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भारत में मौसम पूर्वानुमान तथा आपदा प्रबंधन

Lokesh Pal October 19, 2024 05:15 63 0

संदर्भ :

पिछले कुछ समय से भारत को गंभीर बाढ़, सूखा तथा अन्य चरम मौसमी घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है, जो जलवायु परिवर्तन से और भी बढ़ गई है, जिससे उन्नत पूर्वानुमान और पूर्व चेतावनी प्रणालियों की तत्काल आवश्यकता उजागर होती है।

भारत में जलवायु संबंधी खतरे

  • मानसून का प्रभाव : हाल ही में मानसून के कारण असम, बिहार, ओडिशा और पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में बाढ़ आई है।
  • बदलती आपदाएँ : ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (CEEW) द्वारा किए गए एक अध्ययन में बताया गया है, कि भारत के लगभग 40% जिले निरन्तर क्रमागत रूप से जलवायु चुनौतियों का सामना करते हैं।
  • वर्षा संबंधी चुनौतियाँ : CEEW द्वारा 40 वर्षों के वर्षण आँकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है, कि पिछले दशक में मानसून के दौरान भारी वर्षा वाले दिनों में 64% तक की वृद्धि हुई है।
  • बाढ़ का जोखिम : भारत की दो-तिहाई आबादी बाढ़ जोखिम के संपर्क में है।                  

मौसम पूर्वानुमान में समस्याएँ 

  • भारत की दो-तिहाई जनसंख्या बाढ़ जोखिम के संपर्क में होने के बावजूद, बाढ़-प्रवण आबादी का केवल एक तिहाई हिस्सा ही पूर्व चेतावनी प्रणालियों के अंतर्गत आता है। 
  • यह चक्रवात-प्रवण क्षेत्रों के बिल्कुल विपरीत है, जो चक्रवात पूर्व चेतावनी प्रणालियों द्वारा पूरी तरह से कवर किए गए हैं।

मिशन मौसम (Mission Mausam)

  • अवलोकन : वर्ष 2024 में प्रारंभ किए जाने वाले ‘मिशन मौसम’ का उद्देश्य भारत के मौसम अवलोकन को बढ़ाना, पूर्वानुमान मॉडल में सुधार करना तथा मौसम संशोधन तकनीकों का पता लगाना है।
  • कार्यान्वयन : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (NCMRWF) तथा भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) द्वारा ₹2,000 करोड़ के बजट के साथ कार्यान्वित किया जाएगा।
  • उद्देश्य : यह पहल मौसम अवलोकन नेटवर्क का विस्तार करने, मशीन-लर्निंग और डेटा-संचालित दृष्टिकोणों को एकीकृत करने तथा वायुमंडलीय विश्लेषण और मौसम संशोधन के लिए मॉडल विकसित करने पर केंद्रित है।

‘मिशन मौसम’ की प्राथमिकताएँ

  • मौसम अवलोकन नेटवर्क का विस्तार
    • भारत में वर्तमान में 39 डॉप्लर मौसम रडार (DWR) हैं, लेकिन पश्चिमी तट और अहमदाबाद, बंगलूरू तथा जोधपुर जैसे प्रमुख शहरों के महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में अभी भी रडार मौजूद नहीं हैं।
    • अरब सागर में चक्रवातों की बढ़ती आवृत्ति पश्चिमी तट पर अधिक रडार की आवश्यकता को उजागर करती है।
    • निरंतर बाढ़ की आशंका वाले शहरी केंद्रों में रडार कवरेज का विस्तार बेहतर प्रबंधन हेतु महत्त्वपूर्ण है।
  •  मौसम संबंधी डेटा तक स्पष्ट पहुँच
    • अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देश मौसम संबंधी आँकड़ों तक स्पष्ट पहुँच प्रदान करते हैं, जिससे नई प्रौद्योगिकियों और स्थानीय उपकरणों के विकास की अनुमति मिलती है। 
    • IMD अपने पोर्टल के माध्यम से सीमित डेटा प्रदान करता है, जिसमें शैक्षणिक और अनुसंधान उद्देश्यों के लिए पहुँच पर प्रतिबंध है।
    • सुझाव :
      • मौसम संबंधी आँकड़ों के स्पष्ट वितरण के लिए मूलभूत ढाँचे की स्थापना।
      • ‘मिशन मौसम’ को रडार, पवन प्रोफाइलर और रेडियोमीटर से प्राप्त आँकड़ों को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराना चाहिए, जिससे प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों में नवाचार को प्रोत्साहित किया जा सके।
  • संचार उपकरणों को उन्नत करना
    • आईएमडी वेब और मोबाइल ऐप के माध्यम से मौसम की जानकारी साझा करता है, जो प्रति घंटे से लेकर चार दिन के पूर्वानुमान तक जिलेवार चेतावनी प्रदान करता है।
    • सुझाव :
      • उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाना : उपयोगकर्ताओं को चेतावनियों को बेहतर ढंग से समझने और उन पर कार्रवाई करने में मदद करने के लिए उपकरणों में सुधार की आवश्यकता है, मुख्य रूप से अंतिम मील तक पहुँचने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है ।
      • क्षमता निर्माण : ‘मिशन मौसम’ को तैयारी बढ़ाने के लिए वीडियो, मीडिया गाइड और अधिक सहज अनुप्रयोगों के साथ उपयोगकर्ताओं को शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
      • बेहतर नीति और बुनियादी ढाँचा : असम जैसे क्षेत्रों के लिए, जो प्रति वर्ष बाढ़ का सामना करते हैं, बेहतर तैयारी सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक नीतियाँ और बुनियादी ढाँचा आवश्यक है।

निष्कर्ष

स्पष्ट है कि भारत आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं से बेहतर ढंग से निपटने में सक्षम होगा, जिसमें ‘मिशन मौसम’ जैसी जलवायु प्रणालियाँ मुख्य भूमिका निभाएंगी ।

मुख्य परीक्षा संबंधी अभ्यास प्रश्न 

भारत के मौसम पूर्वानुमान नेटवर्क में मौजूदा कमियों की जाँच करें। बताइए कि इन कमियों को दूर करके चरम मौसम के लिए पूर्व चेतावनी प्रणालियों की प्रभावशीलता को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है?

(10अंक, 150 शब्द)

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