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Lokesh Pal November 18, 2024 01:52 171 0
बैंक, भारत के माइक्रोफाइनेंस (सूक्ष्म वित्त) क्षेत्र को आक्रामक रूप से ऋण प्रदान कर पिछली गलतियों को दोहरा रहे हैं, जिससे वित्तीय अस्थिरता का खतरा पैदा हो रहा है।
ऋणों की ‘अंडरराइटिंग’ उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसके द्वारा ऋणदाता, उधारकर्ता को धन उधार देने के जोखिम का मूल्यांकन तथा आकलन करता है। |
उचित ऋण प्रथाओं तथा इसकी मजबूत निगरानी के माध्यम से बैंकिंग क्षेत्र के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना, स्थायी माइक्रोफाइनेंस विकास और वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
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