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Lokesh Pal October 26, 2024 05:00 92 0
पंजाब में धान की खरीद में अनावश्यक विलंब का प्रमुख कारण गोदामों में भीड़भाड़ और भंडारण क्षमता का अपर्याप्त होना है। इस अव्यवस्था के कारण मिल मालिकों में असंतोष है, जिसका सीधा प्रभाव स्थानीय कृषि अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।
पूरे सीजन में 185 लाख टन धान की खरीद की जाती है। लेकिन 23 अक्टूबर 2024 तक केवल 37.68 लाख टन धान की खरीद हुई है। यह 2023 में इसी समयावधि में की गई 49 लाख टन खरीद की तुलना में कम है।
आउट-टर्न अनुपात (ओटीआर) :चावल के उस अनुपात को संदर्भित करता है, जो मिलिंग प्रक्रिया के बाद धान से निकाला जाता है। |
सरकारी गोदामों में गेहूं का मौजूदा स्टॉक 23.78 मिलियन टन (एमटी) है, जो 20.52 एमटी के न्यूनतम आवश्यक स्तर से थोड़ा ऊपर है। यह स्टॉक स्तर 2022 को छोड़कर 2008 के बाद से इस समय के लिए सबसे कम है। |
पंजाब में धान की खरीद में हो रही देरी भंडारण के लिए बेहतर समाधान और कुशल लॉजिस्टिक प्रबंधन की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है। मिल मालिकों को सहायता प्रदान करने और एक सुचारू खरीद प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए इन चुनौतियों का त्वरित समाधान करना आवश्यक है, जिससे अंततः राज्य के फसल चक्र, कृषि अर्थव्यवस्था व किसानों को लाभ होगा।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्नप्रश्न: भारत के बफर स्टॉक में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले पंजाब को अधिशेष भंडारण और प्रबंधन से संबंधित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन मुद्दों के पीछे के कारणों का विश्लेषण करें और उन्हें संबोधित करने के उपाय सुझाएँ। (10 अंक, 150 शब्द) |
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