हाल ही में भारत सरकार ने विमानन टरबाइन ईंधन (Aviation Turbine Fuel- ATF), कच्चे तेल, पेट्रोल और डीजल पर विंडफॉल टैक्स को समाप्त कर दिया है।
विंडफॉल टैक्स ( Windfall Tax)
विंडफॉल टैक्स एक उच्च कर है, जो सरकार द्वारा विशिष्ट उद्योगों पर लगाया जाता है, जब उन्हें अप्रत्याशित और औसत से अधिक लाभ होता है।
उदाहरण के लिए: 1980 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका की तेल कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया था। वर्ष 1979 में तेल संकट के कारण तेल की कीमतों में अचानक वृद्धि हुई, जिसके कारण बाद में इस क्षेत्र की कंपनियों को अप्रत्याशित लाभ हुआ।
संबंधित तथ्य
भारत में विंडफॉल टैक्स की शुरुआत: घरेलू बाजार में ऊर्जा उत्पादों की कमी को दूर करने के लिए, भारत सरकार ने जुलाई 2022 में गैसोलीन एवं डीजल के निर्यात पर एक विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क जोड़ा, जिसे विंडफॉल टैक्स के रूप में जाना जाता है।
इसकी वापसी के कारण
स्थिर तेल की कीमतें: वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें लगभग $70-$75 प्रति बैरल पर स्थिर हो गई हैं।
राजस्व में गिरावट: इस कर से सरकारी राजस्व वित्त वर्ष 2023 में ₹25,000 करोड़ से घटकर वित्त वर्ष 2025 में ₹6,000 करोड़ रह गया।
उद्योग की चुनौतियाँ: इस कर ने लाभप्रदता को प्रभावित किया, निवेश को बाधित किया और निजी एवं विदेशी हितधारकों के लिए अनिश्चितता उत्पन्न की।
संबंधित उपाय: पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर सड़क और बुनियादी ढाँचा उपकर (Road and Infrastructure Cess- RIC) को वापस लेना।
31 अगस्त, 2024 को अंतिम कर संशोधन, 18 सितंबर, 2024 तक निर्यात शुल्क पहले से ही शून्य हो जाएगा।
विंडफॉल टैक्स की आलोचना
निवेश को हतोत्साहित करना: अप्रत्याशित कर व्यवसायों को उन क्षेत्रों में निवेश करने से हतोत्साहित कर सकते हैं, जो अप्रत्याशित लाभ के लिए अतिसंवेदनशील हैं।
निवेशकों के लिए अनिश्चितता: अप्रत्याशित कर निवेशकों के लिए अनिश्चितता उत्पन्न करते हैं, जिससे व्यवसायों के लिए अपने संभावित रिटर्न का पूर्वानुमान लगाना और भविष्य की योजना बनाना जटिल हो जाता है।
अत्यधिक मुनाफाखोरी को हतोत्साहित करना: ये कर, व्यवसायों या उद्योगों को अप्रत्याशित परिस्थितियों का लाभ उठाकर अनुपातहीन रूप से उच्च लाभ कमाने से हतोत्साहित कर सकते हैं, जिससे निष्पक्ष बाजार व्यवहार को बढ़ावा मिलता है।
जटिल कार्यान्वयन: यह निर्धारित करना कि ‘अप्रत्याशित लाभ’ क्या है और उचित कर दर निर्धारित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
इसको वापस लेने पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
तेल उद्योग के लिए सकारात्मक
उत्पादक और रिफाइनर: रिलायंस इंडस्ट्रीज और ONGC जैसी कंपनियों को रिफाइनिंग मार्जिन और लाभप्रदता में सुधार देखने की उम्मीद है।
शेयर बाजार की प्रतिक्रिया: रिलायंस इंडस्ट्रीज और ONGC के शेयरों ने घोषणा के बाद बढ़त दिखाई है।
संभावित आर्थिक बढ़ावा: लेवी को हटाने से कच्चे तेल के उत्पादन में वृद्धि और रिफाइनिंग क्षमता विस्तार को बढ़ावा मिल सकता है।
निर्यात प्रतिस्पर्द्धात्मकता बढ़ सकती है, जिससे भारतीय निर्माताओं को मजबूत निर्यात ऑर्डर वृद्धि का लाभ मिल सकता है।
वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता: यह वापसी वैश्विक तेल मूल्य प्रवृत्तियों के अनुरूप है और यह सुनिश्चित करती है कि भारतीय उत्पादक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी बने रहें।
सरकारी राजस्व समायोजन: हालाँकि इस निर्णय से अल्पकालिक राजस्व में कमी आ सकती है, लेकिन यह उत्पादन और निवेश को प्रोत्साहित करके दीर्घकालिक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक कदम है।
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