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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal November 20, 2024 04:26 22 0

PPP  प्लस PPP’ मॉडल

विश्व मधुमेह दिवस पर, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय  ने ‘PPP  प्लस PPP’ मॉडल’ प्रस्तुत किया है।

संबंधित तथ्य

  • विश्व मधुमेह दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है। 
  • थीम (2024): ‘बाधाओं को तोड़ना, अंतराल को कम करना’ (Breaking Barriers, Bridging Gaps)।

मधुमेह के बारे में

  • मधुमेह एक चयापचय रोग है।
  • इससे शरीर कुशलतापूर्वक इंसुलिन का उत्पादन बंद कर देता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। 
  • स्वास्थ्य देखभाल में मधुमेह रोगियों के सामने आने वाली चुनौतियाँ 
    • पहुँच: कई लोगों के पास नियमित उपचार तक पहुँच का अभाव है।
    • जागरूकता: निदान किए गए लगभग आधे मरीज अपनी स्थिति से अनजान हैं।
    • पालन: वित्तीय एवं सूचनात्मक चुनौतियाँ लगातार देखभाल को सीमित करती हैं।

‘PPP  प्लस PPP’ मॉडल’

  • यह मॉडल मधुमेह को संबोधित करने की एक रणनीति है। 
  • इसमें दो-स्तरीय सहयोग शामिल है।
    • इस मॉडल में, भारत के सार्वजनिक और निजी क्षेत्र आंतरिक रूप से स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने के लिए एकजुट होते हैं और साथ ही साथ अंतरराष्ट्रीय समकक्षों के साथ जुड़ते हैं।
  • घरेलू भागीदारी: भारत के भीतर सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करते हैं।
  • अंतरराष्ट्रीय साझेदारी: भारत नवाचार में तेजी लाने एवं स्वास्थ्य देखभाल पहुँच में सुधार के लिए अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ सहयोग करता है।
  • उद्देश्य: इस स्तरित साझेदारी मॉडल का लक्ष्य है:
    • स्वास्थ्य देखभाल पहुँच में सुधार करना।
    • इनोवेशन को बढ़ावा देना।
    • मधुमेह देखभाल के लिए स्केलेबल समाधान प्रदान करना।

शमन कार्य कार्यक्रम (Mitigation Work Programme)

भारत ने बाकू, अजरबैजान में CoP-29 में जलवायु वित्त एवं शमन कार्य कार्यक्रम (Mitigation Work Programme) में शामिल होने के लिए विकसित देशों की अनिच्छा पर असंतोष व्यक्त किया।

शमन कार्य कार्यक्रम (Mitigation Work Programme- MWP) 

  • शमन कार्य कार्यक्रम (MWP) जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) द्वारा स्थापित एक प्रक्रिया है।
  • उद्देश्य: पेरिस समझौते के 1.5°C लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देशों को उनकी शमन महत्त्वाकांक्षा एवं कार्यान्वयन को बढ़ाने में मदद करना।

शमन कार्य कार्यक्रम (MWP) पर भारत की स्थिति

  • MWP का विशिष्ट अधिदेश: भारत ने इस बात पर जोर दिया कि MWP को सूचनाओं एवं विचारों के आदान-प्रदान की सुविधा के लिए स्पष्ट अधिदेश के साथ बनाया गया था।
  • गैर-निर्देशात्मक एवं गैर-दंडात्मक: MWP के परिणाम गैर-निर्देशात्मक एवं गैर-दंडात्मक होंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी देश को विशिष्ट कार्रवाई करने या नए लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय संप्रभुता का सम्मान: भारत ने इस बात पर जोर दिया कि MWP राष्ट्रीय संप्रभुता एवं परिस्थितियों का सम्मान करेगा और प्रत्येक देश के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (Nationally Determined Contributions- NDCs) का हिसाब देगा।
  • कोई नया लक्ष्य नहीं: भारत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि MWP कोई नए लक्ष्य या उप-लक्ष्य नहीं थोपेगा, बल्कि जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए सहयोग एवं समाधान साझा करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

COP29 के बारे में

  • स्थान: बाकू, अजरबैजान।
  • आयोजन: 11 नवंबर, 2024 से 22 नवंबर, 2024 तक।
  • COP-29 का फोकस: इसे ‘वित्त COP’ करार दिया गया यह शिखर सम्मेलन जलवायु परिवर्तन से प्रभावित कमजोर देशों का समर्थन करने के लिए एक नया वैश्विक जलवायु वित्त लक्ष्य स्थापित करने पर केंद्रित है।
    • भारत सहित ग्लोबल साउथ के देश जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने एवं अग्रिम पंक्ति के समुदायों की सुरक्षा के लिए वित्तीय तथा तकनीकी संसाधनों तक पहुँच बढ़ाने की वकालत कर रहे हैं।

