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कार्यस्थल पर कर्मकारों की मृत्यु : औद्योगिक सुरक्षा का एक गंभीर मुद्दा

Lokesh Pal August 23, 2024 05:15 43 0

संदर्भ :

हाल ही में एसिएंटिया के फार्मा प्लांट में विस्फोट की वजह से फार्मा कंपनी में कार्य करने वाले तकरीबन 17 श्रमिकों की मृत्यु, साथ ही अनकापल्ली जिले के अचुटापुरम एसईजेड में एक अन्य रासायनिक कारखाने में आग लगने की घटना ने, औद्योगिक कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों की जीवन सुरक्षा संबंधी मुद्दे और श्रमिकों के लिए किए जाने वाले सुरक्षा उपायों में कमी जैसे मुद्दों को पुनः चर्चा का विषय बना दिया है । यह देखते हुए कि ऐसी फैक्ट्रियाँ खतरनाक मशीनरी और रसायनों का प्रयोग करती हैं, सख्त सुरक्षा नियम बनाए जाने जरूरी हैं। ये घटनाएँ, पिछली दुर्घटनाओं के साथ, सख्त सुरक्षा उपायों को अपनाए जाने की तत्काल आवश्यकता पर बल देती हैं।

दुर्घटनाओं में वृद्धि का मूल कारण

  • कमज़ोर सुरक्षा नियम : मौजूदा सुरक्षा नियम फार्मास्यूटिकल्स और केमिकल्स जैसे उच्च जोखिम वाले उद्योगों से जुड़े जोखिमों को संदर्भित करने के लिए अपर्याप्त हैं।
  • कमज़ोर कार्यान्वयन : सुरक्षा नियमों के व्याप्त होने के बावजूद उनका प्रवर्तन सामान्यतः लचीला होता है, जिसके कारण प्रबंधन द्वारा उनका अनुपालन नहीं किया जाता है।
  • पुरानी मशीनरी : पुरानी और खराब रखरखाव वाली मशीनरी के उपयोग से दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ जाता है।
  • प्रबंधन में कमी : प्रबंधन सामान्य स्थितियों में सुरक्षा प्रोटोकॉल की उपेक्षा करता है, गैर-अनुपालन के लिए बढ़ी हुई लागत का हवाला देता है।

उक्त परिस्थितियों को देखते हुए, आंध्र प्रदेश के ट्रेड यूनियन दल इन औद्योगिक कंपनियों पर न सिर्फ अपनी नाराजगी ही व्यक्त कर रहे हैं बल्कि इसके लिए जिम्मेदार प्रबंधन को दंडित करने की भी मांग कर रहे हैं| साथ ही सुरक्षित कार्य वातावरण का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) और पूरे राज्य में सभी इकाइयों की तत्काल और गहन सुरक्षा ऑडिट किए जाने की मांग कर रहे हैं।

हालिया दुर्घटना 

  • एसिएंटिया के फार्मा प्लांट में यह घटना मिथाइल टर्ट-ब्यूटाइल ईथर (MTBE) से जुड़े सॉल्वेंट के लीक होने की वजह से हुई थी। 
  • हालाँकि प्लांट के कर्मचारियों ने लीक को ठीक करने का प्रयास किया, लेकिन ऐसा करते समय एमटीबीई एक इलेक्ट्रिकल पैनल के संपर्क में आ गया, जिसकी वजह से विस्फोट हो गया।

नोट : इससे गंभीर सवाल उठते हैं कि कर्मचारियों ने संभावित परिणामों पर विचार किए बिना काम क्यों किया? क्या उन्हें जोखिमों के बारे में पता नहीं था? MTBE के लिए सामान्य सुरक्षा डेटा शीट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह अत्यधिक ज्वलनशील है तथा आग और विस्फोट के गंभीर जोखिम के प्रति आगाह करता है। 

इसमें विस्फोट-रोधी विद्युत, वेंटिलेशन और प्रकाश उपकरणों के उपयोग को भी निर्दिष्ट किया गया है। यह घटना कर्मचारियों के मध्य सुरक्षा प्रशिक्षण और जागरूकता में एक महत्त्वपूर्ण चूक को उजागर करती है।

