100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

केंद्र की एकीकृत पेंशन योजना : यूपीएस, ओपीएस, एनपीएस से तुलना

Lokesh Pal August 26, 2024 05:15 162 0

संदर्भ : 

हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दे दी है, जो सरकारी कर्मचारियों को रिटायर होने के बाद पेंशन की गारंटी देती है। यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी।

  • यह कदम सरकारी कर्मचारियों द्वारा नई पेंशन योजना (एनपीएस) की आलोचना की प्रतिक्रिया में उठाया गया है, जिसका इस्तेमाल विपक्ष ने राजनीतिक लाभ के लिए भी किया है।
  • विपक्ष द्वारा शासित कुछ राज्यों, जैसे- हिमाचल प्रदेश (2023), राजस्थान (2022), छत्तीसगढ़ (2022) और पंजाब (2022), पुरानी पेंशन योजना (यूपीएस) पर वापस लौट चुके हैं।

एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के मुख्य प्रावधान : 

  • सुनिश्चित पेंशन: यूपीएस किसी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50% के बराबर पेंशन की गारंटी देता है, बशर्ते कि उनकी न्यूनतम योग्यता सेवा 25 वर्ष की हो। कम सेवा अवधि के लिए, पेंशन राशि आनुपातिक रूप से कम होकर न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा तक हो जाएगी।
  • सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन: कम से कम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्त होने वालों के लिए, यूपीएस में ₹10,000 प्रति माह की सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन का प्रावधान शामिल है।
  • सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन: यदि किसी सेवानिवृत्त व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके आश्रितों को सेवानिवृत्त व्यक्ति द्वारा ली गई अंतिम पेंशन राशि का 60% प्रदान किया जाएगा।
  • मुद्रास्फीति सूचकांक: यूपीएस के तहत सभी पेंशन, जिसमें सुनिश्चित पेंशन, न्यूनतम पेंशन और पारिवारिक पेंशन शामिल हैं, को वर्तमान कर्मचारी समायोजन के समान, औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर मुद्रास्फीति के लिए भी समायोजित किया जाएगा।
  • सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान: ग्रेच्युटी के अतिरिक्त, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के समय पूरी की गई प्रत्येक छह माह की सेवा के लिए उनके मासिक परिलब्धियों (वेतन तथा महंगाई भत्ता) के 1/10वें भाग के रूप में एकमुश्त भुगतान प्राप्त होगा।

औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) : 

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, औद्योगिक श्रमिकों द्वारा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की एक निश्चित टोकरी में मूल्य परिवर्तनों को मापकर मुद्रास्फीति को ट्रैक करता है, जिससे महंगाई भत्ते का निर्धारण करने में सहायता मिलती है। यह भारत के 88 केंद्रों में संगठित क्षेत्र के श्रमिकों का समावेश करता है, जिसका नवीनतम आधार वर्ष 2016 में संशोधित किया गया है। यह सूचकांक श्रम ब्यूरो द्वारा मासिक रूप से जारी किया जाता है।

नवीन पेंशन योजना (एनपीएस) 2004 

  • मुख्य विशेषताएं:
    • कोई सुनिश्चित पेंशन नहीं: पुरानी पेंशन योजना (OPS) के विपरीत, नवीन पेंशन योजना (एनपीएस) ने एक निश्चित पेंशन राशि की गारंटी नहीं दी।
    • कर्मचारी-वित्तपोषित: नवीन पेंशन योजना (एनपीएस) में कर्मचारी और सरकार दोनों से एकमुश्त राशि के योगदान की आवश्यकता होती है। इसके तहत कर्मचारियों ने अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10% योगदान दिया, जबकि सरकार ने 14% (बाद में 18% तक बढ़ा दिया गया) योगदान दिया।
    • पेंशन फंड मैनेजर: नवीन पेंशन योजना (एनपीएस) नौ पेंशन फंड मैनेजरों के माध्यम से योजनाएं प्रदान करता है, जिनमें SBI, LIC, UTI, HDFC, ICICI, कोटक महिंद्रा, आदित्य बिड़ला, टाटा और मैक्स शामिल हैं।
    • जोखिम प्रोफाइल: ये योजनाएं ‘कम’ से लेकर ‘बहुत अधिक’ तक जोखिम में भिन्न होती हैं, जिससे व्यक्ति अपनी जोखिम सहनशीलता के आधार पर चयन कर सकता है।
  • निवेश विकल्प: नवीन पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत व्यक्ति कम से लेकर उच्च जोखिम तक के विभिन्न निवेश विकल्पों में से किसी को भी चुन सकते हैं, और सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों से पेंशन फंड मैनेजर चुन सकते हैं।

