अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह एकीकृत विकास निगम (ANIIDCO) की योग्यता उचित आंतरिक पर्यावरण प्रशासन प्रणाली के संबंध में सवालों के घेरे में है।
ग्रेट निकोबार द्वीप पर बुनियादी ढाँचे के उन्नयन के लिए ग्रेट निकोबार द्वीप परियोजना (Great Nicobar Island Project- GNI) का कार्यान्वयन ANIIDCO द्वारा किया जा रहा है।
ग्रेट निकोबार द्वीप परियोजना (Great Nicobar Island Project- GNI)
अवस्थिति: वर्ष 2021 में लॉन्च की गई GNI परियोजना अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के दक्षिणी सिरे पर स्थित है।
घटक
ट्रांस-शिपमेंट पोर्ट (Trans-shipment Port)
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (International Airport)
एक टाउनशिप का विकास (Development of a Township)
450 MVA गैस और सौर-आधारित बिजली संयंत्र की स्थापना।
नीति आयोग की रिपोर्ट (NITI Aayog Report): यह परियोजना नीति आयोग की एक रिपोर्ट के बाद शुरू की गई, जिसमें द्वीप की रणनीतिक स्थिति का लाभ उठाने की संभावना पर प्रकाश डाला गया था।
यह द्वीप दक्षिण-पश्चिम में श्रीलंका के कोलंबो से तथा दक्षिण-पूर्व में मलेशिया के पोर्ट क्लैंग (Port Klang) और सिंगापुर से लगभग समान दूरी पर स्थित है।
परियोजना की विशेषताएँ: इस मेगा बुनियादी ढाँचा परियोजना में एक प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल (International Container Transshipment Terminal- ICTT) और एक ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शामिल है।
अधिकार क्षेत्र: बंदरगाह भारतीय नौसेना के अधिकार क्षेत्र में होगा, जबकि हवाई अड्डा पर्यटन सहित सैन्य और नागरिक दोनों उद्देश्यों की पूर्ति करेगा।
कार्यान्वयन एजेंसी: अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह एकीकृत विकास निगम (ANIIDCO)
अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह एकीकृत विकास निगम (ANIIDCO)
ANIIDCO को द्वीप समूह के तीव्र आर्थिक विकास के लिए कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत शामिल किया गया था।
निगम का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र का समग्र और सतत् विकास करना है।
ग्रेट निकोबार परियोजना में चुनौतियाँ
जैव विविधता की हानि: इस परियोजना से महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिकी क्षेत्रों को खतरा है, जिसमें निकोबार मेगापोड, लेदरबैक समुद्री कछुए और अन्य स्थानिक प्रजातियों के आवास शामिल हैं।
विस्थापन और सांस्कृतिक क्षरण: शोम्पेन और निकोबारी जनजातियों को गैर-स्वदेशी आबादी के आगमन और बड़े पैमाने पर निर्माण गतिविधियों के कारण संभावित विस्थापन और सांस्कृतिक विघटन का सामना करना पड़ रहा है।
भूकंप की संवेदनशीलता: प्रस्तावित बंदरगाह भूकंपीय दृष्टि से अस्थिर क्षेत्र में स्थित है।
इससे उच्च जोखिम वाले, आपदा-प्रवण क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर बुनियादी ढाँचा परियोजना के निर्माण की सुरक्षा और व्यवहार्यता के बारे में चिंताएँ पैदा होती हैं।
कानूनी उल्लंघन: आलोचकों का तर्क है कि यह परियोजना वन अधिकार अधिनियम, 2006 का उल्लंघन कर सकती है, जो स्वदेशी समुदायों के भूमि अधिकारों की रक्षा करता है।
रणनीतिक चिंताएँ
भू-राजनीतिक महत्त्व: ग्रेट निकोबार का सामरिक महत्त्व इसकी मलक्का जलडमरूमध्य जैसे प्रमुख समुद्री मार्गों से निकटता के कारण रेखांकित होता है।
इस विकास का उद्देश्य भारत की नौसैनिक क्षमताओं को बढ़ाना एवं क्षेत्र में चीनी प्रभाव को संतुलित करना है।
सैन्य बुनियादी ढाँचा: दोहरे उपयोग वाला हवाई अड्डा और अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांस-शिपमेंट टर्मिनल न केवल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा, बल्कि रणनीतिक सैन्य संपत्ति के रूप में भी काम करेगा, जिससे महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्गों की निगरानी और सुरक्षा करने की भारत की क्षमता में वृद्धि होगी।
संभावित समाधान
उन्नत पर्यावरणीय प्रभाव (EIA) आकलन : पर्यावरणीय क्षति को कम करने के लिए दीर्घकालिक पारिस्थितिक अध्ययन और हितधारक परामर्श को शामिल करते हुए गहन और पारदर्शी EIA का संचालन करना।
समावेशी निर्णय लेना: नियोजन और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में स्वदेशी समुदायों को शामिल करें।
प्रतिपूरक उपाय: प्रभावित समुदायों के लिए व्यापक मुआवजा और पुनर्वास पैकेज विकसित करें।
रणनीतिक और सतत् विकास: परियोजना को सतत् विकास लक्ष्यों के साथ संरेखित करें, आर्थिक विकास को पारिस्थितिकी और सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ संतुलित करें।
रणनीतिक साझेदारी: वैश्विक मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करते हुए, परियोजना के कार्यान्वयन की निगरानी और मार्गदर्शन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण और मानवाधिकार संगठनों के साथ सहयोग करें।
ग्रेट निकोबार द्वीप के बारे में
निवासी: यह द्वीप दो मंगोल जनजाति का घर है: शोम्पेन और निकोबारी।
ग्रेट निकोबार द्वीप में दो राष्ट्रीय उद्यान हैं: कैम्पबेल बे नेशनल पार्क और गैलाथिया नेशनल पार्क।
अंडमान और निकोबार द्वीप: अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में 836 द्वीप शामिल हैं, जिन्हें दो समूहों में वर्गीकृत किया गया है: उत्तर में अंडमान द्वीप और दक्षिण में निकोबार द्वीप।
ये समूह 10° चैनल द्वारा अलग होते हैं, जिसकी चौड़ाई 150 किलोमीटर तक फैली हुई है।
वनस्पति और जीव विविधता: इस द्वीप में उष्णकटिबंधीय आर्द्र सदाबहार वन हैं और यहाँ विभिन्न प्रकार के वन्य जीवन पाए जाते हैं।
लेदरबैक समुद्री कछुआ द्वीप की जैव विविधता का विशेष रूप से प्रतीक है।
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