जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI 2025) रिपोर्ट में भारत को 10वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI 2025) रिपोर्ट के बारे में
प्रकाशक: वर्ष 2005 से जर्मनवॉच, न्यू क्लाइमेट इंस्टिट्यूट एवं क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क इंटरनेशनल द्वारा प्रकाशन।
उद्देश्य: उत्सर्जन, नवीकरणीय ऊर्जा एवं जलवायु नीति में विश्व के सबसे बड़े उत्सर्जकों की प्रगति को ट्रैक करना।
मूल्यांकन: इसमें 63 देश तथा यूरोपीय संघ शामिल हैं, जो 90% वैश्विक उत्सर्जन के लिए उत्तरदायी हैं।
मानदंड: CCPI 14 संकेतकों के साथ चार श्रेणियों के आधार पर मूल्यांकन करता है: ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (कुल स्कोर का 40%), नवीकरणीय ऊर्जा (20%), ऊर्जा उपभोग (20%), एवं जलवायु नीति (20%)।
शीर्ष प्रदर्शनकर्ता: प्रथम तीन स्थान रिक्त (कोई भी देश ‘बहुत उच्च’ प्रदर्शन मानदंडों को पूरा नहीं करता है)।
डेनमार्क (चौथे), नीदरलैंड्स (5वें), एवं यूनाइटेड किंगडम (6वें)।
वैश्विक प्रदर्शन
उच्च प्रदर्शन करने वाले
इस श्रेणी में G20 देशों में केवल भारत एवं यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं।
कोयले की चरणबद्ध समाप्ति एवं नए जीवाश्म ईंधन परियोजना लाइसेंसों को रोकने के कारण यूनाइटेड किंगडम के स्कोर में वृद्धि हुई।
प्रमुख उत्सर्जक
चीन (55वाँ): कोयले पर भारी निर्भरता एवं अपर्याप्त जलवायु लक्ष्य।
यूनाइटेड स्टेट अमेंरिका (57वां): बहुत कम प्रदर्शन करने वाला देश।
निम्नतम रैंक वाले देश
ईरान (67वाँ), सऊदी अरब (66वाँ), संयुक्त अरब अमीरात (65वाँ), रूस (64वाँ) (सबसे बड़ा तेल एवं गैस उत्पादक)।
अर्जेंटीना (59वाँ): अर्जेंटीना COP-29 से हट गया है एवं पेरिस समझौते से बाहर निकलने की संभावना है।
भारत का प्रदर्शन
अल्प प्रति व्यक्ति उत्सर्जन: भारत का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन 2.9 टन CO2 समकक्ष (tCO2e) है, जो वैश्विक औसत 6.6 tCO2e से काफी कम है।
भारत को GHG उत्सर्जन एवं ऊर्जा उपयोग श्रेणियों में उच्च रैंकिंग, जलवायु नीति में मध्यम एवं नवीकरणीय ऊर्जा में निम्न रैंकिंग प्राप्त हुई है।
क्षेत्रीय प्रगति: भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा नीति में, विशेष रूप से बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा परियोजनाओं एवं रूफटॉप सौर योजना के शुभारंभ में काफी प्रगति देखी है।
इसके अलावा, भारत ने ऊर्जा दक्षता मानकों एवं इलेक्ट्रिक वाहन (EV) के क्षेत्र में प्रगति हासिल की है।
कोयले पर भारी निर्भरता: नवीकरणीय ऊर्जा में सकारात्मक विकास के बावजूद, भारत कोयले पर भारी निर्भरता रखता है।
प्रमुख माँगें
प्रमुख क्षेत्रों में अधिक महत्त्वाकांक्षी पूर्ण उत्सर्जन कटौती लक्ष्य निर्धारित करने के लिए देश के NDC को संशोधित करना।
भारत ने वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन (निष्कासन के साथ उत्सर्जन को संतुलित करना) तक पहुँचने का लक्ष्य एवं वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
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