SEZ की भूमिका

  • विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) देश के भीतर ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें अलग-अलग व्यापार और व्यवसाय कानून हैं, जैसे कर लाभ और श्रम कानून में छूट, जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। उनके लक्ष्यों में व्यापार संतुलन बढ़ाना, रोज़गार सृजित करना, निवेश आकर्षित करना, विनिर्माण को बढ़ावा देना, निर्यात बढ़ाना और बुनियादी ढाँचे का विकास करना इत्यादि शामिल है।
  • वर्ष 2016 के सरकारी आदेश ने SEZ में महत्त्वपूर्ण बदलाव किए, इकाइयों को नियमित सरकारी निरीक्षण से छूट दी तथा उनकी जगह ऑनलाइन निरीक्षण की व्यवस्था की। इस नीति ने फार्मास्यूटिकल्स और केमिकल्स सहित मध्यम जोखिम वाले उद्योगों को तीसरे पक्ष के ऑडिट के आधार पर सुरक्षा मानदंडों के अनुपालन को स्वयं प्रमाणित करने की अनुमति दी। हालाँकि इस नीति का उद्देश्य नौकरशाही बाधाओं को कम करके व्यावसायिक संचालन को सुव्यवस्थित करना था, लेकिन इसे खराब तरीके से लागू किया गया और प्रबंधन ने इसे हल्के में लिया, जिससे अपर्याप्त सुरक्षा निरीक्षण और दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ गया।

आगे की राह 

सरकार का मुख्य लक्ष्य उद्योग प्रबंधन को बेहतर बनाना है, किंतु इसके लिए सुरक्षा उपायों से समझौता नहीं किया जाना चाहिए, जिसके लिए कुछ निम्नलिखित कदम उठाए जाने आवश्यक हैं  :

  • उच्च जोखिम वाली कंपनियों के लिए विशेष नियम : उच्च जोखिम वाले उद्योगों को अनुपालन के लिए विशेष नियमों के अधीन होना चाहिए, जो सामान्य विनियमों से हटकर हों।
  • कर्मचारियों के लिए सुरक्षा प्रशिक्षण : सभी श्रमिकों के लिए नियमित और गहन सुरक्षा प्रशिक्षण अनिवार्य होना चाहिए, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले उद्योगों में।
  • सुरक्षा उपकरणों का अनिवार्य उपयोग : सुरक्षा उपकरणों और विस्फोट-रोधी उपकरणों का उपयोग अनिवार्य होना चाहिए और उन्हें सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।
  • प्रत्येक घटना की पुख्ता जाँच : भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रत्येक घटना, चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हो, की गहन जाँच की जानी चाहिए।
  • उद्योग विशिष्ट दिशा-निर्देश : प्रत्येक उद्योग के लिए स्पष्ट और कड़े दिशा-निर्देश विकसित और लागू किए जाने चाहिए, विशेष रूप से खतरनाक पदार्थों से जुड़े उद्योगों के लिए।
  • नियमित मॉक ड्रिल : यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित मॉक ड्रिल आयोजित की जानी चाहिए कि कर्मचारी आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं।
  • उल्लंघन के लिए भारी जुर्माना और शटडाउन : सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर भारी जुर्माना और शटडाउन की संभावना सहित कठोर दंड लगाया जाना चाहिए, खासकर तब जबकि वे चेतावनियों के बावजूद ऐसा करना जारी रखते हैं।

निष्कर्ष 

उपर्युक्त उपायों को लागू करने से श्रमिकों की सुरक्षा में सुधार किया जा सकता है तथा भविष्य में होने वाली ऐसी भयावह दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। इसलिए आवश्यक है कि सभी कंपनियों को उचित मानकों को लागू करना बाध्यकारी किया जाए, जिस पर सरकार का अनिवार्य एवं कठोर नियंत्रण आवश्यक है |

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न 

कार्यस्थल पर कर्मकारों की सुरक्षा की आवश्यकता को स्पष्ट कीजिए | यह भारतीय औद्योगिक क्षेत्र को किस प्रकार प्रभावित कर सकता है, विवेचनात्मक मूल्यांकन कीजिए |

(15 अंक,  250 शब्द)

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