COP एवं UNFCCC के बारे में

  • कांफ्रेंस ऑफ पार्टी (COP): जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) का प्राथमिक शासी निकाय।
  • UNFCCC: वैश्विक जलवायु वार्ताओं का मार्गदर्शन करने के लिए वर्ष 1992 में रियो डी जनेरियो में पृथ्वी शिखर सम्मेलन के दौरान बनाई गई एक अंतरराष्ट्रीय संधि, जिसका उद्देश्य गंभीर मानव-प्रेरित जलवायु व्यवधानों से बचने के लिए ग्रीनहाउस गैस सांद्रता को सुरक्षित स्तर पर स्थिर करना है।
  • सदस्यता: UNFCCC में 198 पक्षकार शामिल हैं, जिनमें 197 देश एवं यूरोपीय संघ शामिल हैं, जो जलवायु कार्रवाई के लिए लगभग सार्वभौमिक वैश्विक प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के बारे में

  • अंगीकरण: पेरिस समझौता एक कानूनी रूप से बाध्यकारी वैश्विक समझौता है, जिसे वर्ष 2015 में UNFCCC के COP-21 में अपनाया गया था।
  • उद्देश्य: इसका लक्ष्य जलवायु परिवर्तन से निपटना एवं ग्लोबल वार्मिंग को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे सीमित करना है।
  • प्रतिस्थापन: इसने क्योटो प्रोटोकॉल का स्थान लिया है।

पेरिस समझौते के तहत ‘ग्लोबल स्टॉकटेक’ के बारे में

  • स्थापना: ग्लोबल स्टॉकटेक वर्ष 2015 में पेरिस समझौते के तहत स्थापित एक समीक्षा तंत्र है।
  • आवृत्ति: यह प्रत्येक पाँच वर्ष में संपन्न होता है।
  • पहला स्टॉकटेक: उद्घाटन ग्लोबल स्टॉकटेक वर्ष 2023 में COP-28 में संपन्न हुआ।

कृषि उत्पादों में वायदा व्यापार

एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि वर्ष 2021 में कृषि वस्तुओं के वायदा डेरिवेटिव व्यापार के निलंबन ने कृषि मूल्य निर्धारण प्रणाली को बाधित कर दिया है एवं मुद्रास्फीति में वृद्धि हो गई है।

अध्ययन के बारे में

  • पृष्ठभूमि: भारत सरकार ने बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए वर्ष 2021 में सात कृषि जिंसों यानी चना, गेहूँ, धान, मूँग, कच्चा पाम तेल, सरसों और सोयाबीन के वायदा डेरिवेटिव कारोबार को निलंबित कर दिया है।

कमोडिटी वायदा अनुबंध के बारे में

  • यह भविष्य में किसी विशिष्ट तिथि पर किसी वस्तु की पूर्व निर्धारित मात्रा को एक विशिष्ट मूल्य पर खरीदने या बेचने का एक समझौता है।
    • विकल्प अनुबंध के विपरीत, अनुबंध, खरीदार को पूर्व निर्धारित भविष्य की कीमत एवं तारीख पर कुछ अंतर्निहित परिसंपत्ति (या विक्रेता को उस संपत्ति को बेचने के लिए) खरीदने के लिए बाध्य करता है।
  • कमोडिटी वायदा का उपयोग किसी निवेश की स्थिति को सुरक्षित रखने या अंतर्निहित परिसंपत्ति की दिशात्मक चाल पर दाँव लगाने के लिए किया जा सकता है।
  • नियामक एजेंसी: भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग को नियंत्रित कर है। इसने  फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) खंड के तहत कमोडिटी वायदा कारोबार के लिए एक अलग श्रेणी स्थापित की है।
    • पहले, कमोडिटी व्यापार को फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन (Forward Markets Commission- FMC) द्वारा विनियमित किया जाता था, जिसे फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) एक्ट, 1952 के तहत स्थापित किया गया था।
    • कमोडिटी बाजार के विनियमन को और अधिक मजबूत बनाने के लिए वर्ष 2015 में FMC का SEBI में विलय कर दिया गया था।
  • महत्त्व: भविष्य के बाजारों के हेजिंग एवं मूल्य खोज कार्य कृषि विपणन प्रदर्शन में समग्र सुधार के साथ अधिक कुशल उत्पादन, भंडारण, विपणन तथा कृषि-प्रसंस्करण कार्यों को बढ़ावा देते हैं।

