100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

उच्चतम न्यायालय और ‘बुलडोजर न्याय’

Lokesh Pal September 04, 2024 05:45 104 0

संदर्भ :

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में संदिग्ध अपराधियों के घरों को ध्वस्त करने की संवैधानिकता की जाँच की, विशेष रूप से वर्तमान सत्ता सरकार द्वारा शासित राज्यों में, जिससे एक बड़ी संवैधानिक चिंता का पता चला। दंडात्मक उपाय के रूप में बुलडोजर का प्रयोग, विशेष रूप से मुस्लिम आबादी के खिलाफ, संवैधानिक अधिकारों और उचित प्रक्रिया संबंधी प्रश्न उठाता है। न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन ने प्रश्न उठाया, कि क्या इस तरह के विध्वंस मूल अधिकारों और कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले संवैधानिक प्रावधानों का अनुपालन करते हैं।

वैधानिकता एवं संवैधानिक प्रावधान

  • कानूनी और संवैधानिक चिंताएँ : न्यायालय ने दंडात्मक ध्वस्तीकरण के लिए बुलडोजर के प्रयोग की संवैधानिकता के बारे में गंभीर आपत्तियाँ व्यक्त कीं।
    • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 मनमाने और अत्यधिक दंडात्मक कार्रवाइयों से सुरक्षा सहित जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार को सुनिश्चित करता है। इन मूल अधिकारों का उल्लंघन तब होता है, जब किसी घर को केवल आरोपों के आधार पर और उचित प्रक्रिया के बिना ध्वस्त कर दिया जाता है।
    • इस बात पर बल दिया गया कि कानून केवल आरोपों या दोषसिद्धि के आधार पर किसी व्यक्ति की संपत्ति को ध्वस्त करने पर रोक लगाता है, जो संविधान के निष्पक्षता और न्याय के आदर्शों का उल्लंघन करता है।
  • राजनीतिक प्रतीकवाद और संवैधानिक अखंडता : न्यायालय को इन विध्वंसों से जुड़े राजनीतिक प्रतीकवाद पर भी विचार करना चाहिए, विशेषकर तब जब वे विशिष्ट समुदायों को असंगत रूप से प्रभावित करते प्रतीत होते हैं।
    • यह आचरण विधि के समक्ष समता (अनुच्छेद 14) और भेदभाव से सुरक्षा की मौलिक सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। साक्ष्यों से पता चलता है कि कभी-कभी पिछली तारीख के निष्कासन नोटिस द्वारा विध्वंस को उचित ठहराया जाता है, जिसे इन उपायों के पीछे अंतर्निहित उद्देश्य को छिपाने के लिए जानबूझकर किए गए प्रयास के रूप में देखा जा सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए न्यायालय का हस्तक्षेप महत्त्वपूर्ण है कि ये गतिविधियाँ संवैधानिक मानदंडों और सिद्धांतों का उल्लंघन न करें।

विध्वंस प्रक्रिया के लिए प्रस्तावित दिशा-निर्देश

  • एकसमान दिशा-निर्देशों की आवश्यकता : इन चिंताओं के उत्तर में, न्यायालय ने पूरे भारत में विध्वंस कार्यों के लिए एकसमान मानदंड स्थापित करने की बात की है। इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अनधिकृत इमारतों के विरुद्ध कार्रवाई निष्पक्षता और उचित प्रक्रिया के संवैधानिक मानदंडों का पालन करती है।
    • इन मानकों के तहत अनधिकृत निर्माणों की उचित पहचान, कानूनी प्रावधानों के अनुरूप नोटिस की प्राप्ति और किसी भी विध्वंस से पहले निष्पक्ष सुनवाई की आवश्यकता होगी। इस पद्धति का उद्देश्य संवैधानिक नियमों का पालन करना तथा संबंधित अधिकारियों द्वारा प्राप्त अधिकारों के दुरुपयोग को रोकना है।
  • कार्यान्वयन संबंधी चुनौतियाँ और सिफारिशें : हालाँकि सुसंगत सिद्धांतों की आवश्यकता है, लेकिन न्यायालय को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अनजाने में ऐसे आचरण का समर्थन न करें जो संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता हो।
    • बेदखली अधिसूचनाओं (Digitalising eviction) को डिजिटल बनाने से पिछली तारीखों की मुश्किलें कम हो सकती हैं, लेकिन इसे कई क्षेत्रों में लागू करना मुश्किल हो सकता है। न्यायालय का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिना किसी राजनीतिक या सांप्रदायिक पूर्वाग्रह के विध्वंस उचित हो और संवैधानिक विधियों के अनुसार किया जाए ।

निष्कर्ष 

सर्वोच्च न्यायालय के पास यह सुनिश्चित करने का उत्तरदायित्व है, कि विध्वंस प्रक्रियाएँ निष्पक्षता, समानता और न्याय के संवैधानिक मूल्यों का पालन करें। स्पष्ट और सार्वभौमिक दिशा-निर्देश निर्धारित करके, न्यायालय मूल अधिकारों की रक्षा करते हुए मनमाने और राजनीतिक रूप से प्रेरित उपायों को प्रतिबंधित करने की अपेक्षा करता है। नियमों को संवैधानिक सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता प्रदर्शित करनी चाहिए और यह गारंटी देनी चाहिए, कि प्रवर्तन कार्रवाई कानूनी और न्यायसंगत दोनों हो। यह रणनीति कानून के शासन को बनाए रखने और विध्वंस उपायों से प्रभावित लोगों के अधिकारों की रक्षा करने में मदद करेगी।

मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्न 

‘बुलडोजर न्याय’ क्या है? देश में बेहतर न्यायिक व्यस्था सुनिश्चित करने हेतु उच्चतम न्यायालय की भूमिका का समीक्षात्मक मूल्यांकन कीजिए |

(15 अंक, 250 शब्द) 

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.