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वंशानुगत कैंसर के इलाज में जीनोम-एडिटिंग की भूमिका

Lokesh Pal October 10, 2024 04:05 86 0

संदर्भ 

अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान संस्था (International Agency for Research on Cancer) के अनुसार, 5 में से 1 व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर होने की संभावना है।

संबंधित तथ्य

  • गौरतलब है कि वर्ष 2022 में, 20 मिलियन नए कैंसर के मामले सामने आए और कैंसर के कारण लगभग 10 मिलियन मौतें हुईं। वर्ष 2045 तक, यह संख्या बढ़कर 32 मिलियन हो जाएगी और इससे होने वाली मौतें 16 मिलियन तक पहुँचने की  उम्मीद है।
  • अनुमान है कि वर्ष 2045 तक दुनिया के लगभग आधे कैंसर के मामले एशिया से संबंधित  होंगे।
  • वंशानुगत कैंसर का खतरा
    • लगभग 10% कैंसर माता-पिता से प्राप्त आनुवंशिक उत्परिवर्तन के कारण होते हैं।
    • ये वंशानुगत उत्परिवर्तन डिंबग्रंथि के कैंसर (20%) में अधिक आम हैं और स्तन, कोलोरेक्टल, फेफड़े और प्रोस्टेट कैंसर वाले लगभग 10% लोगों में होते हैं।

जीनोम एडिटिंग (Genome Editing)

  • जीनोम एडिटिंग से तात्पर्य ऐसी प्रौद्योगिकियों से है, जो वैज्ञानिकों द्वारा किसी जीव के DNA को बदलने हेतु प्रयोग की जाती है।
    • इसमें जीनोम के विशिष्ट बिंदुओं पर आनुवंशिक सामग्री को जोड़ना, हटाना या परिवर्तित करना शामिल है।

  • CRISPR-Cas9 प्रौद्योगिकी
    • CRISPR-Cas9 एक लोकप्रिय जीनोम एडिटिंग उपकरण है क्योंकि यह अन्य तरीकों की तुलना में तीव्र, सस्ता, अधिक सटीक एवं अधिक कुशल है।
    • इसे बैक्टीरिया द्वारा वायरस से लड़ने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्राकृतिक रक्षा तंत्र से अनुकूलित किया गया।
  • CRISPR-Cas9 कैसे कार्य करता है?
    • बैक्टीरिया अपने जीनोम में वायरल DNA खंडों को संगृहीत करते हैं, जिससे ‘CRISPR एरेज’ (CRISPR Arrays) का निर्माण होता है।
      • ये संरचनाएँ उन्हें Cas9 एंजाइम का उपयोग करके हमलावर वायरस के DNA को पहचानने एवं काटने में मदद करती हैं।
    • वैज्ञानिकों ने गाइड RNA और Cas9 एंजाइम का उपयोग करके मानव कोशिकाओं में विशिष्ट DNA अनुक्रमों को लक्षित करने और संपादित करने के लिए इस प्रक्रिया को अनुकूलित किया है।
  • रोग उपचार में अनुप्रयोग
    • जीनोम एडिटिंग, सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic Fibrosis), हीमोफीलिया (Haemophilia) और सिकल सेल रोग (Sickle Cell Disease) जैसी बीमारियों के इलाज में मददगार है।
    • यह कैंसर, हृदय रोग और HIV जैसी जटिल स्थितियों के लिए भी आशाजनक है।

सोमैटिक बनाम जर्मलाइन एडिटिंग (Somatic vs. Germline Editing)

  • कायिक कोशिकाएँ (Somatic Cells): गैर-प्रजनन कोशिकाओं में किए गए परिवर्तन संतानों में नहीं पहुँचते हैं।
  • जर्मलाइन कोशिकाएँ: अंडे या शुक्राणु कोशिकाओं के एडिटिंग से वंशानुगत परिवर्तन हो सकते हैं।

