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Lokesh Pal October 25, 2024 05:30 75 0
संसद सत्र में न होने पर स्थायी समितियाँ विधेयकों और नीतियों की जाँच करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हालाँकि, खुली बहस के प्रति सरकार के प्रतिरोध ने उनकी प्रभावशीलता को कम कर दिया है, जिससे भारतीय लोकतंत्र में उनकी भूमिका को बहाल करने के लिए सुधारों की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है।
लोकतांत्रिक निगरानी को मजबूत करने और प्रभावी विधायी जांच सुनिश्चित करने के लिए संसदीय समितियों पर अधिक ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। विभिन्न समितियों व आयोगों द्वारा सुझाए गए सुझावों व सुधारों को अपनाने से जवाबदेह शासन और सूचित नीति निर्माण में समितियों की भूमिका मजबूत होगी।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न :प्रश्न: संसदीय स्थायी समितियों को अक्सर ‘मिनी संसद’ कहा जाता है, फिर भी पिछले कुछ वर्षों में उनकी प्रभावशीलता में गिरावट आई है। इन समितियों के सामने आने वाली चुनौतियों का आलोचनात्मक विश्लेषण करें और भारत में संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सुधार सुझाएँ। (15अंक, 250 शब्द) |
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