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Lokesh Pal November 19, 2024 05:15 11 0
हाल ही में केरल राज्य में दो आईएएस अधिकारियों- एन. प्रशांत और के. गोपालकृष्णन के निलंबन की घटना ने सिविल सेवकों के मध्य अनुशासन, नैतिकता और सोशल मीडिया के उपयोग संबंधी मुद्दों की ओर पुनः ध्यान आकर्षित किया है।
वर्तमान में अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 (एआईएस नियम) सिविल सेवा अधिकारियों के लिए नैतिक और व्यवहारिक रूपरेखा निर्धारित करते हैं, जो निम्नलिखित पर केंद्रित हैं :
एन. प्रशांत और के. गोपालकृष्णन के निलंबन ने सिविल सेवकों के आचरण, विशेष रूप से सोशल मीडिया के उपयोग के संबंध में स्पष्ट, अद्यतन दिशा-निर्देशों की आवश्यकता पर बल दिया है। स्पष्ट है कि अनुशासन और ईमानदारी सर्वोपरि है, नियमों का निष्पक्ष और सुसंगत अनुप्रयोग सुनिश्चित करने से प्रशासनिक प्रणालियों में जनता का विश्वास बना रहेगा और एक बेहतर सिविल सेवकों का निर्माण हो सकेगा।
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