फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (UNRWA)
हाल ही में इजरायल की संसद ने फिलिस्तीन के शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (United Nations Relief and Works Agency for Palestine Refugees- UNRWA) को इजरायल तथा फिलिस्तीनी क्षेत्रों में संचालन से प्रतिबंधित करने के लिए दो विधेयक पारित किए हैं।
UNRWA के बारे में
उत्पत्ति: इसकी स्थापना वर्ष 1949 में लगभग 7,00,000 फिलिस्तीनियों को सहायता प्रदान करने के लिए की गई थी, जिन्हें वर्ष 1948 के अरब-इजरायल युद्ध के दौरान अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था।
संचालन का क्षेत्र: संयुक्त राष्ट्र एजेंसी गाजा एवं इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक के साथ-साथ लेबनान, सीरिया तथा जॉर्डन में कार्य करती है, जहाँ शरणार्थियों ने अपने विस्थापन के बाद शरण ली थी।
सेवाओं का प्रावधान: UNRWA गाजा के उन निवासियों की आजीविका का समर्थन करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो संघर्ष के फैलने के बाद मानवीय संकट में फँस गए हैं।
एजेंसी एन्क्लेव के नागरिकों के लिए भोजन, पानी एवं आश्रय जैसे आवश्यक प्रावधानों के प्राथमिक प्रदाता के रूप में कार्य करती है।
फंडिंग: UNRWA को लगभग पूरी तरह से अमेरिका जैसे दाता राज्यों द्वारा स्वैच्छिक योगदान से वित्तपोषित किया जाता है।
इसे संयुक्त राष्ट्र से सीमित सब्सिडी भी मिलती है, जिसका उपयोग केवल प्रशासनिक लागतों के लिए किया जाता है।
नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) मोबाइल एप्लिकेशन
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री ने ‘प्रशासन के साथ प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने’ के लिए नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया।
नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) के बारे में
परिभाषा: नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) महत्त्वपूर्ण घटनाओं, विशेष रूप से जन्म, मृत्यु एवं मृतप्रसव का पंजीकरण है।
संवैधानिक आधार: भारत के संविधान की समवर्ती सूची के अंतर्गत आता है।
उद्देश्य: महत्त्वपूर्ण आँकड़े तैयार करता है, जो कई क्षेत्रों में साक्ष्य आधारित नीतियाँ तैयार करने में सहायता करता है।
CRS आवेदन की मुख्य विशेषताएँ
नागरिकों को अपने राज्य की आधिकारिक भाषा में किसी भी समय एवं कहीं से भी जन्म तथा मृत्यु का पंजीकरण करने की अनुमति देता है।
पंजीकरण समय को उल्लेखनीय रूप से कम करने का लक्ष्य है।
विधायी ढाँचा
मुख्य विधान:जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण (RBD) अधिनियम, 1969 द्वारा शासित, वर्ष 2023 में संशोधित।
कार्यान्वयन: जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण में एकरूपता को बढ़ावा देने के लिए यह अधिनियम 1 अप्रैल, 1970 से अधिकांश राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में लागू किया गया था।
हालिया संशोधन: RBD (संशोधन) अधिनियम, 2023 1 अक्टूबर, 2023 को लागू हुआ।
पंजीकरण प्रक्रिया
अनिवार्य पंजीकरण: जन्म, मृत प्रसव एवं मृत्यु को घटना के स्थान पर पंजीकृत किया जाना चाहिए।
रिपोर्टिंग अवधि: सामान्य रिपोर्टिंग अवधि घटना से 21 दिन तक है। RBID अधिनियम की धारा 13 के प्रावधानों के तहत देर से पंजीकरण की अनुमति है।
पंजीकरण पदाधिकारी: भारत का रजिस्ट्रार जनरल (RGI)-
राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकरण गतिविधियों का समन्वय करता है।
राज्य सरकारों को पंजीकरण की कुशल प्रणाली विकसित करने की अनुमति देता है।
राज्य प्राधिकारी
मुख्य रजिस्ट्रार: राज्य में अधिनियम को लागू करने के लिए मुख्य कार्यकारी प्राधिकारी।
जिला रजिस्ट्रार: जिला स्तर पर RBD अधिनियम एवं नियमों को निष्पादित करता है।
रजिस्ट्रार: घटनाओं को पंजीकृत करने एवं जन्म और मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए जिम्मेदार।
पेट्रापोल लैंड पोर्ट पर यात्री टर्मिनल और एक कार्गो गेट
केंद्रीय गृह मंत्री ने पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर पेट्रापोल में लैंड पोर्ट पर नवनिर्मित यात्री टर्मिनल भवन एवं ‘मैत्री द्वार’ नामक कार्गो गेट का उद्घाटन किया है।
पेट्रापोल लैंड पोर्ट के बारे में
स्थान: पेट्रापोल, उत्तर 24 परगना जिला, पश्चिम बंगाल, भारत-बांग्लादेश सीमा पर।
दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा लैंड पोर्ट: भारत एवं बांग्लादेश के बीच व्यापार तथा वाणिज्य के लिए एक महत्त्वपूर्ण प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।
यात्री टर्मिनल की विशेषताएँ
इसका उद्देश्य दोनों देशों के नागरिकों के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं क्रॉसिंग को सुविधाजनक बनाना है।
प्रतिदिन 20,000 यात्रियों को सँभालने की क्षमता।
एक ही प्लेटफॉर्म पर आव्रजन, सीमा शुल्क एवं सुरक्षा सेवाएँ उपलब्ध हैं।
मैत्री द्वार कार्गो गेट: ‘मैत्री द्वार’ कार्गो गेट एक संयुक्त सुविधा है, जिस पर भारत एवं बांग्लादेश दोनों सहमत हैं।
भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण (Land Port Authority of India- LPAI)
संविधान: भूमि बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम, 2010 के तहत स्थापित।
उद्देश्य: अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर निर्दिष्ट बिंदुओं पर यात्रियों एवं वस्तुओं की सीमा पार आवाजाही के लिए सुविधाओं का विकास और प्रबंधन।
अधिदेश
सीमा बुनियादी ढाँचे के निर्माण, उन्नयन, रखरखाव एवं प्रबंधन के लिए जिम्मेदार।
भारत की सीमाओं पर कई एकीकृत जाँच चौकियों (ICPs) का प्रबंधन करता है।
संघटन
अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।
कार्यकाल: पाँच वर्ष या 60 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो।
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