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तटीय स्लैग निक्षेपों से बनी अवसादी चट्टानें

Lokesh Pal October 14, 2024 02:09 61 0

संदर्भ

शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन में तटीय स्लैग निक्षेपों से निर्मित एक नई तरह की अवसादी चट्टान का दस्तावेजीकरण किया है, जिसे सेडिमेंटोलॉजिकल (Sedimentological) पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

महत्त्वपूर्ण तथ्य 

  • अध्ययन फोकस: शोधकर्ताओं ने लिथिफिकेशन प्रक्रियाओं तथा कार्बन-ट्रैपिंग क्षमता का विश्लेषण करने के लिए वार्टन, इंग्लैंड से स्लैग नमूनों का अध्ययन किया है।
  • प्रयुक्त तकनीकें: स्लैग संरचना तथा खनिज सामग्री को समझने के लिए एक्स-रे विवर्तन, थर्मोग्रैविमेट्रिक विश्लेषण, आइसोटोप विश्लेषण और इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी जैसी विश्लेषणात्मक विधियों का उपयोग किया गया।

लिथिफिकेशन (Lithification)

  • लिथिफिकेशन: लिथिफिकेशन वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा तलछट मिलकर अवसादी चट्टानें बनाते हैं।
  • संहनन (Compaction) ऊपरी निक्षेपों के तीव्र दबाव के कारण तलछट का एकत्रीकरण है।
  • संहनन के साथ, तलछट के कण एक साथ दब जाते हैं, जिससे उन्हें विभाजित करने वाले मूल छिद्र स्थान का आकार कम हो जाता है।
  • समय के साथ स्लैग कठोर होकर अवसादी चट्टान बन जाता है, जिससे कृत्रिम सतह का निर्माण होता है।

  • कैल्साइट सीमेंट अवक्षेपण: स्लैग सतह तथा समुद्र की ओर वाले भागों पर, कैल्शियम CO2 के साथ अभिक्रिया करके कैल्साइट बनाता है, जो वायुमंडल से कार्बन को अवशोषित कर लेती  है।
  • कैल्शियम-सिलिकेट-हाइड्रेट (CSH) अवक्षेपण: अंतर्ज्वारीय क्षेत्र में, स्लैग कैल्शियम-सिलिकेट-हाइड्रेट खनिजों का निर्माण करता है, जो समुद्री जल से प्रभावित होकर हानिकारक धातुओं के उत्सर्जन को सीमित करता है।

स्लैग (Slag)

  • स्लैग एक उपोत्पाद है, जो प्रगलन या अन्य दहन और धातुकर्म प्रक्रियाओं के दौरान निर्मित होता है।
  • यह एक पिघला हुआ पदार्थ है, जो तब निर्मित होता है, जब अयस्कों में अशुद्धियाँ और अधात्री (अवांछित खनिज) वांछित धातु से अलग हो जाते हैं।
  • इसमें मुख्य रूप से सल्फर, फॉस्फोरस, सिलिकॉन और एल्युमीनियम जैसे तत्त्वों के ऑक्साइड होते हैं। इसमें धातु फॉस्फेट या सिलिकेट भी हो सकते हैं।

स्लैग के उपयोग

  • कंक्रीट: स्लैग का दोबारा प्रयोग सड़क निर्माण के लिए कंक्रीट बनाने में किया जा सकता है।
  • उर्वरक: उच्च फॉस्फेट सामग्री वाले स्लैग का प्रयोग पौधों के लिए उर्वरक के रूप में किया जा सकता है।
  • अन्य अनुप्रयोग: स्लैग का प्रयोग विभिन्न औद्योगिक अनुप्रयोगों में भी किया जा सकता है, जैसे ईंटें, इन्सुलेशन सामग्री और काँच बनाना।

