100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

दुर्लभ रोगों में पेटेंट का दुरुपयोग

Lokesh Pal November 07, 2024 02:18 32 0

संदर्भ

स्वास्थ्य समूहों तथा उपचार कार्यकर्ताओं का तर्क है कि दुर्लभ बीमारियों में पेटेंट एकाधिकार सस्ती दवा तक पहुँच को प्रतिबंधित कर रहा है, विशेषकर निम्न और मध्यम आय वाले देशों (Low and Middle Income Countries- LMIC) के रोगियों के लिए।

स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (Spinal Muscular Atrophy- SMA)

  • SMA एक आनुवंशिक विकार है, जो मांसपेशियों की कमजोरी और शोष (Atrophy) का कारण बनता है।
  • कारण: SMN1 जीन में उत्परिवर्तन के कारण सर्वाइवल मोटर न्यूरॉन (Survival Motor Neuron- SMN) प्रोटीन की कमी हो जाती है।
  • प्रकार: शुरुआत एवं गंभीरता के आधार पर चार प्रकार (टाइप 1-4), जिसमें टाइप 1 सबसे गंभीर है।
  • लक्षण: मांसपेशियों की कमजोरी, खराब मोटर फ़ंक्शन, श्वसन संबंधी समस्याएँ और निगलने में कठिनाई।
  • उपचार: न्यूसिनर्सन (Nusinersen), जीन थेरेपी और सहायक देखभाल।
  • वंशानुक्रम: ऑटोसोमल रिसेसिव (Autosomal Recessive); माता-पिता में उत्परिवर्तित जीन की एक प्रति होती है।

संबंधित तथ्य 

  • रोश की विधिक कार्रवाई (Roche’s Legal Action): रोश ने पेटेंट उल्लंघन का हवाला देते हुए नैटको फार्मा (Natco Pharma) को ‘स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी’ (Spinal Muscular Atrophy- SMA) की दवा रिसडिप्लैम के जेनेरिक संस्करण का उत्पादन करने से रोकने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा दायर की है।
  • मूल्य निर्धारण में असमानता: रोश रिसडिप्लैम के लिए प्रति बोतल लगभग ₹6 लाख चार्ज करता है, जबकि उत्पादन लागत से पता चलता है कि इसे सालाना अनुमानित ₹3,024 पर उपलब्ध कराया जा सकता है।
  • पेटेंट अवधि: रिसडिप्लैम के लिए रोश का पेटेंट वर्ष 2035 तक है, जो प्रतिस्पर्द्धी मूल्य निर्धारण और अधिक किफायती जेनेरिक तक पहुँच को सीमित करता है।
  • रोश का तर्क: रोश स्वास्थ्य सेवा नवाचार और रोगियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपने दायित्व पर जोर देता है, जबकि यह भी मानता है कि भविष्य की चिकित्सा प्रगति को बनाए रखने के लिए अपने पेटेंट की सुरक्षा करना आवश्यक है।

स्वास्थ्य समूह तथा कार्यकर्ताओं की चिंताएँ 

  • जनहित जोखिम में: स्वास्थ्य समूहों का तर्क है कि रिसडिप्लैम पर रोश का एकाधिकार किफायती पहुँच को सीमित करता है, जिससे जनहित और रोगी के स्वास्थ्य को जोखिम होता है।
  • स्थानीय स्वास्थ्य सेवा रणनीतियों पर प्रभाव: यह एकाधिकार भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के घरेलू उत्पादन और थोक खरीद रणनीतियों का उपयोग करके उपचार लागत को कम करने के प्रयासों में बाधा डाल सकता है।

दुर्लभ रोग (Rare Disease) क्या है?

  • दुर्लभ रोग कम व्यापकता वाली स्वास्थ्य स्थिति है, जो सामान्य आबादी में अन्य प्रचलित बीमारियों की तुलना में कम संख्या में लोगों को प्रभावित करती है।
  • भारत में वैश्विक दुर्लभ रोग घटनाओं का एक-तिहाई हिस्सा है, जिसमें 450 से अधिक पहचानी गई बीमारियाँ हैं।
  • उदाहरण के रूप में ‘स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी’ (Spinal Muscular Atrophy) और ‘गौचर रोग’ (Gaucher’s Disease), म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस टाइप 1 (Mucopolysaccharidosis Type 1) और व्हिपल रोग (Whipple’s)।

