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Google पर CCI की जाँच

Lokesh Pal December 02, 2024 04:09 6 0

संदर्भ

भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (Competition Commission of India) ने ‘रियल मनी गेमिंग’ (Real Money Gaming- RMG) पारिस्थितिकी तंत्र में अपनी प्रमुख स्थिति के कथित दुरुपयोग के लिए गूगल के खिलाफ जाँच शुरू की है।

प्रमुख घटनाक्रम

  • CCI जाँच: CCI के महानिदेशक को दो महीने के भीतर गहन जाँच करने का कार्य सौंपा गया है।
  • विंजो (Winzo) द्वारा शिकायत: यह जाँच RMG प्लेटफॉर्म विंजो (Winzo) की शिकायत पर आधारित है, जिसमें गूगल पर भेदभावपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया गया है।
    • यह शिकायत गूगल द्वारा शुरू की गई एक पायलट परियोजना पर केंद्रित है, जिसने चुनिंदा रूप से कुछ डेली फैंटेसी स्पोर्ट्स (DFS) और रम्मी ऐप्स, जैसे ड्रीम 11, को अपने प्ले स्टोर पर अनुमति दी थी।

गूगल पर आरोप

  • बाजार विकृति: CCI ने चिंता जताई कि गूगल के लंबे समय से चल रहे पायलट कार्यक्रम और प्रवर्तन नीतियों में पारदर्शिता की कमी से RMG पारिस्थितिकी तंत्र में प्रतिस्पर्द्धा विकृत हो रही है।
    • इस तरह की प्रथाओं से नवाचार बाधित हो सकता है तथा छोटे उद्यमों को बाजार में प्रवेश करने में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
  • प्रभुत्वशाली स्थिति का दुरुपयोग: आरोपों में कुछ ऐप्स को सस्ते वितरण की पेशकश करके तथा अन्य पर प्रतिबंध लगाकर गूगल के प्रभुत्व का दुरुपयोग करना शामिल है।

कथित बदलाव की केस स्टडी

  • भेदभावपूर्ण पायलट कार्यक्रम: वर्ष 2022 में, गूगल ने एक वर्ष के लिए भारत में अपने प्ले स्टोर पर केवल डेली फैंटेसी स्पोर्ट्स (Daily Fantasy Sports- DFS) एवं रम्मी ऐप्स की मेजबानी का परीक्षण करने के लिए एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया।
    • विंजो ने दावा किया कि पायलट कार्यक्रम का सीमित दायरा “अकारण” और भेदभावपूर्ण था, जिससे ड्रीम 11 जैसे प्रतिस्पर्द्धियों को बाजार में महत्त्वपूर्ण लाभ मिला।
    • पायलट कार्यक्रम के लॉन्च होने के दो महीने के भीतर ड्रीम11 को कथित तौर पर 1.7 करोड़ नए उपयोगकर्ता मिले।
  • प्रतिबंधात्मक विज्ञापन नीतियाँ: गूगल ने अपनी विज्ञापन नीति को प्रतिबंधित करते हुए केवल DFS और रम्मी ऐप्स को ही अपने प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन देने की अनुमति दी।
    • विंजो ने तर्क दिया कि इससे गूगल के विज्ञापन टूल तक पहुँच सीमित हो गई, जिससे चुनिंदा ऐप्स को अनुचित लाभ मिला।
  • साइडलोडिंग बाधाएँ: जब उपयोगकर्ताओं ने विंजो ऐप को अपनी वेबसाइट से साइडलोड किया, तो गूगल पे ने इन-ऐप भुगतान के दौरान चेतावनियाँ प्रदर्शित कीं, जैसे:
    • “इस व्यक्ति को जोखिम भरे व्यक्ति के रूप में चिह्नित किया जा सकता है।”
    • “यह असामान्य रूप से उच्च राशि है।”
    • ये संदेश संभावित रूप से उपयोगकर्ताओं को लेन-देन पूरा करने से रोकते हैं, जिससे विंजो का व्यवसाय प्रभावित होता है।

