हाल ही में ओडिशा ने तटीय क्षेत्रों में चक्रवात ‘दाना’ (Cyclone Dana) के संभावित प्रभाव से निपटने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
संबंधित तथ्य
इस चक्रवात को ‘दाना’ नाम कतर द्वारा दिया गया है, जिसका अरबी भाषा में अर्थ ‘एक सुंदर, कीमती मोती’ होता है।
चक्रवात दाना के कारण पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा के तटीय क्षेत्रों से वर्षा की संभावना बनी हुई है।
चक्रवात तथा परिसंचरण पैटर्न के बारे में
चक्रवात एक बड़े पैमाने की वायुराशि होती है, जो कम वायुमंडलीय दबाव के एक मजबूत केंद्र के चारों ओर घूमता है।
इन्हें उनकी उत्पत्ति के आधार पर उष्णकटिबंधीय और बहिरुष्णकटिबंधीय चक्रवातों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
कम दबाव प्रणाली के चारों ओर वायु के संचलन को चक्रवाती परिसंचरण कहा जाता है, जबकि उच्च दबाव प्रणाली के चारों ओर इसे प्रतिचक्रवाती परिसंचरण कहा जाता है।
नीचे दी गई तालिका दबाव प्रणाली और वायु परिसंचरण पैटर्न दिखाती है-
दबाव प्रणाली
केंद्र में दबाव की स्थिति
हवा की दिशा का पैटर्न
उत्तरी गोलार्द्ध
दक्षिणी गोलार्द्ध
चक्रवात
कम
वामावर्त
दक्षिणावर्त
प्रतिचक्रवात
उच्च
दक्षिणावर्त
वामावर्त
उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclone) के बारे में
ये वायुमंडल में 30° उत्तरी और 30° दक्षिणी अक्षांशों के बीच स्थित क्षेत्र तक ही सीमित होते हैं।
भारत में चक्रवात: उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय चक्रवात मानसून के पहले (अप्रैल से जून) तथा मानसून के बाद (अक्टूबर से दिसंबर) अवधि के दौरान विकसित होते हैं।
चक्रवात के लिए आवश्यक शर्तें
उच्च तापमान वाली समुद्री सतह (27 °C से ऊपर)।
चक्रवाती भँवर के निर्माण के लिए कोरिओलिस प्रभाव की उपस्थिति।
ऊर्ध्वाधर वायु की गति में छोटे बदलाव।
तूफान को ऊर्जा प्रदान करने के लिए गुप्त ऊष्मा की आवश्यकता
समुद्र तल प्रणाली के ऊपर ऊपरी स्तर का विचलन।
उष्णकटिबंधीय चक्रवात की विशेषताएँ
यह उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में महासागरों के ऊपर उत्पन्न होने वाला एक विनाशकारी तूफान है।
उष्णकटिबंधीय चक्रवात की आँख (Eye of a Tropical Cyclone): आँख में सबसे कम सतही दबाव और सबसे गर्म तापमान होता है और आसपास की वायु का केंद्र में अवरोहण होता है।
केंद्र में: यह तुलनात्मक रूप से हल्की हवाओं और साफ मौसम वाला लगभग गोलाकार शांत क्षेत्र होता है।
तापमान: उष्णकटिबंधीय चक्रवात में सतह पर केवल 0-2°C अधिक तापमान होता है।
चालक बल: महासागरों के ऊपर नम हवा के संघनन द्वारा जारी वाष्पीकरण की अव्यक्त ऊष्मा इन तूफानों के लिए चालक बल का कार्य करती है।
पथ का अनुसरण: वे व्यापारिक हवाओं के प्रभाव में पश्चिम की ओर एक परवलयाकार पथ का अनुसरण करते हैं।
चक्रवात का नामकरण
चक्रीय आधार: चक्रवातों के नाम पूर्व-निर्धारित सूची में देशों द्वारा चक्रीय आधार पर निर्धारित किए जाते है।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र: विश्वभर में, छह विशिष्ट क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (RSMC) तथा पाँच क्षेत्रीय उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी केंद्र (Tropical Cyclone Warning Centres- TCWC) को उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के संबंध में परामर्श जारी करने तथा नामकरण करने का कार्य सौंपा गया है।
IMD की भूमिका: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) बंगाल की खाड़ी और अरब सागर सहित उत्तरी हिंद महासागर के लिए सलाह एवं नामकरण प्रदान करने वाले RSMC में से एक है।
सदस्य देश: IMD, WMO/एशिया-प्रशांत के लिए आर्थिक और सामाजिक आयोग (ESCAP) पैनल के तहत 13 सदस्य देशों को सेवा प्रदान करता है।
ये देश है:- बांग्लादेश, भारत, ईरान, मालदीव, म्याँमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और यमन।
वर्तमान सूची में कुल 169 नाम हैं, जिनमें 13 WMO/ESCAP सदस्य देशों से 13-13 नाम शामिल हैं।
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की विश्वव्यापी शब्दावली
टाइफून: चीन सागर और प्रशांत महासागर में
हरिकेन: कैरेबियन सागर और अटलांटिक महासागर में पश्चिमी भारतीय द्वीप में
टाॅरनेडो: पश्चिमी अफ्रीका और दक्षिणी अमेरिका के गिनी देश के आसपास
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