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Lokesh Pal November 07, 2024 05:30 84 0
सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 22 मार्च, 2024 के निर्णय को खारिज कर दिया, जिसमें “उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004” को असंवैधानिक घोषित किया गया था।
1. संविधान की मूल संरचना और साधारण विधि :
2. सकारात्मक धर्मनिरपेक्षता :
3. धार्मिक स्वायत्तता और समानता
4. अनुच्छेद 26 और अल्पसंख्यक संस्थाओं का राज्य विनियमन
स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश मदरसा अधिनियम मामले में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय भारतीय संविधान के तहत सकारात्मक धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक स्वायत्तता की पुनः पुष्टि है । पंथनिरपेक्षता या धर्मनिरपेक्षता संविधान के मूल ढाँचे का भाग है, जिसे बनाए रखना अनुवार्य एवं वांक्षनीय है |
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्नउत्तर प्रदेश मदरसा अधिनियम पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय सकारात्मक धर्मनिरपेक्षता और अल्पसंख्यक अधिकारों की सुरक्षा पर बल देता है। इसके आलोक में, जाँच कीजिए कि भारत धार्मिक शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा करते हुए अपने धर्मनिरपेक्ष ढाँचे को कैसे संतुलित करता है; साथ ही विभिन्न शैक्षणिक प्रणालियों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था बनाए रखने संबंधी चुनौतियों पर चर्चा कीजिए | (15अंक, 250 शब्द) |
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