स्लैग के उदाहरण

  • इस्पात निर्माण: इस्पात निर्माण में, धातु में एल्यूमिना और सिलिका को बेअसर करने और फास्फोरस और सल्फर की अशुद्धियों को हटाने के लिए अयस्क में CaO और MgCO3 मिलाया जाता है।
    • परिणामी धातुमल आमतौर पर कैल्शियम सिलिकेट तथा मैग्नीशियम सिलिकेट का मिश्रण होता है।
  • ताँबा और सीसा प्रगलन: ताँबा और सीसा अयस्कों के प्रगलन से अक्सर लोहा और सिलिका युक्त धातुमल उत्पन्न होता है।
    • इस स्लैग को आगे संसाधित करके मूल्यवान धातुएँ प्राप्त की जा सकती हैं या निर्माण सामग्री में उपयोग किया जा सकता है।

एंथ्रोपोसीन युग और मानव प्रभाव

  • एंथ्रोपोसीन युग (Anthropocene Epoch): यह 1950 के दशक के आसपास शुरू होने वाला एक प्रस्तावित भू-वैज्ञानिक युग है, जो उस अवधि को चिह्नित करता है, जहाँ  मानवीय गतिविधियों ने पृथ्वी की प्रणालियों को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है।
  • मानवीय प्रभाव: औद्योगीकरण, कृषि और शहरीकरण जैसी मानवीय गतिविधियों ने ग्रह के परिदृश्य, पारिस्थितिकी तंत्र और जलवायु को परिवर्तित कर दिया है।
  • औद्योगिक अपशिष्ट: उद्योगों के उदय से भारी मात्रा में अपशिष्ट उत्पन्न हुआ है, जिसमें लावा भी शामिल है, जो पृथ्वी की सतह पर जमा हो गया है तथा नई अवसादी सामग्रियों के निर्माण में योगदान दे रहा है।
  • कृत्रिम निक्षेप: मानव निर्मित निक्षेप, जैसे स्लैग, अब अवसादी पदार्थों के प्राकृतिक स्रोतों से भी आगे निकल गए हैं, जो भू-वैज्ञानिक अभिलेखों पर मानवीय गतिविधियों के गहन प्रभाव को दर्शाता है।
  • वैश्विक परिवर्तन: एंथ्रोपोसीन की विशेषता व्यापक पर्यावरणीय परिवर्तन है, जिसमें ग्लोबल वार्मिंग, वनोंन्मूलन , प्रदूषण और जैव विविधता का ह्रास शामिल है।
  • जियोलाजिकल मार्कर: वैज्ञानिक एंथ्रोपोसीन की शुरुआत को परिभाषित करने के लिए विशिष्ट जियोलाजिकल मार्कर की खोज कर रहे हैं, जैसे कि रेडियोधर्मी आइसोटोप, माइक्रोप्लास्टिक या परिवर्तित तलछट परतों का ऊँचा स्तर।

यह कार्बन को कैसे ग्रहण करता है?

  • कार्बन पृथक्करण: स्लैग खनिज कार्बोनेशन के माध्यम से CO2 को अवशोषित कर सकता है, जिससे ग्रीनहाउस गैसों को कम करने में मदद मिलती है।
  • विषाक्त धातु नियंत्रण: लिथिफाइड स्लैग वैनेडियम और क्रोमियम जैसी हानिकारक धातुओं के उत्सर्जन को सीमित कर सकता है।

भविष्य के अनुप्रयोग

  • तटीय संरक्षण: स्लैग निक्षेप का उपयोग तटरेखाओं को कटाव से बचाने के लिए किया जा सकता है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण को अपशिष्ट प्रबंधन के साथ जोड़ा जा सकता है।
  • कार्बन कैप्चर: लिथिफिकेशन प्रक्रियाओं को समझने से अतिरिक्त सुविधाओं की आवश्यकता के बिना CO2 पृथक्करण के लिए स्लैग को फिर से उपयोग में लाने में मदद मिल सकती है।
  • संसाधन पुनर्प्राप्ति: स्लैग निक्षेप का विश्लेषण करने से स्टीलमेकिंग में रीसाइक्लिंग के लिए मूल्यवान संसाधनों को पुनर्प्राप्त करने में भी सहायता मिल सकती है।

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