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संक्षेप में समाचार

Lokesh Pal November 21, 2024 03:18 22 0

एफैंटासिया

ग्लासगो विश्वविद्यालय द्वारा एफैंटासिया पर एक नया अध्ययन किया गया, जिसमें श्रवण और दृश्य इंद्रियों के बीच संबंध की जाँच की गई।

संबंधित तथ्य

  • आँखों पर पट्टी बाँधकर प्रतिभागियों को वन पक्षियों, भीड़ एवं यातायात के शोर जैसी आवाजों से अवगत कराया गया।
  • परिणाम दिखाए गए
    • वाचाघात से रहित लोगों में, श्रवण दृश्यों ने मस्तिष्क के दृश्य प्रांतस्था को सक्रिय किया, जिससे तंत्रिका पैटर्न का निर्माण हुआ।
    • विजुअलाइजेशन क्षमता का स्पेक्ट्रम
      • अध्ययन से पता चलता है कि मानसिक दृश्य एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग स्पेक्ट्रम पर होता है।
        • यह मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों के बीच जटिल अंतर्संबंध को उजागर करता है।
        • एफैंटासिया से पीड़ित व्यक्तियों में ये तंत्रिका पैटर्न कमजोर या अनुपस्थित थे।

एफैंटासिया क्या है?

  • एफैंटासिया एक ऐसी स्थिति है, जहाँ व्यक्तियों में मानसिक छवियों को देखने की क्षमता बहुत सीमित या बिल्कुल नहीं होती है।
  • यह कोई दिव्यांगता नहीं है, बल्कि कुछ लोग मानसिक कल्पना को कैसे संसाधित करते हैं, उसमें बस एक भिन्नता है।
  • एफैंटासिया का ऐतिहासिक संदर्भ
    • ब्रिटिश बहुश्रुत फ्रांसिस गैल्टन ने सबसे पहले 1880 के दशक में एफैंटासिया की अवधारणा की पहचान की थी।
    • शब्द “एफैंटासिया” वर्ष 2015 में न्यूरोलॉजिस्ट एडम जेमन द्वारा दिया गया था।
  • अनुमान है कि इससे लगभग 2% आबादी प्रभावित होगी।

मस्तिष्क में श्रवण-दृश्य संबंध

  • जब लोग ध्वनियाँ सुनते हैं, तो उनके मन में अक्सर पिछले अनुभवों से प्रभावित होकर दृश्य चित्रण उत्पन्न हो जाता है।
    • उदाहरण के लिए, रोते हुए बच्चे की आवाज किसी के दिमाग में बच्चे की इमेज उत्पन्न कर सकती है।
  • हालाँकि, एफैंटासिया से पीड़ित लोगों में स्पष्ट रूप से या बिल्कुल भी कल्पना करने की क्षमता का अभाव होता है।

शीर्ष कंपनियों में पीएम इंटर्नशिप योजना पायलट प्रोजेक्ट

हाल ही में पीएम इंटर्नशिप स्कीम इन टॉप कंपनीज योजना के पायलट प्रोजेक्ट के तहत 6.5 लाख युवाओं ने इंटर्नशिप के लिए आवेदन किया था।

समाचार विस्तार से 

  • केंद्र सरकार ने एक वर्ष की इंटर्नशिप योजना में भाग लेने के लिए भारत की शीर्ष 500 कंपनियों के लिए एक पोर्टल खोला है।

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के बारे में

  • इसे रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के हिस्से के रूप में वर्ष 2024 के केंद्रीय बजट में पेश किया गया था।
  • नोडल एजेंसी: कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय।
  • उद्देश्य: बेरोजगार युवाओं के कौशल सेट एवं नियोक्ताओं द्वारा आवश्यक कौशल सेट के बीच अंतर को कम करना।
  • लक्ष्य: यह परियोजना पाँच वर्षों में एक करोड़ लोगों को प्रशिक्षण प्रदान करेगी।

इंटर्नशिप विवरण

  • प्रत्येक आवेदक अधिकतम पाँच अलग-अलग इंटर्नशिप के लिए आवेदन कर सकता है, इसलिए आवेदनों की कुल संख्या व्यक्तियों की संख्या के बराबर नहीं है।
  • मूल समयसीमा के अनुसार, इंटर्न 2 दिसंबर, 2024 से शुरू होकर एक वर्ष के कार्यकाल के लिए कार्य करेंगे।
  • आवेदन करते समय उम्मीदवार सेक्टर, कार्यात्मक भूमिका, राज्य एवं जिले के लिए प्राथमिकताएँ निर्दिष्ट कर सकते हैं।
  • इंटर्नशिप सुविधाएँ एवं दायरा
    • इंटर्नशिप 12 महीने तक चलेगी एवं रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए वास्तविक कार्यस्थल की परिस्थितियों से परिचित कराएगी।
    • भाग लेने वाली कंपनियाँ योजना में शामिल होने के लिए विक्रेताओं एवं आपूर्तिकर्ताओं को नामांकित कर सकती हैं।
    • कंपनियाँ शिकायत निवारण के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगी, जिनकी निगरानी कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा की जाएगी।
  • वेतन एवं वित्तीय लाभ
    • प्रशिक्षुओं को ₹5,000 का मासिक वजीफा मिलेगा:
      • भाग लेने वाली कंपनियों के CSR फंड से ₹500।
      • ₹4,500 उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से।
    • शामिल होने पर आकस्मिक खर्चों को कवर करने के लिए ₹6,000 का एकमुश्त अनुदान प्रदान किया जाएगा।

