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Lokesh Pal December 06, 2024 05:45 81 0
2001 में, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) मुख्यालय को हैदराबाद स्थानांतरित करने के निर्णय का उद्देश्य दिल्ली और मुंबई में भीड़भाड़ कम करना तथा संतुलित शहरी विकास को बढ़ावा देना था।
1. जीवन-यापन की बढ़ती लागत और प्रदूषण: भारत के प्रमुख शहर दोहरे संकट से जूझ रहे हैं : अचल संपत्ति की आसमान छूती कीमतें और बिगड़ती वायु गुणवत्ता।
2. शहरी जीवन-यापन की उपेक्षा: अपने आर्थिक महत्व के बावजूद, भारत के शहरों को अधिक रहने-योग्य बनाने की दिशा में बहुत कम ध्यान दिया गया है।
3. असंवहनीय विकास लक्ष्य: शहरी नियोजन का एक प्रमुख लक्ष्य भारत के महानगरीय क्षेत्रों में भीड़भाड़ को कम करना था, इसके लिए प्रमुख शहरी केंद्रों के आसपास उपग्रह शहर बनाने का प्रावधान किया गया था। हालाँकि, कई कारकों के कारण यह उद्देश्य काफी हद तक अधूरा रह गया है।
भारत के शहरों की योजना और प्रबंधन में बुनियादी बदलाव की आवश्यकता है। जिसके लिए प्रमुख उपाय इस प्रकार हैं:
बदलती आवश्यकताओं और विकास चुनौतियों के मद्देनजर, तत्काल और निरंतर हस्तक्षेप के बिना, सुनियोजित, पर्यावरण की दृष्टि से स्वस्थ शहरों का सपना अधूरा रह सकता है । अतः उत्तरदायी तंत्र का ध्यान ऐसे शहरों के निर्माण पर केंद्रित होना चाहिए जो न केवल आर्थिक इंजन हों बल्कि अपने निवासियों के लिए रहने योग्य स्थान भी हों।
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