नैतिक चिंताएँ

  • अधिकांश जीनोम एडिटिंग कायिक कोशिकाओं (गैर-प्रजनन कोशिकाओं) को प्रभावित करते हैं, जिसका अर्थ है कि परिवर्तन भावी पीढ़ियों तक नहीं पहुँचते हैं।
  • जर्मलाइन कोशिकाओं (अंडाणु या शुक्राणु) का एडिटिंग नैतिक चिंताएँ उत्पन्न करता है, क्योंकि ये परिवर्तन वंशानुगत हो सकते हैं।
    • वर्तमान में, सुरक्षा एवं नैतिक मुद्दों के कारण, विशेषकर मानसिक स्तर या लंबाई जैसे मानवीय गुणों को बढ़ाने के संबंध में, कई देशों में जर्मलाइन एडिटिंग अवैध है।

वंशानुगत कैंसर सिंड्रोम (Hereditary Cancer Syndromes) के बारे में

  • आनुवंशिक कैंसर सिंड्रोम, आनुवंशिक विकार हैं, जिनमें एक या एक से अधिक वंशानुगत जीनों में उत्परिवर्तन के कारण कैंसर विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
    • इन उत्परिवर्तनों के कारण कम उम्र में भी कैंसर विकसित हो सकता है।
  • प्रमुख विशेषताएँ
    • वंशानुगत कैंसर सिंड्रोम वाले व्यक्तियों को जीवन भर कैंसर होने का जोखिम अधिक होता है।
    • उनके जीवन में कई स्वतंत्र कैंसर भी विकसित हो सकते हैं।
  • कारण
    • इनमें से अधिकांश सिंड्रोम ट्यूमर दमनकारी जीन (Tumor Suppressor Genes) में उत्परिवर्तन के कारण होते हैं, जो सामान्यतः कोशिकाओं को कैंसरग्रस्त होने से बचाते हैं।
      • अन्य प्रभावित जीनों में DNA की मरम्मत के लिए जिम्मेदार जीन, ऑन्कोजीन (Oncogenes) (कैंसर के विकास को बढ़ावा देने वाले जीन) और एंजियोजिनेसिस (Angiogenesis) (रक्त वाहिकाओं का निर्माण) शामिल हैं।
  • सामान्य सिंड्रोम
    • उदाहरणों में हेरिडिटरी ब्रेस्ट-ओवराइन कैंसर सिंड्रोम (Hereditary Breast-Ovarian Cancer Syndrome) और लिंच सिंड्रोम (Lynch Syndrome) या ‘हेरिडिटरी नॉन-पॉलीपोसिस कोलन कैंसर’ (Hereditary Non-Polyposis Colon Cancer) शामिल हैं।

BRCA जीन

  • BRCA1 और BRCA2 जीन, 1990 के दशक के मध्य में खोजे गए।
  • ये वंशानुगत कैंसर, विशेष रूप से स्तन और डिंबग्रंथि के कैंसर को समझने के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
  • BRCA और कैंसर के जोखिम
    • BRCA1 और BRCA2 जीन में उत्परिवर्तन से महिलाओं में स्तन, डिंबग्रंथि और फैलोपियन ट्यूब कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, साथ ही पुरुषों में प्रोस्टेट और स्तन कैंसर का भी खतरा बढ़ जाता है।
    • ये उत्परिवर्तन अग्नाशय, कोलोरेक्टल और गर्भाशय कैंसर जैसे कैंसर के उच्च जोखिम से भी जुड़े हैं।
  • BRCA उत्परिवर्तन की व्यापकता
    • BRCA उत्परिवर्तन लगभग 400 लोगों में से 1 में होता है।
    • हालाँकि, कुछ समूहों, जैसे कि अश्केनाजी यहूदियों (Ashkenazi Jews) में, 40 व्यक्तियों में से 1 में इसका प्रचलन पाया जाता है।

आनुवंशिक परीक्षण और उपचार का महत्त्व

  • BRCA उत्परिवर्तन के लिए आनुवंशिक परीक्षण
    • BRCA उत्परिवर्तन के लिए परीक्षण महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इससे कैंसर के उच्च जोखिम वाले लोगों की पहचान करने में मदद मिलती है।
      • इससे व्यक्तिगत रोकथाम रणनीतियों, जैसे नियमित जाँच या निवारक सर्जरी, को अपनाया जा सकता है।
  • BRCA उत्परिवर्तन के लिए लक्षित चिकित्सा
    • PARP अवरोधकों जैसे उपचारों ने BRCA उत्परिवर्तनों के कारण होने वाले कैंसर के उपचार में आशाजनक परिणाम दिखाए हैं।

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