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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal October 08, 2024 04:16 121 0

अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नियामक फोरम (IMDRF)

हाल ही में भारत इंटरनेशनल मेडिकल डिवाइस रेगुलेटर्स फोरम (International Medical Device Regulators Forum- IMDRF) का एक संबद्ध सदस्य बन गया है।

IMDRF के बारे में

  • समूह की प्रकृति: यह एक स्वैच्छिक समूह है, जिसमें विभिन्न देशों के चिकित्सा उपकरण नियामक शामिल हैं।
  • स्थापना: IMDRF का गठन वर्ष 2011 में किया गया था।
  • IMDRF का लक्ष्य: अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नियामक सामंजस्य एवं इनके अभिसरण में तेजी लाना। 
  • GHTF की नींव: IMDRF मेडिकल डिवाइसेज पर ग्लोबल हार्मोनाइजेशन टास्क फोर्स (GHTF) के मूलभूत कार्य पर आधारित है, जो पहले वैश्विक स्तर पर चिकित्सा उपकरण नियमों को संरेखित करने पर काम करता था।
  • वर्तमान सदस्य: IMDRF में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय संघ, जापान, यूनाइटेड किंगडम, ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नियामक प्राधिकरण शामिल हैं।

सदस्यता के लिए भारत का मार्ग: वर्ष 2024 में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने IMDRF संबद्ध सदस्यता के लिए आवेदन किया था, जिसे सितंबर 2024 में 26 वें सत्र, सिएटल, USA में अनुमोदित किया गया था।

IMDRF संबद्ध सदस्यता के लाभ

  • नियामक अनुपालन में सामंजस्य एवं कमी: भारत की सदस्यता अपने चिकित्सा उपकरण नियमों को वैश्विक मानकों के साथ संरेखित करती है, वैश्विक स्तर पर नियामक जटिलताओं को कम करती है तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा में सुधार करती है।
  • खुले सत्रों में भागीदारी: भारत अब सूचनाओं के आदान-प्रदान, नियामक रणनीतियों पर चर्चा करने एवं अपने घरेलू ढाँचे के लिए IMDRF दस्तावेजों को अपनाने के लिए खुले सत्रों में भाग ले सकता है।
  • घरेलू प्रतिस्पर्द्धात्मकता में वृद्धि: CDSCO के नियामक ढाँचे को मजबूत किया जाएगा, जिससे यह उभरती तकनीकी चुनौतियों से निपटने में सक्षम होगा।
  • ‘ब्रांड इंडिया’ को बढ़ावा देना: सदस्यता से भारतीय चिकित्सा उपकरण निर्माताओं को वैश्विक नियामक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उनकी उपस्थिति बढ़ेगी।

पर्यटन विकास सूचकांक, 2024 (TTDI)

हाल ही में यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक (TTDI), 2024 जारी किया गया। 

वर्ष 2024 TTDI रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

  • प्रकाशन: विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum- WEF)।
  • TTDI रैंक, 2024: विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा (TTDI) वर्ष 2024 में भारत को 119 देशों में से 39वाँ स्थान दिया गया है।
  • पिछली रैंक: वर्ष 2021 सूचकांक में, भारत 54वें स्थान पर था, लेकिन WEF की कार्यप्रणाली में संशोधन के बाद, वर्ष 2021 के लिए भारत की रैंक को 38वें स्थान पर समायोजित किया गया।
  • सुधार के क्षेत्र: तीन प्रमुख क्षेत्रों में भारत के स्कोर में सुधार हुआ:
    • यात्रा एवं पर्यटन को प्राथमिकता
    • सुरक्षा
    • स्वास्थ्य एवं स्वच्छता
  • घरेलू पर्यटक दौरे (Domestic Tourist Visits- DTVs)
    • डेटा: भारत में वर्ष 2022 में 1,731.01 मिलियन की तुलना में 2,509.63 मिलियन DTVs (अनंतिम) दर्ज किए गए।
    • नौकरी सृजन: वर्ष 2022-23 की अवधि में, पर्यटन ने 76.17 मिलियन प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष नौकरियाँ उत्पन्न कीं, जो वर्ष 2021-22 में 70.04 मिलियन से अधिक है।
  • विदेशी पर्यटकों के आगमन (Foreign Tourist Arrivals-FTAs) को बढ़ावा देने की पहल
  • प्रचारात्मक कदम
    • साहसिक एवं विशिष्ट पर्यटन पर ध्यान देना।
    • सरलीकृत E-वीजा प्रक्रियाएँ।
    • पर्यटकों के लिए 24/7 बहुभाषी हेल्पलाइन।
  • पर्यटन दीदी एवं पर्यटन मित्र का शुभारंभ: भारत में पर्यटक अनुभवों को बढ़ाने के लिए विश्व पर्यटन दिवस 2024 पर पेश किया गया।

चेंचुस जनजाति

आंध्र प्रदेश के घने नल्लामाला जंगलों में रहने वाले पारंपरिक रूप से शिकारी-संग्रहकर्ता पेनुकुमाडुगु के चेंचुस को MGNREGA के तहत रोजगार के घटते अवसरों का सामना करना पड़ता है। 

चेंचुस जनजाति के बारे में

  • चेंचुस एक छोटा, प्रवासी जनजातीय समुदाय है।
  • मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश एवं ओडिशा में पाया जाता है, 
  • ये आंध्र प्रदेश में 12 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs ) में से हैं।

जीवनशैली और व्यवसाय

  • चेंचुस पारंपरिक रूप से कृषि के बजाय जीविका के लिए शिकार एवं संग्रहण पर निर्भर रहते हैं।
  • वे बाँस काटने एवं शहद संग्रह में अपने कौशल के लिए जाने जाते हैं।
  • वे मुख्य रूप से तंबाकू, मक्का एवं बाजरा की कृषि करते हैं, लेकिन अपने आहार के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर बहुत अधिक निर्भर रहते हैं।
  • गैर-आदिवासी समुदायों के प्रभाव के कारण कई चेंचुस कृषि एवं वन कार्य की ओर चले गए हैं।

जनसांख्यिकी एवं भाषा

  • 21वीं सदी की शुरुआत में चेंचुस की जनसंख्या लगभग 59,000 थी।
  • वे मुख्य रूप से तेलुगु भाषा बोलते हैं, जो एक द्रविड़ भाषा है एवं उनकी चेंचुकूलम तथा चेन्सवार जैसी विशिष्ट बोलियाँ हैं।
  • उनकी शारीरिक विशेषताओं में छोटा कद, चपटी नाक एवं काले बाल शामिल हैं।
  • सामाजिक संरचना एवं परिवार
    • चेंचुस परिवार आमतौर पर छोटे होते हैं।
    • पुरुषों एवं महिलाओं को समान दर्जा प्राप्त है।
    • ये विजातीय विवाह के प्रचलन होते हैं, जिससे व्यक्तियों को स्वतंत्र रूप से अपना साथी चुनने की अनुमति मिलती है।

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