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मदरसों को लेकर NCPCR की सिफारिश पर उच्चतम न्यायालय की रोक

Lokesh Pal October 23, 2024 02:32 43 0

संदर्भ

उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की सिफारिशों पर रोक लगा दी है, जिसमें शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम का अनुपालन नहीं करने वाले सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों को बंद करने का प्रस्ताव दिया गया था।

  • यह रोक केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा जारी किए गए किसी भी निर्देश पर भी लागू होती है।

मामले की पृष्ठभूमि

  • एक धार्मिक संगठन द्वारा एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि NCPCR की सिफारिशें भारतीय संविधान के अनुच्छेद-30 के तहत अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती हैं, जो शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना एवं प्रशासन करने के उनके अधिकार की गारंटी देता है।
  • याचिका में कहा गया है कि NCPCR की सिफारिशों का कोई कानूनी आधार नहीं है एवं इसने मदरसों के लिए संवैधानिक सुरक्षा की उपेक्षा की है।
  • जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने अंतरिम आदेश पारित किया।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR)

  • राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) एक भारतीय वैधानिक निकाय है, जो बाल अधिकार संरक्षण आयोग (CPCR) अधिनियम, 2005 के तहत स्थापित किया गया है।

NCPCR की संरचना

  • अध्यक्ष: चयन समिति की सिफारिश पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
  • सदस्य: कम-से-कम दो महिला सदस्यों सहित छह सदस्य, बच्चों से संबंधित क्षेत्रों में उनके ज्ञान एवं अनुभव के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।
  • NCPCR के संघ
    • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय: NCPCR इस मंत्रालय के तत्त्वावधान में कार्य करता है, जो सरकारी नीतियों एवं पहलों के साथ सामंजस्य सुनिश्चित करता है।
    • बाल अधिकार संरक्षण के लिए राज्य आयोग (SCPCRs): देश भर में बाल अधिकार मानकों के लगातार कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए NCPCR इन राज्य-स्तरीय आयोगों के साथ समन्वय करता है।
    • गैर-सरकारी संगठन एवं नागरिक समाज संगठन: NCPCR बाल अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने एवं बच्चों के हितों की सुरक्षा की वकालत करने के लिए इन संगठनों के साथ सहयोग करता है।
    • अंतरराष्ट्रीय संगठन: NCPCR ज्ञान एवं सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के लिए यूनिसेफ (UNICEF), बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र समिति (UN Committee on the Rights of the Child) तथा दक्षिण एशियाई बाल अधिकार नेटवर्क (South Asian Child Rights Network) जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ जुड़ता है।

NCPCR का कार्य

  • इसका प्राथमिक कार्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी कानून, नीतियाँ, कार्यक्रम एवं प्रशासनिक तंत्र भारत के संविधान तथा बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UN Convention on the Rights of the Child) में निहित बाल अधिकारों के परिप्रेक्ष्य के अनुरूप हैं। 
  • कुल मिलाकर, NCPCR निरीक्षण, निगरानी एवं वकालत प्रदान करके भारत में बाल अधिकारों की सुरक्षा तथा प्रचार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

NCPCR सिफारिशें 

  •  NCPCR ने गैर-मुस्लिम बच्चों को प्रवेश देने वाले सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों की समीक्षा की सिफारिश की।
  •  NCPCR ने शिक्षा मंत्रालय से सभी मदरसों का निरीक्षण करने एवं RTE अधिनियम का अनुपालन नहीं करने वाले मदरसों से मान्यता वापस लेने को कहा है।

RTE के तहत कानूनी प्रावधान

  • अनुच्छेद-21A (86वाँ संशोधन) के तहत शिक्षा का अधिकार: भारत में 6-14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा के महत्त्व के तौर-तरीकों का वर्णन करता है। 
    • यह अधिनियम समाज के वंचित वर्गों के लिए 25% आरक्षण का आदेश देता है, जहाँ वंचित समूहों में शामिल हैं:-
      • अनुसूचित जाति (SC) एवं अनुसूचित जनजाति (ST)
      • सामाजिक रूप से पिछड़ा वर्ग
      • अक्षम वर्ग
  • अधिनियम की धारा 1 (4) एवं 1 (5) को जोड़ने के लिए RTE में संशोधन किया गया था।
    • RTE अधिनियम की धारा 1 (5): इस अधिनियम में निहित कोई भी बात मदरसों, वैदिक पाठशालाओं और मुख्यतः धार्मिक शिक्षा प्रदान करने वाली शैक्षणिक संस्थाओं पर लागू नहीं होगी।
    • RTE की धारा 1(4): संविधान के अनुच्छेद-29 और अनुच्छेद-30 के उपबंधों के अधीन रहते हुए, इस अधिनियम के उपबंध बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार प्रदान करने के लिए लागू होंगे।
  • अनुच्छेद-29 एवं अनुच्छेद 30: इसमें अल्पसंख्यकों एवं अल्पसंख्यक संचालित संस्थानों के अधिकारों को सुरक्षित करने वाले प्रावधान शामिल हैं।
    • अल्पसंख्यक संस्थानों को अपनी पसंद के अनुसार अपने शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना एवं प्रशासन करने का मौलिक अधिकार है।

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