नवीन पेंशन योजना (एनपीएस) 2004 लागू करने के प्रमुख कारण 

  • पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस): पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के तहत सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन के आधार पर पेंशन दी जाती थी, जिससे सेवानिवृत्ति के बाद उनकी आय सुनिश्चित होती थी।
  • ओपीएस की चुनौतियाँ
    • पेंशन देनदारियों में वृद्धि: सरल होने के बावजूद, पुरानी पेंशन योजना समय के साथ कुछ जटिलताओं व दोषों के कारण वित्तीय रूप से अस्थिर हो गयी।  यह एक अनियोजित प्रणाली थी। भविष्य की पेंशन देनदारियों को पूरा करने के लिए कोई समर्पित कोष नहीं स्थापित किया गया था, जिसका अर्थ है कि पेंशन का भुगतान वर्तमान सरकारी राजस्व से किया जाता था।
    • स्थायित्व संबंधी चिंताएँ: जैसे-जैसे सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या बढ़ती गयी और बेहतर स्वास्थ्य सेवा के कारण जीवन प्रत्याशा में वृद्धि हुई, सरकार की पेंशन देनदारियों में तेजी से वृद्धि हुई। इस बढ़ते वित्तीय बोझ ने सार्वजनिक वित्त को प्रभावित किया, जिससे पुरानी पेंशन योजना अंततः दीर्घावधि में वित्तीय रूप से अस्थिर हो गयी।
    • 1990 के आर्थिक सुधार और वेतन आयोग में बढ़ोतरी का प्रभाव: 1990 के दशक की शुरुआत में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (LPG) सुधारों के साथ आर्थिक परिदृश्य में भी काफी बदलाव आया। इन सुधारों ने अर्थव्यवस्था का विस्तार किया, लेकिन नए राजकोषीय दबाव भी पेश किए। इसके अतिरिक्त, क्रमिक वेतन आयोगों की सिफारिशें, जिनका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में सुधार करना था, ने पुरानी पेंशन योजना के तहत वित्तीय दायित्वों को और बढ़ा दिया।
      • 1990-91 के आंकड़े: 1990-91 में केंद्र का पेंशन भुगतान बिल ₹3,272 करोड़ था, जबकि सभी राज्यों के लिए संयुक्त पेंशन व्यय ₹3,131 करोड़ था।
      • 2020-21 के आंकड़े: 2020-21 तक केंद्र का पेंशन  भुगतान  बिल 58 गुना बढ़कर ₹1,90,886 करोड़ हो गया था, और राज्यों के लिए पेंशन व्यय 125 गुना बढ़कर ₹3,86,001 करोड़ हो गया था। अतः पुरानी पेंशन योजना में आई यह अप्रत्याशित वृद्धि बढ़ते राजकोषीय तनाव को दर्शाती है।
  • नवीन पेंशन योजना (एनपीएस) से जुड़ी समस्याएं:
    • कम सुनिश्चित रिटर्न: सरकारी कर्मचारियों को ओपीएस की तुलना में एनपीएस के तहत कम सुनिश्चित रिटर्न का सामना करना पड़ा।
    • कर्मचारी योगदान: एनपीएस के लिए कर्मचारी योगदान की आवश्यकता होती है, जबकि ओपीएस में कर्मचारी वित्तपोषण शामिल नहीं था।

 नवीन पेंशन योजना (एनपीएस) के विरोध के आधार:

