विश्व स्तर पर डेंगू के मामलों में वृद्धि हो रही हैं, वर्ष-दर-वर्ष ब्राजील एवं दक्षिण अमेरिका में रिकॉर्ड वृद्धि देखी जा रही है।
डेंगू
डेंगू एक वायरल संक्रमण है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है।
विश्व की लगभग आधी जनसंख्या अब डेंगू के खतरे में है एवं हर वर्ष अनुमानित 100-400 मिलियन संक्रमण होते हैं।
डेंगू विश्व भर में उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय जलवायु अधिकांशत: शहरी तथा अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में पाया जाता है।
जबकि कई डेंगू संक्रमण स्पर्शोन्मुख होते हैं या केवल हल्की बीमारी उत्पन करते हैं, वायरस कभी-कभी अधिक गंभीर मामलों एवं यहाँ तक कि मृत्यु का कारण भी बन सकता है।
डेंगू की रोकथाम एवं नियंत्रण वेक्टर नियंत्रण पर निर्भर करता है।
डेंगू का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है।
शीघ्र पता लगाने एवं उचित चिकित्सा देखभाल तक पहुँच से डेंगू की मृत्यु दर में काफी कमी आती है।
कारण: डेंगू वायरस (जीनस फ्लेविवायरस)
वाहक: जीनस एडीज की प्रमुख मादा प्रजाति एडीज एजिप्टी मच्छर।
यह मच्छर चिकनगुनिया, पीला ज्वर एवं जीका संक्रमण भी फैलाता है।
डेंगू का कारण बनने वाले वायरस के 4 अलग-अलग सीरोटाइप (सूक्ष्मजीवों की एक प्रजाति के भीतर अलग-अलग समूह जिनकी विशेषता एक जैसी होती है): DEN-1, DEN-2, DEN-3 एवं DEN-4।
डेंगू के वैश्विक स्तर पर मामले
वैश्विक स्तर पर डेंगू के मामलों में वृद्धि हुई है, वर्ष 2023 में 6.5 मिलियन से अधिक मामले सामने आए, जो वर्ष 2019 में 5.2 मिलियन के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया।
वर्ष 2024 में (अगस्त तक) 12.06 मिलियन मामलों एवं 6,990 मृत्यु के साथ यह अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया।
कई मामले रिपोर्ट नहीं किए जाते हैं या गलत निदान किए जाते हैं, जो डेंगू के मामलों की वास्तविक सीमा को उजागर करते हैं।
डेंगू के मामलों में वृद्धि का कारण
शहरीकरण: जनसंख्या घनत्व में वृद्धि, शहरों का विस्तार एवं मानव संचलन।
जलवायु परिवर्तन: तापमान में वृद्धि एवं परिवर्तित वर्षा पैटर्न।
चरम मौसम की आवृत्ति एवं तीव्रता में वृद्धि।
जलवायु परिवर्तन एडीज मच्छरों को अपनी सीमा का विस्तार करने की अनुमति दे रहा है।
डेंगू के लिए टीके
डेंगवैक्सिया (Dengvaxia): यह एक लाइव रीकॉम्बिनेंट टेट्रावेलेंट वैक्सीन है, जिसे 9-45 या 9-60 वर्ष की आयु के व्यक्तियों लिए अनुशंसित किया जाता है।
पहले से डेंगू संक्रमण वाले लोगों के लिए सुरक्षित एवं लगभग 80% प्रभावकारिता दिखाई गई है।
Qgenda: यह एक जीवित-क्षीण टीका है, जिसे उच्च संचरण वाले क्षेत्रों में 6-16 वर्ष की आयु के लिए अनुशंसित किया जाता है।
दो-खुराक शृंखला तीन महीने के अंतराल पर दी जानी है।
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