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Lokesh Pal November 21, 2024 12:42 19 0
कोलकाता स्थित ‘साहा इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स’ (Saha Institute of Nuclear Physics) के वैज्ञानिकों ने कंप्यूटेशनल कार्य करने के लिए ‘बैक्टीरियल’ कंप्यूटर (Bacterial Computers) बनाए हैं।
बैक्टीरियल कंप्यूटर कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क (ANNs) की तरह व्यवहार करते हैं।
बैक्टीरियल कंप्यूटिंग जीव विज्ञान और प्रौद्योगिकी को जोड़ती है, जो सूक्ष्म स्तर पर कंप्यूटेशनल चुनौतियों के लिए आशाजनक समाधान प्रदान करती है। हालाँकि नैतिकता, सुरक्षा और मापनीयता के बारे में चिंताएँ बनी हुई हैं, निरंतर अनुसंधान और नवाचार स्वास्थ्य सेवा, अंतरिक्ष अन्वेषण एवं उससे परे परिवर्तनकारी अनुप्रयोगों के लिए इसकी क्षमता को अनलॉक कर सकते हैं।
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