डेरिवेटिव के बारे में

  • प्रकार: डेरिवेटिव वित्तीय उपकरण हैं, जिनका मूल्य अन्य अंतर्निहित परिसंपत्तियों से प्राप्त होता है। 
  • डेरिवेटिव अनुबंध मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं:
    • वायदा: वे मानकीकृत अनुबंध हैं, जिनका भविष्य में निश्चित तिथि पर अंतर्निहित उपकरण खरीदने या बेचने के लिए एक्सचेंज पर कारोबार किया जाता है।
      • इसमें कोई क्रेडिट जोखिम नहीं है क्योंकि क्लियरिंग हाउस अनुबंध में दोनों पक्षों के प्रतिपक्ष के रूप में कार्य करता है।
    • फॉरवर्ड: यह दो पक्षों के बीच एक समझौता है एवं इसका कारोबार ‘ओवर-द-काउंटर’ (OTC) किया जाता है।
    • ऑप्शन: एक ऑप्शन अनुबंध अंतर्निहित परिसंपत्तियों को खरीदने/बेचने का अधिकार देता है लेकिन दायित्व नहीं। इसके लिए विक्रेता को प्रीमियम का भुगतान करना आवश्यक है।
      • ऑप्शंस का कारोबार OTC बाजार एवं एक्सचेंज ट्रेडेड बाजारों दोनों में किया जा सकता है तथा इन्हें दो प्रकारों में विभाजित किया जाता है – कॉल और पुट।
    • स्वैप: यह भविष्य में नकदी प्रवाह का आदान-प्रदान करने के लिए दो पक्षों के बीच है। ब्याज दर स्वैप एवं मुद्रा स्वैप सबसे लोकप्रिय स्वैप अनुबंध हैं।
      • भारत अपने बाजार में स्वैप विकल्प का प्रयोग नहीं करता है।

हेजिंग (Hedging) के बारे में

  • यह एक जोखिम प्रबंधन तकनीक है, जिसके तहत एक परिसंपत्ति को दूसरी परिसंपत्ति से होने वाले नुकसान के जोखिम को कम करने के उद्देश्य से खरीदा जाता है। 
    • यह निवेश की कीमत में अप्रत्याशित परिवर्तन के परिणामस्वरूप होने वाली अनिश्चितता के जोखिम को कम करने एवं समाप्त करने और होने वाले नुकसान को सीमित करने पर केंद्रित है।
  • प्रकार: हेजिंग 4 प्रकार से की जा सकती है:- अग्रिम अनुबंध, भविष्य अनुबंध, मनी मार्केट एवं हेज फंड।

आयुष्मान वय वंदना (Ayushman Vay Vandana)

हाल ही में प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के तहत आयुष्मान वय वंदना स्वास्थ्य कार्ड लॉन्च किए है।

संबंधित तथ्य

  • 70 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के 10 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिकों ने नई लॉन्च की गई आयुष्मान वय वंदना योजना में नामांकन किया है।
  • नामांकन करने वालों में लगभग 4 लाख पंजीकृत महिलाएँ हैं।
  • योजना के कार्यान्वयन के बाद से, ₹9 करोड़ से अधिक के उपचार को अधिकृत किया गया है।
    • इन लाभों से 1,400 से अधिक महिलाओं सहित 4,800 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को मदद मिली है।

आयुष्मान वय वंदना (Ayushman Vay Vandana) के बारे में

  • यह 70 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य देखभाल कवरेज है।
  • योजना का प्रकार: केंद्र प्रायोजित योजना।
  • राज्य का योगदान: लागत का 40%। 
  • लॉन्च तिथि: 29 अक्टूबर, 2024।
  • नोडल मंत्रालय: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय। 
  • यह योजना आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल लाभ प्रदान करती है।
  • योजना के मुख्य बिंदु
    • 70 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के बुजुर्गों को 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। 
      • घर में यदि दो लाभार्थी हैं तो बीमा कवर उनके बीच विभाजित किया जाएगा। 
  • बुजुर्ग लाभार्थियों के लिए टॉप-अप कवर
    • पहले से ही आयुष्मान भारत के तहत कवर किए गए परिवारों के बुजुर्ग सदस्यों (70+ आयु वर्ग) को उनके लिए विशेष रूप से अतिरिक्त ₹5 लाख का टॉप-अप कवर मिलेगा।
      • टॉप-अप तक पहुँचने के लिए, इन लाभार्थियों को योजना के तहत फिर से पंजीकरण कराना होगा।
    • आयुष्मान वय वंदना कार्ड के तहत स्वास्थ्य कवरेज 
      • नई योजना विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के लिए कवरेज प्रदान करती है, जिनमें शामिल हैं:
        • कोरोनरी एंजियोप्लास्टी
        • कूल्हे का फ्रैक्चर एवं प्रतिस्थापन
        • पित्ताशय संबंधी रोग 
        • मोतियाबिंद सर्जरी
        • स्ट्रोक का इलाज

PM JAY  के बारे में 

  • PM JAY का अर्थ प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना है।
  • इसे विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आश्वासन योजना के रूप में मान्यता प्राप्त है। 
  • यह माध्यमिक एवं तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती लाभ प्रदान करता है।
  • प्रमुख विशेषताएँ
    • कवरेज राशि: प्रति परिवार ₹5 लाख वार्षिक तक का स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
    • लक्ष्य जनसंख्या: इसमें लगभग 55 करोड़ व्यक्ति शामिल हैं, जो भारत की कुल 40% आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • लाभार्थियों की पहचान: लाभार्थियों की पहचान सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (Socio-Economic Caste Census- SECC) 2011 के आधार पर की जाती है:-
  • ग्रामीण क्षेत्र: समावेशन अभाव मानदंड पर आधारित है।
  • शहरी क्षेत्र: चयन व्यावसायिक श्रेणियों द्वारा निर्धारित किया जाता है।

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