभ किया। 

ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम (GTTP)

  • यह केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है।
  • यह ‘पंच कर्म संकल्प’ (PanchKarma Sankalp) के तहत एक प्रमुख पहल है। 

  • उद्देश्य: भारतीय प्रमुख बंदरगाहों में संचालित पारंपरिक ईंधन आधारित ‘हार्बर टगों’ को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना तथा उनके स्थान पर स्वच्छ एवं अधिक सतत वैकल्पिक ईंधनों से चलने वाले ‘ग्रीन टगों’ को स्थापित करना।
  • इस चरण-1 के दौरान, चार प्रमुख बंदरगाह [जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (Jawaharlal Nehru Port Authority), दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण (Deendayal Port Authority), पारादीप बंदरगाह प्राधिकरण (Paradip Port Authority) और वी. ओ. चिदंबरनार बंदरगाह प्राधिकरण (V. O. Chidambaranar Port Authority)], स्थायी विनिर्देश समिति (Standing Specification Committee- SSC) द्वारा जारी मानकीकृत डिजाइनों और विनिर्देशों के आधार पर कम से कम दो-दो ‘ग्रीन टग’ खरीदेंगे या किराये पर लेंगे। 

पंचकर्म संकल्प (Panchakarma Sankalp)

  • चिंतन शिविर के दौरान केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री ने पाँच प्रमुख घोषणाएँ कीं। 
    • यह चिंतन शिविर वर्ष 2023 में मुन्नार केरल में आयोजित किया गया था।
  • पाँच प्रमुख घोषणाएँ इस प्रकार थीं:
    • हरित शिपिंग के लिए वित्तीय सहायता: केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय हरित शिपिंग पहल के लिए 30% वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। 
    • ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम (Green Tug Transition Programme): जवाहरलाल नेहरू पोर्ट, वी. ओ. चिदंबरनार पोर्ट, पारादीप पोर्ट और दीनदयाल पोर्ट, कांडला पोर्ट प्रत्येक को दो ग्रीन टग मिलेंगे। 
    • हरित हाइड्रोजन हब: दीनदयाल पोर्ट, कांडला पोर्ट और वी. ओ. चिदंबरनार पोर्ट, तूतीकोरिन को हरित हाइड्रोजन के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। 
    • एकल विंडो पोर्टल: नदी और समुद्री क्रूज बुकिंग की सुविधा और निगरानी के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा। 
    • स्मार्ट बंदरगाह: जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह और वी. ओ. चिदंबरनार बंदरगाह, तूतीकोरिन को वर्ष 2024 तक स्मार्ट बंदरगाहों में अपग्रेड किया जाएगा।

    • टगों का पहला समूह बैटरी-इलेक्ट्रिक होगा, जिसमें उद्योग के विकास के साथ-साथ हाइब्रिड, मेथनॉल और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी अन्य उभरती हुई हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने का प्रावधान होगा।

ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम (GTTP) का प्रभाव

  • पर्यावरणीय प्रभाव: GTTP पारंपरिक ईंधन आधारित टगों के स्थान पर हरित टगों को लाकर कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा, जिससे स्वच्छ वायु और जल उपलब्ध होगा। 
  • डीकार्बोनाइजेशन (Decarbonization): यह कार्यक्रम जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों के साथ संरेखित होकर भारत के समुद्री परिचालन को डीकार्बोनाइज करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 
  • आर्थिक बढ़ावा देना: इस कार्यक्रम में लगभग 1000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है, जो अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करेगा और जहाज निर्माण एवं डिजाइन में रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा। 
  • नवाचार और विनिर्माण: यह पहल समुद्री क्षेत्र में घरेलू नवाचार और विनिर्माण को प्रोत्साहित करके ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का समर्थन करती है। 
  • रोजगार सृजन: जहाज निर्माण और जहाज डिजाइन उद्योग में महत्त्वपूर्ण रोजगार अवसर सृजित होंगे। 
  • मानकीकरण (Standardization): वर्ष 2040 तक, भारतीय प्रमुख बंदरगाहों पर सभी टग ग्रीन टग होंगे, जिससे एक मानकीकृत और पर्यावरण-अनुकूल बेड़ा सुनिश्चित होगा। 
    • भविष्य का अनुपालन (Future Compliance): वर्ष 2033 के बाद से, ASTDS-GTTP मानकों के अनुपालन हेतु भारतीय बंदरगाहों में उपयोग के लिए भारत में निर्मित नए टग का प्रावधान है। 
  • नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग: यह कार्यक्रम मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 का समर्थन करता है, जिसका लक्ष्य प्रत्येक प्रमुख बंदरगाह की विद्युत की मांग का 60% नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करना है। 

मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 और मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047 की मुख्य विशेषताएँ 

  • वैश्विक नेतृत्व का लक्ष्य: वर्ष 2020 में शुरू किए गए मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 का उद्देश्य भारत को समुद्री सुरक्षा और स्थिरता में वैश्विक नेतृत्त्वकर्त्ता बनाना है। 
  • महत्वाकांक्षी पर्यावरणीय लक्ष्य 
    • नवीकरणीय ऊर्जा से विद्युत: मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 का लक्ष्य प्रमुख बंदरगाहों में विद्युत की मांग का 60% नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करना है। 
    • कार्बन उत्सर्जन में कमी: वर्ष 2030 तक प्रति टन कार्गो पर कार्बन उत्सर्जन में 30% की कमी लाने की योजना। 
  • दीर्घकालिक दृष्टि
    • मैरीटाइम अमृत काल विजन 2047 (Maritime Amrit Kaal Vision 2047): इसे वर्ष 2023 में प्रस्तुत किया गया था, इसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक बंदरगाह जहाजों से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 30% तक कम करना है। 
  • हरित प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करना 
    • हार्बर टग्स (Harbor Tugs): हरित प्रौद्योगिकी (विद्युत प्रणोदन और वैकल्पिक ईंधन) को अपनाने के लिए प्रमुख क्षेत्रों के रूप में पहचान की गई है, जो बंदरगाह संचालन के लिए आवश्यक है और दक्षता बनाए रखते हुए उत्सर्जन को कम करता है। 
  • सरकारी प्रतिबद्धता
    • ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम (GTTP) सरकार की स्थिरता और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जो भारतीय बंदरगाहों के लिए अधिक स्वच्छ एवं हरित भविष्य सुनिश्चित करता है। 

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