पात्रता मापदंड

  • 21-24 वर्ष की आयु के युवा इस योजना के पात्र हैं, जो निम्नलिखित शर्तों को पूरा करते हैं:
    • शैक्षिक योग्यता: हाईस्कूल पास, ITI प्रमाण-पत्र, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा या बीए, बी.एससी, बी.कॉम, बीबीए, बीसीए, या बी.फार्मा जैसी डिग्री।
    • वर्ष 2023-24 में वार्षिक पारिवारिक आय ₹8 लाख से कम होनी चाहिए।
    • स्नातकोत्तर कार्यक्रमों या अन्य सरकारी प्रशिक्षण/शिक्षुता योजनाओं में नामांकित नहीं।
    • इसमें नियमित सरकारी कर्मचारियों के बच्चों एवं IIT, IIM तथा NIDs जैसे प्रमुख संस्थानों के स्नातकों को शामिल नहीं किया गया है।

शिकायत निवारण मूल्यांकन एवं सूचकांक (GRAI) 2023

केद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री द्वारा शिकायत निवारण मूल्यांकन तथा सूचकांक (Grievance Redressal Assessment and Index- GRAI) 2023 लॉन्च किया गया है।

शिकायत निवारण आकलन एवं सूचकांक (GRAI) 2023 के बारे में

  • यह GRAI का दूसरा संस्करण है।
    • GRAI 2022 का पहला संस्करण 21 जून, 2023 को जारी किया गया था।
  • संकल्पना: यह सूचकांक प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (Department of Administrative Reforms and Public Grievances- DARPG), कार्मिक एवं प्रशिक्षण, प्रशासनिक सुधार, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय द्वारा डिजाइन किया गया है।
  • अनुशंसा: यह कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति की सिफारिश पर आधारित है। 
  • उद्देश्य: संगठन-वार तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करना एवं शिकायत निवारण तंत्र की शक्तियों तथा सुधार के क्षेत्रों के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करना।
  • डेटा स्रोत: सूचकांक की गणना के लिए केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं प्रबंधन प्रणाली (CPGRAMS) से जनवरी एवं दिसंबर 2023 के बीच के डेटा का उपयोग किया गया था।
  • मूल्यांकन: 89 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों का मूल्यांकन किया गया और चार आयामों तथा 11 संकेतकों के आधार पर उन्हें रैंकिंग दी गई।
    • रिपोर्ट प्रत्येक मंत्रालय एवं विभाग की शिकायतों के प्रभावी निवारण के मूल कारणों का 2 आयामी रंग कोडित (ऊर्ध्वाधर तथा क्षैतिज) विश्लेषण देती है।
  • आयाम: दक्षता; प्रतिक्रिया; कार्यक्षेत्र; संगठनात्मक प्रतिबद्धता।

मुख्य विशेषताएँ:

  • रैंकिंग: CPGRAMS में कैलेंडर वर्ष 2023 में पंजीकृत शिकायतों की संख्या के आधार पर मंत्रालयों एवं विभागों को तीन समूहों में बाँटा गया है।

समूह

रैंक 1

A: शिकायतें > 10,000 कृषि एवं किसान कल्याण विभाग।
B: 2,000-9,999 के बीच की शिकायतें भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक।
C: शिकायतें <2,000 निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग।

  • सकारात्मक प्रक्षेपवक्र: 89 में से 85 मंत्रालयों एवं विभागों ने वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में अपने GRAI स्कोर में सुधार दिखाया। 
  • विकास सांख्यिकी: लगभग 10% मंत्रालयों/विभागों ने 50% से अधिक की वृद्धि हासिल की, जबकि 28% ने 25-50% की वृद्धि दर्ज की। 
    • 57% के बहुमत ने अपने स्कोर में 25% तक की वृद्धि देखी।
  • केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (CPGRAMS):
  • यह शिकायत निवारण के लिए एक ऑनलाइन मंच है, जो नागरिकों को सेवा वितरण से संबंधित किसी भी विषय पर सार्वजनिक अधिकारियों को अपनी शिकायतें दर्ज करने एवं ट्रैक करने के लिए 24×7 उपलब्ध है। 
  • यह भारत सरकार एवं राज्यों के सभी मंत्रालयों/विभागों से जुड़ा एक एकल पोर्टल है।
  • पहुँच: यह UMANG के साथ एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से नागरिकों के लिए भी सुलभ है।

भारत NCX 2024

हाल ही में भारत की साइबर सुरक्षा लचीलापन को मजबूत करने के लिए भारत राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा अभ्यास (भारत NCX 2024) का उद्घाटन किया गया।

