100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

वर्ष 2005 के बाद से महासागरों के गर्म होने की दर दोगुनी हो गई है: रिपोर्ट

Lokesh Pal October 01, 2024 06:03 54 0

संदर्भ 

कॉपरनिकस मरीन सर्विस (Copernicus Marine Service) की रिपोर्ट के अनुसार, मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के कारण वर्ष 2005 के बाद से महासागर लगभग दोगुनी तेजी से गर्म हो रहे हैं।

संबंधित तथ्य 

  • महासागर, जो पृथ्वी की सतह का 70% भाग कवर करते हैं, वैश्विक जलवायु को विनियमित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • महासागरों के तापमान में लगातार वृद्धि
    • महासागरों का गर्म होना 1960 के दशक से जारी है, लेकिन वर्ष 2005 के बाद से इसमें तेजी से वृद्धि हुई है।
    • पिछले दो दशकों में वार्मिंग दर लगभग दोगुनी हो गई है, 0.58 वाट प्रति वर्ग मीटर से बढ़कर 1.05 वाट प्रति वर्ग मीटर हो गई है।

  • महासागर का गर्म होना ग्लोबल वार्मिंग को दर्शाता है: महासागर के गर्म होने को ग्लोबल वार्मिंग के स्पष्ट संकेतक के रूप में देखा जाता है।
    • IPCC की रिपोर्ट के अनुसार, यह कार्बन डाइऑक्साइड एवं अन्य ग्रीनहाउस गैसों के कारण वातावरण से 90% अतिरिक्त ऊष्मा को अवशोषित करता है।

महासागरीय तापन (Ocean Warming) के बारे में

  • महासागर ग्रीनहाउस गैसों से अतिरिक्त ऊष्मा को अवशोषित करते हैं, जिससे जल का तापमान बढ़ जाता है।
  • महासागरों के गर्म होने के कारण
    • ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन: जीवाश्म ईंधन जलाने, पेड़ों को काटने एवं औद्योगिक गतिविधियों से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) तथा मेथेन (CH4) जैसी गैसें निकलती हैं, जो गर्मी को रोकती हैं, जिससे वातावरण एवं महासागर गर्म हो जाते हैं।
    • CO2 अवशोषण: समुद्र मानवीय गतिविधियों से अतिरिक्त CO2 अवशोषित करता है। जहाँ यह जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद करता है, वहीं यह समुद्र के गर्म होने का कारण भी बनता है।
    • सौर विकिरण: सौर ऊर्जा में परिवर्तन से भी लंबी अवधि में समुद्र का तापमान बढ़ सकता है, लेकिन मानवीय गतिविधियों की तुलना में यह एक छोटा कारक है।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष 

  • महासागरों के गर्म होने की स्थिति
    • समुद्री हीट वेव: वर्ष 2023 में, दुनिया के 20% महासागरों में गंभीर समुद्री हीट वेव का अनुभव किया गया, जिससे समुद्री जीवन एवं पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हुए हैं।
    • दीर्घकालिक समुद्री हीट वेव: वर्ष 2008 के बाद से समुद्री हीट वेव की औसत अवधि दोगुनी हो गई है, जो सालाना 20 दिन से बढ़कर 40 दिन हो गई है।

    • आर्कटिक में स्थायी समुद्री हीट वेव: आर्कटिक के कुछ हिस्से, विशेष रूप से उत्तर-पूर्व बैरेंट्स सागर, स्थायी समुद्री हीट वेव की स्थिति में प्रवेश कर गए हैं।

महासागर के गर्म होने का प्रभाव (CMS  रिपोर्ट)

  • चरम मौसमी घटनाएँ: गर्म महासागर वैश्विक मौसम पैटर्न को प्रभावित करके तूफान, हरिकेन एवं चरम मौसम को बढ़ावा देते हैं।
  • बड़े पैमाने पर प्रवासन: समुद्री हीट वेव बड़े पैमाने पर प्रवासन एवं प्रजातियों के पतन का कारण बन सकती हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र तथा पोषक तत्त्व वितरण प्रभावित हो सकता है।

  • समुद्री बर्फ की हानि एवं रिकॉर्ड किया गया तापमान: वर्ष 2023 में ध्रुवीय क्षेत्रों में समुद्री बर्फ का स्तर सबसे कम रिकॉर्ड किया गया।
    • अगस्त 2022 में, बेलिएरिक द्वीप समूह (Balearic Islands) में 40 वर्षों में तटीय जल का तापमान 29.2°C (सबसे गर्म) दर्ज किया गया।
  • प्रवाल विरंजन: गर्म जल के कारण प्रवाल में जीवित रहने के लिए आवश्यक शैवाल नष्ट हो जाते हैं, जिससे प्रवाल विरंजन होता है एवं उनमें बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जो प्रवाल चट्टानों को नुकसान पहुँचाता है।
  • समुद्र के स्तर में वृद्धि: गर्म महासागरों के कारण जल का विस्तार होता है और ध्रुवीय बर्फ पिघलती है, जिससे समुद्र का स्तर बढ़ जाता है। इससे तटीय क्षरण होता है एवं तटीय क्षेत्र अधिक असुरक्षित हो जाते हैं।
  • समुद्री खाद्य जाल का विघटन: बढ़ता तापमान समुद्री प्रजातियों के वितरण को बदलता है, खाद्य शृंखला को बाधित करता है एवं मत्स्यपालन तथा उन पर निर्भर समुदायों को प्रभावित करता है।
  • महासागरीय अम्लता में वृद्धि: जलवायु परिवर्तन के कारण, मुख्य रूप से जीवाश्म ईंधन जलाने से, वर्ष 1985 के बाद से महासागरीय अम्लता में 30% की वृद्धि हुई है।
    • इस बढ़ती अम्लता से प्रवाल, मसल्स (Mussels) एवं सीप जैसी समुद्री प्रजातियों को खतरा है, जिससे उनके कंकाल तथा खोल बनाने की क्षमता प्रभावित हो रही है।
      • यह संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुँचाता है एवं समुद्र में पोषक तत्त्वों के प्रवाह को बाधित करता है।

वैश्विक कार्बन चक्र में महासागरों की भूमिका (CMS रिपोर्ट)

  • कार्बन सिंक के रूप में महासागर: महासागर मानव निर्मित CO2 को अवशोषित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
  • 1980 के दशक से CO2 का अवशोषण: IPCC के अनुसार, 1980 के दशक के बाद से महासागरों ने मनुष्यों द्वारा किए गए लगभग 20-30% कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को अवशोषित कर लिया है।
  • वार्षिक अवशोषण: प्रत्येक वर्ष, महासागर जीवाश्म ईंधन, सीमेंट उत्पादन एवं भूमि-उपयोग परिवर्तनों से जारी CO2 का लगभग 25% अवशोषित करते हैं।

सतत् विकास लक्ष्य (SDGs) एवं महासागर अम्लीकरण

  • SDG 14.3: महासागरीय अम्लीकरण को न्यूनतम सतत् विकास लक्ष्य 14 (समुद्री जल की सतह के नीचे का जीवन) के अंतर्गत लक्ष्यों में से एक है। 
    • इसमें समस्या के समाधान के लिए वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है।
  • निगरानी के प्रयास: यूनेस्को (UNESCO) का अंतर सरकारी समुद्र विज्ञान आयोग (Intergovernmental Oceanographic Commission- IOC) समुद्र की अम्लता (pH) की निगरानी के लिए जिम्मेदार है।
    • यह चयनित नमूना स्थानों से सटीक डेटा संग्रह एवं रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिक सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन करता है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.