आरोपों के विरुद्ध गूगल का बचाव

  • कानूनी परिभाषाओं में अस्पष्टता: गूगल ने भारत में ‘कौशल के खेल’ की वस्तुनिष्ठ परिभाषा के अभाव का हवाला दिया, क्योंकि इस तरह के वर्गीकरण विशिष्ट खेल प्रारूपों, विशेषताओं और नियमों पर निर्भर करते हैं।
  • खंडित गेमिंग विनियम: कंपनी ने भारत में गेमिंग कानूनों की खंडित प्रकृति पर प्रकाश डाला, जिसमें राज्यों में अलग-अलग नियम हैं।
  • आईटी मंत्रालय से लंबित नियम: गूगल ने उल्लेख किया कि IT मंत्रालय द्वारा अधिसूचित ऑनलाइन गेमिंग नियम, जिसके लिए ‘प्ले स्टोर’ जैसे प्लेटफॉर्म पर गेम को स्व-नियामक निकायों द्वारा अनुमोदित करने की आवश्यकता होती है, अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं हुए हैं।

प्रौद्योगिकी दिग्गजों पर बढ़ती जाँच का रुझान

  • मेटा (Meta) के खिलाफ कार्रवाई: गूगल की जाँच से कुछ दिन पहले, CCI ने मेटा (व्हाट्सऐप की मूल कंपनी) पर व्हाट्सऐप की विवादास्पद वर्ष 2021 गोपनीयता नीति अपडेट के संबंध में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
    • CCI ने मेटा एवं व्हाट्सऐप को एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर व्यवहार संबंधी उपाय लागू करने का निर्देश दिया।
    • विज्ञापन उद्देश्यों के लिए व्हाट्सऐप के उपयोगकर्ता डेटा को अन्य मेटा कंपनियों के साथ साझा करने पर पाँच वर्ष तक प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
  • व्यापक अविश्वास रुझान: यह जाँच, विशेष रूप से गेमिंग एवं डेटा गोपनीयता जैसे संवेदनशील डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में प्रतिेस्पर्द्धा-विरोधी प्रथाओं पर तकनीकी दिग्गजों की भारत की बढ़ती जाँच को दर्शाती है।

भारतीय प्रतिेस्पर्द्धा आयोग (CCI) 

  • स्थापना: CCI की स्थापना वर्ष 2003 में हुई थी।
  • मंत्रालय: भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत कार्य करता है।
  • वैधानिक निकाय: प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 के तहत प्रतिस्पर्द्धा कानून लागू करता है।
  • पृष्ठभूमि: एकाधिकार और प्रतिबंधात्मक व्यापार व्यवहार (Monopolies and Restrictive Trade Practice- MRTP) अधिनियम, 1969 की जगह, राघवन समिति की सिफारिशों के आधार पर गठित।
  • लक्ष्य एवं उद्देश्य
    • बाजारों में प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देना एवं बनाए रखना।
    • उपभोक्ता हितों की रक्षा करना एवं व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना।
    • एक अर्द्ध-न्यायिक निकाय के रूप में कार्य करता है, वैधानिक अधिकारियों को राय प्रदान करता है एवं मामलों का निर्णय करता है।
  • संरचना: इसमें एक अध्यक्ष एवं अधिकतम छह सदस्य होते हैं।
  • CCI द्वारा जारी निर्णय एवं आदेश शामिल पक्षों पर बाध्यकारी हैं।
  • न्यायिक और अपीलीय तंत्र: CCI के निर्णयों के खिलाफ अपील सुनने के लिए प्रतिस्पर्द्धा (संशोधन) अधिनियम, 2009 के तहत प्रतिस्पर्द्धा अपीलीय न्यायाधिकरण (Competition Appellate Tribunal- COMPAT) की स्थापना की गई।
  • वर्ष 2017 में राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (National Company Law Appellate Tribunal- NCLAT) द्वारा प्रतिस्थापित।

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