अन्य दुर्लभ बीमारियों से संबंधित समस्याएँ 

  • सिस्टिक फाइब्रोसिस (CF) दवा तक पहुँच: पेटेंट संबंधी बाधाओं के कारण भारत में CFTR मॉड्यूलेटर [एलेक्साकाफ्टर (Elexacaftor)/टेजाकाफ्टर (Tezacaftor)/इवाकाफ्टर (Ivacaftor)] की उपलब्धता नहीं हो पा रही है, जो सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic Fibrosis- CF) के लिए एक महत्त्वपूर्ण उपचार है। पेटेंट धारक वर्टेक्स फार्मास्यूटिकल्स ने CF दवा को भारतीय  FDA मे पंजीकृत नहीं कराया है, जिसके कारण मरीजों को इस दवा को व्यक्तिगत रूप से आयात करना पड़ता है, जिसकी लागत प्रति वर्ष 1 करोड़ रुपये होती है।
  • इन मॉड्यूलेटरों का जेनेरिक उत्पादन अर्जेंटीना में शुरू हो गया है, लेकिन पेटेंट प्रतिबंधों के कारण भारतीय मरीजों को इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है।

दुर्लभ रोगों के लिए पेटेंट एकाधिकार के पक्ष और विपक्ष

पक्ष

विपक्ष

  • नवाचार को प्रोत्साहित करता है: पेटेंट दवा कंपनियों को दुर्लभ बीमारियों के लिए अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) में भारी निवेश करने के लिए एक मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करते हैं, जिनके संभावित बाजार अक्सर छोटे होते हैं।
  • निवेश की रक्षा करता है: पेटेंट कंपनियों को अपने महत्त्वपूर्ण आरएंडडी लागतों को पुनः प्राप्त करने की अनुमति देता है, निवेश पर वापसी सुनिश्चित करता है और आगे के नवाचार को प्रोत्साहित करता है।
  • प्रतिस्पर्द्धा को प्रोत्साहित करता है: हालाँकि पेटेंट अस्थायी एकाधिकार प्रदान करते हैं, वे समय के साथ बेहतर उपचार और कम लागत विकसित करने के लिए कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्द्धा को भी बढ़ावा देते हैं।
  • उच्च दवा मूल्य: पेटेंट एकाधिकार के कारण दवा की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे कई रोगियों के लिए उपचार उपलब्ध नहीं हो पाते, विशेषकर कम आय वाले देशों में।
  • सीमित पहुँच: पेटेंट द्वारा दिए गए विशेष अधिकार जीवन रक्षक दवाओं तक पहुँच को सीमित कर सकते हैं, विशेषकर जरूरतमंद रोगियों के लिए।
  • जेनेरिक प्रतिस्पर्द्धा में बाधाएँ: पेटेंट जेनेरिक दवाओं के प्रवेश में देरी कर सकते हैं, जो आम तौर पर अधिक किफायती होती हैं, जिससे रोगियों की पहुँच सीमित हो जाती है।
  • दुरुपयोग की संभावना: पेटेंट धारक अपने एकाधिकार को बढ़ाने और उच्च मूल्य बनाए रखने के लिए एवरग्रीनिंग जैसी प्रतिस्पर्द्धा-विरोधी प्रथाओं में संलग्न हो सकते हैं।

आगे की राह

  • मूल्य नियंत्रण: दुर्लभ रोगों के उपचारों पर कठोर मूल्य नियंत्रण लागू करना ताकि उन्हें रोगियों के लिए वहनीय बनाया जा सके।
  • अनिवार्य लाइसेंसिंग: जेनेरिक निर्माताओं को पेटेंट दवाओं के किफायती संस्करण बनाने की अनुमति देने के लिए अनिवार्य लाइसेंसिंग का उपयोग करना।
  • स्वास्थ्य बीमा कवरेज: रोगियों पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए दुर्लभ रोगों के लिए व्यापक स्वास्थ्य बीमा कवरेज सुनिश्चित करना।
  • वित्तीय प्रोत्साहन: जेनेरिक निर्माताओं को किफायती दुर्लभ रोग उपचारों के विकास और उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करना।
  • नियामक समर्थन: सस्ती दवाओं तक पहुँच में तेजी लाने के लिए जेनेरिक दवा अनुमोदन के लिए नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना।
  • वैश्विक सहयोग: अंतरराष्ट्रीय भागीदारी के माध्यम से दुर्लभ रोग अनुसंधान और उपचार में ज्ञान, संसाधन और नैदानिक ​​विशेषज्ञता को साझा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना।
  • वैश्विक पहुँच पहल: विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में किफायती दुर्लभ रोग उपचारों तक पहुँच का विस्तार करने के उद्देश्य से वैश्विक पहलों का समर्थन करना।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.