100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारत में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएँ

Lokesh Pal November 12, 2024 03:27 29 0

संदर्भ

जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएँ (Lightning Strikes) आम और घातक होती जा रही हैं।

संबंधित तथ्य

  • प्रत्येक वर्ष दुनिया भर में लगभग 24,000 लोग ऐसे घटनाओं के कारण मारे जाते हैं।
    • भारत में वर्ष 2022 में आकाशीय बिजली गिरने से 2,887 लोगों की मौत हुई थीं।
  • भारत में भौगोलिक वितरण: पूर्वोत्तर राज्यों और पश्चिम बंगाल, सिक्किम, झारखंड, ओडिशा और बिहार में आकाशीय बिजली गिरने की आवृत्ति सबसे अधिक है।
  • भारत में इस घटना को प्राकृतिक आपदा घोषित करने के लिए याचिकाएँ दायर की गई हैं ताकि इससे बचे लोग सुरक्षा के लिए संस्थागत तंत्र का उपयोग कर सकें।
  • आकाशीय बिजली की छड़ें (Lightning Rods), आकाशीय बिजली को मनुष्यों से दूर रखने की अपनी क्षमता के कारण महत्त्वपूर्ण हैं।

आकाशीय बिजली (Lightning) के बारे में

  • यह दो विद्युत आवेशित क्षेत्रों के बीच वायुमंडल में स्थिरवैद्युत विसर्जन द्वारा निर्मित प्राकृतिक घटना है। अर्थात् आकाशीय बिजली एक शक्तिशाली और दृश्यमान विद्युत घटना है, जो तब घटित होती है, जब बादलों के अंदर एवं बादलों तथा जमीन के बीच विद्युत आवेश का निर्माण होता है। 
  • इस विद्युत ऊर्जा के निर्वहन के परिणामस्वरूप प्रकाश की एक अत्यधिक तेज चमक और हवा का तेजी से विस्तार होता है, जिससे बिजली के साथ होने वाली विशिष्ट गड़गड़ाहट की ध्वनि उत्पन्न होती है।
  • वे स्थान जहाँ आकाशीय बिजली गिरने की अधिक संभावना होती है: पृथ्वी की सतह पर ऊँचे स्थानों पर जैसे ऊँची इमारतें या संरचनाएँ, पेड़, धातु की वस्तुएँ, विद्युत के तार, जानवर और मनुष्य, जल निकाय आदि।
    • क्योंकि ये वस्तुएँ निर्वहन प्रक्रिया के लिए एक आसान चालन पथ प्रदान करती हैं और इसलिए आकाशीय बिजली गिरती है।

आकाशीय बिजली के प्रकार

  • इंट्रा क्लाउड (Intra Cloud): यह आकाशीय बिजली का सबसे आम प्रकार है। यह पूरी तरह से बादल के अंदर होता है, बादल में विभिन्न आवेश क्षेत्रों के बीच स्थानांतरित होता है। इंट्रा क्लाउड आकाशीय बिजली को कभी-कभी ‘शीट लाइटनिंग’ कहा जाता है क्योंकि यह आकाश को प्रकाश से रोशन करती है।
  • बादल से बादल (Cloud to Cloud): दो या अधिक अलग-अलग बादलों के बीच उत्पन्न होने वाली आकाशीय बिजली। 
  • बादल से जमीन (Cloud to Ground): बादल और जमीन के बीच उत्पन्न होने वाली आकाशीय बिजली। 
  • बादल से हवा (Cloud to Air): आकाशीय बिजली तब उत्पन्न होती है, जब धनात्मक रूप से आवेशित बादल के शीर्ष के आसपास की हवा उसके चारों ओर ऋणात्मक रूप से आवेशित हवा तक पहुँचती है। 
  • ‘बोल्ट फ्रॉम द ब्लू’ (Bolt from the Blue): एक धनात्मक आकाशीय बिजली का बोल्ट, जो तूफान के ऊपर की ओर बहने वाली हवा के भीतर उत्पन्न होता है, आमतौर पर ऊपर की ओर 2/3 भाग तक, कई मील तक क्षैतिज रूप से यात्रा करता है, फिर स्थल पर गिरता है।
  • एनविल लाइटिंग (Anvil Lightning): एक धनात्मक आकाशीय बिजली का बोल्ट, जो एनविल, या गरज वाले बादल के शीर्ष में विकसित होता है और आम तौर पर स्थल से टकराने के लिए सीधे नीचे की ओर जाता है। 
  • हीट लाइटनिंग (Heat Lightning): एक गरज वाले तूफान से आकाशीय बिजली जो बहुत दूर होती है और सुनाई नहीं देती है।

