100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा एवं उसका महत्त्व

Lokesh Pal August 23, 2024 05:45 39 0

संदर्भ :

प्रधानमंत्री की कीव यात्रा ऐतिहासिक रूप से महत्त्वपूर्ण नजर आ रही है, क्योंकि वर्ष 1992 में राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से वह यूक्रेन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं। यह यात्रा प्रधानमंत्री की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हाल ही में हुई बैठक के बाद हुई है, जो भारत की पारंपरिक विदेश नीति के रुख में एक उल्लेखनीय परिवर्तन का प्रतीक है ।

पृष्ठभूमि 

2022 में शुरू हुआ रूस-युक्रेन युद्ध वैश्विक कूटनीति का केंद्र बिंदु रहा है। भारत ने पूरे युद्ध के दौरान तटस्थ रुख बनाए रखते हुए तथा अंतर्राष्ट्रीय दबावों को पार करते हुए रूस के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों को संतुलित किया है। इस तटस्थता को विभिन्न वैश्विक आलोचकों द्वारा अलग-अलग तरीके से देखा जाता है, जैसे अमेरिका और यूक्रेन रूस को आक्रामक मानते हैं और उन्होंने भारत से स्पष्ट रुख अपनाने का आग्रह किया है।

भारत की विकासशील विदेश नीति

भारत की नीति में बदलाव और प्रधानमंत्री की यूक्रेन यात्रा को भारत की उभरती विदेश नीति के हिस्से के रूप में देखा जा सकता है। USSR के विघटन के बाद यूक्रेन भारत की विदेश नीति का केंद्र नहीं था, जो मुख्य रूप से रूस की ओर उन्मुख थी। यह यात्रा भारत द्वारा अपने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में विविधता लाने और वैश्विक राजनीति में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने के व्यापक प्रयास का संकेत देती है।

यूक्रेन और भारत 

यूक्रेन में भारत की रुचि कई कारकों से प्रेरित है :

  • व्यापारिक उद्देश्य : युद्ध ने भारत-यूक्रेन संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। व्यापार की मात्रा 2021-2022 में $3.39 बिलियन से घटकर क्रमशः 2022-2023 और 2023-2024 में $0.78 बिलियन और $0.71 बिलियन हो गई। इसके बावजूद युद्ध के बाद यूक्रेन का पुनर्निर्माण भारतीय व्यवसायों के लिए नए अवसर प्रस्तुत करता है।
  • रणनीतिक महत्त्व : एक कृषि शक्ति के रूप में यूक्रेन की ताकत, विशेष रूप से युद्ध से पहले सूरजमुखी तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्त्ता के रूप में इसकी भूमिका; भारत के लिए इसके रणनीतिक महत्त्व को बढ़ाती है। इसका भारत की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक हितों पर प्रभाव पड़ता है।
  • रक्षा सहयोग : रक्षा सहयोग के लिए संभावित रास्ते हैं, जिन्हें यूक्रेन द्वारा संघर्ष के बाद अपनी सैन्य क्षमताओं के पुनर्निर्माण के रूप में तलाशा जा सकता है।

भारत-रूस संबंधों पर प्रभाव

 विशेषज्ञों का सुझाव है कि यूक्रेन के साथ मोदी की भागीदारी एक परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करती है, लेकिन इससे रूस के साथ भारत के संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। भारत रूस के साथ मजबूत संबंध बनाए रखेगा, जो ईरान और सऊदी अरब के साथ अपने दृष्टिकोण के समान संबंधों को संतुलित करने की अपनी नीति को दर्शाता है। पोलैंड और यूक्रेन की प्रधानमंत्री की यात्रा लंबे समय से चले आ रहे संबंधों से समझौता किए बिना, मध्य और पूर्वी यूरोप के साथ संबंधों को बढ़ाने की एक व्यापक रणनीति को दर्शाती है।

आगे की राह 

  • युद्ध के बाद पुनर्निर्माण : जैसे ही युद्ध समाप्त होगा, भारतीय कंपनियों के लिए यूक्रेन की पुनर्निर्माण प्रक्रिया में भाग लेने के अवसर पैदा हो सकते हैं।
  • रक्षा सहयोग : संभावित रक्षा सहयोग से दोनों देशों को लाभ हो सकता है।
  • खाद्य सुरक्षा : यूक्रेन से सूरजमुखी तेल का आयात भारत की खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।

निष्कर्ष 

स्वतंत्रता के बाद दशकों तक भारतीय विदेश नीति में यूरोप अपेक्षाकृत कम प्राथमिकता वाला क्षेत्र रहा है, मुख्य रूप से प्रमुख यूरोपीय शक्तियों-रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत की गुटनिरपेक्षता की नीति अब विभिन्न देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने की ओर बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने इस नए दृष्टिकोण को ‘विश्वबंधु’ नाम दिया है, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक शांति-निर्माता एवं वैश्विक मंच पर एक सक्रिय भूमिका के रूप में स्थापित करना है। यह उभरती हुई नीति आर्थिक और रणनीतिक दोनों तरह के लाभ प्रदान करती है तथा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत की व्यापक भागीदारी को प्रदर्शित करती है।

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न

 भारत की विदेश नीति के संदर्भ में प्रधानमंत्री की हाल की यूक्रेन यात्रा की चर्चा कीजिए ।

(10 अंक, 150 शब्द)

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.