  • यह आयोजन 18 नवंबर से 29 नवंबर, 2024 तक आयोजित किया जाएगा।

भारत NCX 2024 के बारे में

  • आयोजन: समारोह का आयोजन राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU) के सहयोग से राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) द्वारा किया गया था।
  • यह 12 दिवसीय अभ्यास है, जिसका उद्देश्य भारत की साइबर सुरक्षा लचीलापन को मजबूत करना है।
  • उद्देश्य: उन्नत साइबर रक्षा, घटना प्रतिक्रिया क्षमताओं एवं रणनीतिक निर्णय लेने के साथ उभरते खतरों से निपटने के लिए भारत के साइबर सुरक्षा पेशेवरों तथा नेतृत्व को तैयार करना।
  • विशेषताएँ
    • इमर्सिव ट्रेनिंग: प्रतिभागियों को साइबर रक्षा एवं घटना प्रतिक्रिया, IT तथा OT सिस्टम पर साइबर हमलों के ‘लाइव-फायर सिमुलेशन’ में प्रशिक्षित किया जाएगा।
    • रणनीतिक निर्णय लेना: राष्ट्रीय स्तर के साइबर संकट में निर्णय लेने के लिए सभी क्षेत्रों के वरिष्ठ प्रबंधन एक साथ आएंगे
    • CISO’s का कॉन्क्लेव: इसमें सरकारी, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी शामिल होंगे
    • भारत साइबर सुरक्षा स्टार्टअप प्रदर्शनी: यह भारतीय स्टार्टअप के अभिनव समाधानों का प्रदर्शन करेगी, जो देश की साइबर सुरक्षा बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में उनकी भूमिका पर जोर देगी।

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय ( National Security Council Secretariat- NSCS):

  • NSCS प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के तहत एक इकाई है, जो रणनीतिक हितों से संबंधित भारत की नीतियाँ बनाती है जो रक्षा, विदेश नीति, आंतरिक सुरक्षा आदि के क्षेत्रों में इसकी राष्ट्रीय सुरक्षा को आकार देती है।
  • स्थापना: NSCS की स्थापना वर्ष 1998 में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा की गई थी, जिसमें श्री ब्रजेश मिश्रा पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे।
  • नेतृत्व: प्रधानमंत्री इस निकाय का नेतृत्व करते हैं एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इसके सचिव के रूप में कार्य करते हैं।
  • विजन: एक सुरक्षित एवं लचीला राष्ट्र, एक नेटवर्क वाली सरकार, एक एकजुट समाज, संबद्ध लोग।
  • जनादेश: इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सरकारी हथियारों को सभी संभावित खतरों से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार करने के लिए रणनीति, दिशा एवं दीर्घकालिक दृष्टि प्रदान करना है।

वैश्विक मृदा सम्मेलन 2024

हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री ने PUSA, नई दिल्ली में वैश्विक मृदा सम्मेलन, 2024 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।

वैश्विक मृदा सम्मेलन 2024 के बारे में

  • यह एक महत्त्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है, जो सतत् मृदा प्रबंधन प्रथाओं को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है।
  • आयोजन: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ, इटली के तत्त्वावधान में भारतीय मृदा विज्ञान सोसायटी (Indian Society of Soil Science- ISSS), नई दिल्ली।

थीम: “खाद्य सुरक्षा से परे मृदा की देखभाल: जलवायु परिवर्तन शमन एवं पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ”।

मुख्य उद्देश्य

  • मृदा उत्पादकता बढ़ाना
    • मिट्टी की उर्वरता एवं लचीलेपन में सुधार के लिए कार्रवाई योग्य, किसान-केंद्रित समाधानों को बढ़ावा देना।
  • जलवायु कार्रवाई को एकीकृत करना
    • मृदा स्वास्थ्य पहलों को जलवायु शमन रणनीतियों एवं वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों के साथ संरेखित करना।
  • पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ावा देना
    • जैव विविधता का समर्थन करने, जल चक्रों को विनियमित करने एवं महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ प्रदान करने में मिट्टी की भूमिका को उजागर करना।
  • वैश्विक सहयोग को मजबूत बनाना
    • मृदा अनुसंधान को आगे बढ़ाने एवं सतत् नीतियाँ तैयार करने में राष्ट्रों तथा संस्थानों के बीच साझेदारी को प्रोत्साहित करना।

अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ (International Union of Soil Sciences- IUSS)

  • यह एक इटली में स्थित वैश्विक संगठन है, जो इटली में स्थित मिट्टी के अध्ययन एवं सतत् प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। 
  • यह मृदा विज्ञान में वैज्ञानिक अनुसंधान, शिक्षा एवं नीति विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्त्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। 
  • यह मृदा स्वास्थ्य एवं वैश्विक स्थिरता में इसकी भूमिका से संबंधित महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के लिए सरकारों, संस्थानों तथा शोधकर्ताओं के साथ मिलकर कार्य करता है।

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