आकाशीय बिजली के गिरने की प्रक्रिया

  • आवेश पृथक्करण (Charge Separation): बादल के अंदर, वायु राशियाँ जल की बूँदों और बर्फ के कणों के बीच टकराव का कारण बनती हैं, जिसके परिणामस्वरूप धनात्मक और ऋणात्मक आवेशों का निर्माण होता है।
    • इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, जिसमें बादल की ऊपरी परत धनात्मक आवेशित हो जाती है, जबकि मध्य परत ऋणात्मक आवेशित हो जाती है।

  • विद्युत प्रवाह (Electric Discharge): विद्युत आवेश बादल में वायु की क्षमता से परे जाकर एकत्रित हो सकते हैं, जिससे उनका प्रतिरोध करना कठिन हो जाता है, जब वायु अब इन्सुलेटर के रूप में कार्य नहीं कर सकती और विद्युत अचानक विसर्जन के रूप में प्रवाहित होती है, जिससे आकाशीय बिजली चमकती है।
  • गड़गड़ाहट: आकाशीय बिजली की तीव्र गर्मी (30,000 डिग्री सेल्सियस तक) तेजी से आसपास की हवा को गर्म कर देती है, जिससे हवा फैलती है और गड़गड़ाहट जैसी ध्वनि उत्पन्न होती है, जिसे हम सुनते हैं।

आकाशीय बिजली की दर को प्रभावित करने वाले कारक

  • वैश्विक तापमान में वृद्धि: उच्च तापमान के कारण वाष्पीकरण अधिक होता है, जिससे वायुमंडल में अधिक जल वाष्प बनता है, इससे तूफानी बादलों का निर्माण बढ़ता है, जिससे आकाशीय बिजली गिरने की स्थिति में वृद्धि होती है।
  • वायुमंडलीय अस्थिरता में वृद्धि: गर्म हवा में अधिक नमी होती है, जो गरज के साथ वर्षा और आकाशीय बिजली गिरने की गतिविधियों को बढ़ावा देती है।
  • शहरीकरण: शहरी ऊष्मा द्वीपों के कारण शहरों में अक्सर आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक तापमान होता है, जिससे संवहन और गरज के साथ वर्षा की गतिविधियाँ बढ़ जाती हैं।
  • प्रदूषण: प्रदूषण के कारण एरोसोल और पार्टिकुलेट मैटर जल की बूँदों के लिए नाभिक के रूप में कार्य कर सकते हैं, जिससे बादल निर्माण और विद्युत गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।
  • वनों की कटाई: जंगलों के शीतलन प्रभाव को कम करता है, जिससे स्थानीय तापमान एवं वायुमंडलीय अस्थिरता बढ़ती है।

आकाशीय बिजली की छड़ें या लाइटनिंग रॉड (Lightning Rods) के बारे में

  • आकाशीय बिजली की छड़ एक धातु की छड़ या सुचालक है, जिसे किसी इमारत या संरचना के सबसे ऊँचे बिंदु पर रखा जाता है। यह एक तार या एक प्रवाहकीय पथ के माध्यम से जमीन से जुड़ा होता है। 
  • आकाशीय बिजली की छड़ें आकाशीय बिजली के गिरने से होने वाले नुकसान को रोकती हैं क्योंकि वे आकाशीय बिजली की ऊर्जा को सुरक्षित रूप से जमीन में भेजती हैं।

संरक्षण तंत्र

  • आवेश का पुनर्वितरण: आकाशीय बिजली की छड़ें, छड़ के आस-पास के क्षेत्र में विद्युत आवेशों को पुनर्वितरित करके प्रत्यक्ष नुकसान की संभावना को कम करती हैं। यह आकाशीय बिजली को ट्रिगर करने वाले संभावित अंतर को कम कर सकता है।
  • विद्युत धारा के लिए प्रत्यक्ष रास्ता: यदि आकाशीय बिजली गिरती है, तो छड़ विद्युत ऊर्जा को सुरक्षित रूप से जमीन में जाने के लिए कम प्रतिरोध वाला रास्ता प्रदान करती है।
  • छड़ के प्रति आकर्षण: आकाशीय बिजली जमीन तक पहुँचने के लिए सबसे छोटा और सबसे अधिक प्रवाहकीय रास्ता खोजती है। छड़, एक नुकीली और प्रवाहकीय संरचना होने के कारण, कम प्रवाहकीय सामग्रियों (जैसे इमारत) से बिजली को दूर खींचती है।
    • नुकीली और नुकीली चीजें अपने पास अधिक मजबूत विद्युत क्षेत्र बनाती हैं, इसलिए अधिक सुचालक होती हैं।