  • गारंटीकृत पेंशन का अभाव: एनपीएस का मुख्य विरोध गारंटीकृत पेंशन के अभाव के कारण था, जो ओपीएस की तुलना में एक महत्वपूर्ण बदलाव था।
  • वित्तपोषण की जिम्मेदारी: पहले से मौजूद कोष के बजाय कर्मचारी और सरकार द्वारा वित्तपोषित योजना की ओर बदलाव भी विवाद का विषय था।

एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) की पृष्ठभूमि

  • समिति का गठन: पेंशन योजनाओं से संबंधित मांगों की प्रतिक्रिया में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में एक समिति की स्थापना की, जिसकी अध्यक्षता कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन (तत्कालीन वित्त सचिव) द्वारा की गयी।
  • समिति की गतिविधियाँ: समिति ने इनपुट एकत्र करने और चिंताओं को दूर करने के लिए विभिन्न संगठनों और राज्यों के साथ 100 से अधिक बैठकें आयोजित कर विचार-विमर्श किया।
  • परिणाम: समिति की सिफारिशों के कारण एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) की शुरुआत हुई।

एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का लाभ कौन उठा सकते है?

  • प्रभावी तिथि: एकीकृत पेंशन योजना (UPS) 1 अप्रैल, 2025 से लागू की जाएगी।
  • पात्रता: एकीकृत पेंशन योजना (UPS) उन व्यक्तियों पर लागू होगी जो 2004 के बाद से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत सेवानिवृत्त हुए हैं।
  • बकाया राशि समायोजन: NPS के तहत सेवानिवृत्त होने वाले लोगों की बकाया राशि को NPS के तहत पहले से प्राप्त राशि के साथ समायोजित किया जाएगा।
  • वरीयता: कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन के अनुसार, UPS 99% से अधिक सेवानिवृत्त लोगों के लिए NPS की तुलना में अधिक लाभकारी होने की उम्मीद है। जबकि अधिकांश लोग UPS को प्राथमिकता देंगे, लेकिन NPS के तहत बने रहने का विकल्प चुनने वालों के लिए एक विकल्प होगा।
  • लाभार्थी : एकीकृत पेंशन योजना (UPS) वर्तमान में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू है, लेकिन राज्यों के पास भी इस योजना को अपनाने का विकल्प है।

एकीकृत पेंशन योजना (UPS) और पुरानी पेंशन योजना (OPS) के बीच अंतर

  • वित्तीय प्रभाव: यूपीएस के क्रियान्वयन से बकाया राशि के लिए ₹800 करोड़ और पहले वर्ष में लगभग ₹6,250 करोड़ का व्यय होने की उम्मीद है। इसके बावजूद, यूपीएस को वित्तीय दृष्टि से अधिक विवेकपूर्ण माना जाता है।
  • योजना संरचना:
    • एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस):
      • वित्तपोषित अंशदायी योजना: एकीकृत पेंशन योजना अंशदायी आधार पर कार्य करती है, जहां कर्मचारी और सरकार दोनों योगदान देते हैं, जिससे एक वित्तपोषित योजना बनती है।
    • पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस):
      • वित्तपोषित गैर-अंशदायी योजना: पुरानी पेंशन योजना एक ऐसी वित्तपोषित योजना है, जिसमें पेंशन बिना किसी पूर्व अंशदान के प्रदान की जाती है, तथा भुगतान के समय सरकार के राजस्व पर निर्भर किया जाता है।

निष्कर्ष :

एकीकृत पेंशन योजना (UPS) का उद्देश्य राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के परिभाषित अंशदान मॉडल के विपरीत, गारंटीकृत पेंशन प्रदान करके राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) की कमियों को दूर करना है। जबकि एकीकृत पेंशन योजना अधिक सुनिश्चित और पूर्वानुमानित सेवानिवृत्ति लाभ प्रदान करती है, यह एक अंशदायी योजना की वित्तीय समझदारी को बरकरार रखती है। चूंकि यह पुरानी पेंशन योजना (OPS) पर प्रतिस्थापित होती है, इसलिए यह अधिक टिकाऊ पेंशन सुधार की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.