हाल ही में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने 20 नवंबर को ‘स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रेन 2024′ रिपोर्ट जारी की है।
विश्व बाल दिवस 2024
विश्व बाल दिवस, UNICEF का ‘बच्चों के लिए कार्रवाई का वैश्विक दिवस’ है, जो बाल अधिकारों पर कन्वेंशन (1989) को अपनाने का प्रतीक है, यह प्रत्येक वर्ष 20 नवंबर को मनाया जाता है।
विश्व बाल दिवस 2024 की थीम “भविष्य की बात सुनें (Listen to the Future)” है।
UNICEF की स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रेन 2024 रिपोर्ट के निष्कर्ष
अनुमानित बाल जनसंख्या: भारत में वर्ष 2050 तक 350 मिलियन बच्चे होंगे, जो वैश्विक बाल जनसंख्या का 15% है।
जलवायु जोखिम: वर्ष 2050 तक, 2000 के दशक की तुलना में लगभग आठ गुना अधिक बच्चे अत्यधिक जलवायु परिवर्तन के संपर्क में आएँगे।
डिजिटल डिवाइड: एक गंभीर ‘डिजिटल डिवाइड’ उपस्थित है क्योंकि कम आय वाले देशों में केवल 26% लोगों के पास इंटरनेट की सुविधा है, जबकि उच्च आय वाले देशों में यह 95% से अधिक है।
स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर प्रभाव: जलवायु संकट का विशेष रूप से ग्रामीण एवं कम आय वाले समुदायों में बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा तथा जल जैसे आवश्यक संसाधनों तक पहुँच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।
शहरीकरण की आवश्यकताएँ: चूँकि वर्ष 2050 तक भारत की लगभग आधी आबादी के शहरी क्षेत्रों में रहने का अनुमान है, इसलिए बच्चों के अनुकूल, जलवायु समर्थित शहरी योजना एवं बुनियादी ढाँचे में निवेश की तत्काल आवश्यकता है।
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF)
UNICEF मूल रूप से संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष है, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष आधिकारिक तौर पर वर्ष 1946 से संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है, जो विश्व भर में बच्चों को मानवीय एवं विकासात्मक सहायता प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है।
स्थापित: यह वर्ष 1946 में स्थापित हुआ एवं 192 देशों एवं क्षेत्रों में संचालित है।
वित्तीयनग: सरकारी योगदान एवं व्यक्तिगत स्वैच्छिक दान द्वारा समर्थित।
मार्गदर्शक रूपरेखा: बाल अधिकारों पर कन्वेंशन (1989)।
पुरस्कार: अंतरराष्ट्रीय भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार (1965)।
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