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Lokesh Pal
September 16, 2024 05:30
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दिसंबर 2022 में गुजरात पुलिस ने गुजरात के मोरबी जिले में एक फर्जी टोल प्लाजा को पकड़ा, जो राष्ट्रीय राजमार्ग-8A पर आधिकारिक NHAI टोल प्लाजा से सिर्फ 600 मीटर की दूरी पर स्थित है। लगभग 1.5 वर्षों में पाँच आरोपियों ने वाहनों से ₹75 करोड़ से ज़्यादा की वसूली की। यह घटना भारत की टोल प्रणाली की दक्षता और सुरक्षा के बारे में गंभीर चिंताएँ पैदा करती है | यह इस जोखिम को भी उजागर करती है कि इसी तरह के धोखाधड़ी वाले टोल प्लाजा अन्य दूर-दराज या कम निगरानी वाले क्षेत्रों में भी चल रहे हो सकते हैं एवं बेहतर निगरानी और विनियमन की आवश्यकता पर बल देते हैं।
भारत की टोल प्रणाली में ऐतिहासिक प्रथाओं से लेकर सार्वजनिक-निजी भागीदारी को शामिल करने वाले आधुनिक ढाँचों तक महत्त्वपूर्ण विकास हुआ है। FASTag और उपग्रह-आधारित टोल संग्रह प्रणाली, प्रगति दक्षता बढ़ाने और भीड़-भाड़ को कम करने के लिए आशाजनक समाधान प्रदान करती हैं। इन तकनीकों की पूर्ण क्षमता का दोहन करने के लिए मौजूदा मुद्दों को हल करने एवं टोल प्रणाली के समग्र प्रदर्शन को बेहतर बनाने के साथ, इन तकनीकों का प्रभावी कार्यान्वयन और निरंतर परिशोधन भी आवश्यक है।
मुख्य परीक्षा पर आधारित प्रश्नवर्तमान में भारत की टोल प्रणाली के समक्ष व्याप्त चुनौतियाँ को रेखांकित कीजिए | इन चुनौतियों को हल करने के लिए शुरू की गई सरकारी पहलों पर चर्चा करें तथा इस प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए उठाए जा सकने वाले उपायों को भी बताइए। (15 अंक, 250 शब्द) |
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