आकाशीय बिजली के प्रभाव को कम करने के उपाय

  • 30-30 नियम: यदि आकाशीय बिजली और गड़गड़ाहट एक दूसरे से 30 सेकंड के भीतर आ रही हो, तो आश्रय ले लें।
    • तूफान के गुजर जाने के 30 मिनट बाद तक इस आश्रय स्थल को न छोड़ें।
    • सबसे अच्छा आश्रय किसी इमारत या धातु से बने वाहन में है।
  • बिजली के कंडक्टरों से बचें: तार वाले फोन, कंप्यूटर, प्लंबिंग और खिड़कियों से दूर रहें।
  • कम-से-कम जोखिम उठाएं: अगर आप बाहर फँस गए हैं, तो तुरंत निचले इलाके में शरण लें।
  • ऊँची वस्तुओं से बचें: पेड़ों, खंभों और पहाड़ियों जैसी ऊँची वस्तुओं से दूर रहें।
  • सूखे रहें: जल निकायों से बचें क्योंकि जल बिजली का संचालन करता है।

भारत में बिजली गिरने की समस्या से निपटने के लिए सरकारी पहल

  • पूर्व चेतावनी प्रणालियाँ: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के साथ मिलकर डॉपलर मौसम रडार, आकाशीय बिजली का पता लगाने वाले नेटवर्क और उपग्रह आधारित निगरानी का उपयोग करते हुए उन्नत बिजली पूर्व चेतावनी प्रणालियाँ विकसित की हैं।
    • दामिनी ऐप (Damini app) जनता को चेतावनी देने के लिए कई भाषाओं में समय पर आकाशीय बिजली गिरने की सूचना देता है।
  • समर्पित एजेंसियाँ ​​एवं प्रोटोकॉल: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) आकाशीय बिजली जोखिम प्रबंधन का समन्वय करता है, जबकि इसरो के अंतर्गत राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र पता लगाने वाली सेवाओं में योगदान देता है।
    • वर्ष 2019 से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के दिशा-निर्देश और कॉमन अलर्ट प्रोटोकॉल (Common Alert Protocol- CAP) राज्यों में सुव्यवस्थित अलर्ट सुनिश्चित करते हैं।
  • सामुदायिक जागरूकता: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के नेतृत्व में तथा ‘क्लाइमेट रेसिलिएंट ऑब्जर्विंग सिस्टम्स प्रमोशन काउंसिल’ (Climate Resilient Observing Systems Promotion Council- CROPC) और IMD द्वारा समर्थित ‘लाइटनिंग रेसिलिएंट इंडिया’ अभियान, किसानों और मवेशी चराने वालों जैसे संवेदनशील समूहों को लक्षित करते हुए ग्रामीण आबादी को सुरक्षा प्रथाओं के बारे में शिक्षित करता है।
    • ग्राम पंचायतों और विभिन्न मीडिया के माध्यम से जागरूकता बढ़ाई जाती है।
  • अनुसंधान एवं विकास: चल रहे अनुसंधान एवं विकास में आकाशीय बिजली के प्रति लचीलापन ढाँचे, सुरक्षा मानकों के लिए उच्च वोल्टेज (High Voltage- HV) परीक्षण प्रयोगशालाएँ तथा आकाशीय बिजली पर जलवायु के प्रभाव पर अध्ययन शामिल हैं, जो भारत के सक्रिय अनुसंधान एवं सुरक्षा उपायों को प्रदर्शित करते हैं।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग: भारत संयुक्त राष्ट्र आपदा जोखिम न्यूनीकरण में प्रस्तुतियों तथा सार्क और G-20 देशों के साथ चर्चाओं के माध्यम से वैश्विक स्तर पर अपनी बिजली जोखिम प्रबंधन रणनीतियों को साझा करता है, जो इसे व्यापक आकाशीय बिजली प्रबंधन के लिए एक मॉडल के रूप में स्थापित करता है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.