“प्रत्येक एकाधिकार की शुरुआत सार्वजनिक हित के लिए होती है।”
(“Every monopoly begins as a way to serve the public good.” ) – पीटर थील
व्याख्या :
उपर्युक्त उद्धरण से इस बात की पुष्टि होती है, कि सबसे सफल कंपनियाँ अपने प्रारंभिक दौर में इसलिए सफलता के मुकाम को प्राप्त कर पाती हैं, क्योंकि वे सार्वजनिक जीवन के हित के लिए समाज से संबंधित महत्त्वपूर्ण समस्याओं का न सिर्फ समाधान ही करती हैं बल्कि वे ऐसे मूल्यों का निर्माण करती हैं जिससे जनता को लाभ हो।
ध्यातव्य है कि Google जैसे सर्च इंजन की स्थापना मूल रूप से इस उद्देश्य के साथ की गई थी, कि इसके माध्यम से इंटरनेट पर उपस्थित सूचनाओं को कुशलतापूर्वक व्यवस्थित किया जा सके तथा अधिक सरलता और कम समय में प्राप्त किया जा सके।
किन्तु जैसे-जैसे समय के साथ इन कंपनियों का विस्तार हुआ, इन कंपनियों ने बाज़ार शक्ति को अर्जित करने पर अधिक बल दिया और बाजार में अपना एकाधिकार स्थापित करना शुरू कर दिया। इस क्रम में इन कंपनियों ने अपना ध्यान निम्नलिखित बिन्दुओं पर केंद्रित किया :
ये कम्पनियाँ अब केवल जनहित की सेवा करने के बजाय अपने प्रभुत्व को बनाए रखने को प्राथमिकता देती हैं।
कम्पनियाँ अपनी स्थिति की रक्षा के लिए अधिग्रहण, लॉबिंग या प्रतिस्पर्द्धा-विरोधी व्यवहार जैसी स्थितियों को प्राथमिकता देती हैं।
जब प्रतिस्पर्द्धी विफल होते हैं, तो प्रमुख कंपनियाँ अपनी बाज़ार शक्ति का लाभ उठाने के लिए कीमतें बढ़ा देती हैं, जिससे उपभोक्ता के विकल्प कम हो जाते हैं।
उदाहरणस्वरूप अपने आरंभिक दिनों में रिलायंस जियो ने अपनी पहुँच को व्यापक बनाने के उद्देश्य से मुफ़्त इंटरनेट सेवा प्रदान करना शुरू किया, लेकिन बाज़ार में अपना प्रभुत्व स्थापित कर लेने के बाद से कीमतें बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया ।
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