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तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व देश का 56वाँ टाइगर रिजर्व अधिसूचित

Lokesh Pal November 20, 2024 02:13 17 0

संदर्भ

हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को देश के 56वें टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किए जाने की जानकारी राष्ट्र को दी। 

  • इस अधिसूचना के साथ, छत्तीसगढ़ में अब 4 टाइगर रिजर्व हो गए हैं, जिससे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से मिल रही तकनीकी और वित्तीय सहायता से इस प्रजाति के संरक्षण को मजबूती मिलेगी।

संबंधित तथ्य

  • विस्तार
    • छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की अनुशंसा पर छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में विस्तृत गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को अधिसूचित किया। 

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)

  • संबंधित मंत्रालय: यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के तहत एक वैधानिक निकाय है।
  • स्थापना: इसकी स्थापना वर्ष 2006 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत की गई थी।
  • कार्य
    • ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ को वैधानिक अधिकार प्रदान करना ताकि इसके निर्देशों का वैध अनुपालन हो सके।
    • संघीय ढाँचे के भीतर राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन के लिए आधार प्रदान करके ‘टाइगर रिजर्व’ के प्रबंधन में केंद्र-राज्य की जवाबदेही को बढ़ावा देना।
    • संसद द्वारा निगरानी प्रदान करना।
    • टाइगर रिजर्व के आसपास के क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के आजीविका संबंधी हितों को संबोधित करना।
  • सदस्य
    • MoEFCC के प्रभारी मंत्री (अध्यक्ष के रूप में)।
    • MoEFCC में राज्य मंत्री (उपाध्यक्ष के रूप में)।
    • संसद के तीन सदस्य, सचिव (MoEFCC) और अन्य सदस्य।


  • क्षेत्रफल
    • कुल 2829.38 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस बाघ अभयारण्य में 2049.2 वर्ग किलोमीटर का कोर/ क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट शामिल है, 
      • इसमें गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं, और इसका बफर क्षेत्र 780.15 वर्ग किलोमीटर का है। 
  • तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व
    • यह इसे आंध्र प्रदेश के नागार्जुन सागर-श्रीशैलम् टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाता है। 
  • गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व देश में अधिसूचित होने वाला 56वाँ टाइगर रिजर्व बन गया है।
  • निकट पारिस्थितिकी तंत्र
    • भारत की राष्ट्रीय वन्यजीव योजना में परिकल्पित संरक्षण के लिए परिदृश्य दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, नव अधिसूचित बाघ अभयारण्य मध्य प्रदेश में संजय दुबरी बाघ अभयारण्य से संलग्न है, जो लगभग 4500 वर्ग किलोमीटर का परिदृश्य परिसर बनाता है। 
    • इसके अलावा, यह अभयारण्य पश्चिम में मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य और पूर्व में झारखंड के पलामू बाघ अभयारण्य से जुड़ा हुआ है। 
    • राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने अक्टूबर 2021 में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला बाघ अभयारण्य को अधिसूचित करने के लिए अंतिम मंजूरी दी थी।
  • उपस्थित प्रजातियाँ
    • भारतीय प्राणी सर्वेक्षण द्वारा गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व से 365 अकशेरुकी और 388 कशेरुकी सहित कुल 753 प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया गया है। 
      • अकशेरुकी जीवों का प्रतिनिधित्व ज्यादातर कीट वर्ग द्वारा किया जाता है। 
    • कशेरुकी जीवों में पक्षियों की 230 प्रजातियाँ और स्तनधारियों की 55 प्रजातियाँ शामिल हैं, जिनमें दोनों समूहों की कई संकटग्रस्त प्रजातियाँ शामिल हैं।

कुछ प्रमुख टाइगर रिजर्व

  • नागार्जुन सागर श्रीशैलम् (भाग) -आंध्र प्रदेश
  • नमदाफा टाइगर रिजर्व- अरुणाचल प्रदेश
  • कमलांग टाइगर रिजर्व-अरुणाचल प्रदेश
  • पक्के- अरुणाचल प्रदेश
  • मानस- असम
  • नामेरी-असम
  • ओरंग टाइगर रिजर्व- असम
  • काजीरंगा- असम
  • उदंती-सीतानदी-छत्तीसगढ़
  • अचानकमार-छत्तीसगढ़
  • इंद्रावती-छत्तीसगढ़
  • पलामू- झारखंड
  • बाँदीपुर- कर्नाटक
  • भद्रा- कर्नाटक
  • दांदेली-अंशी- कर्नाटक
  • नागरहोल- कर्नाटक
  • बिलिगिरी रंगनाथ मंदिर- कर्नाटक
  • पेरियार- केरल
  • वाल्मीकि-बिहार

भारत में बाघ संरक्षण

  • भारत विश्व के 80% बाघों का आवास है। वर्ष 2006 में, भारत में लगभग 1,400 बाघ थे, जो वर्ष 2024 में बढ़कर 3,682 के करीब हो गए हैं। 
  • 1.5 वर्ष आयु वर्ग में 408 से अधिक बड़ी बिल्लियों (बाघों) के साथ मध्य प्रदेश में सबसे अधिक बाघ (785) हैं। 
  • महत्त्वपूर्ण आबादी वाले अन्य राज्यों में उत्तराखंड (560), कर्नाटक (563), महाराष्ट्र (444) शामिल हैं। 
  • टाइगर रिजर्व के भीतर बाघों की बहुतायत संख्या जिम कॉर्बेट (260) में सबसे अधिक है। 
  • इसके बाद बाँदीपुर (150), नागरहोल (141), बांधवगढ़ (135), दुधवा (135), मुदुमलाई (114), कान्हा (105), काजीरंगा (104), सुंदरबन (100), ताडोबा (97), सत्यमंगलम् (85) और पेंच-एमपी (77) हैं।

बाघ संरक्षण की स्थिति

  • भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची- I
  • अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) रेड लिस्ट: लुप्तप्राय
  • वन्यजीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES): परिशिष्ट- I।

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