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GG टाऊ ए प्रणाली

Lokesh Pal December 11, 2024 05:24 36 0

संदर्भ

खगोलविदों ने पृथ्वी से 489 प्रकाश वर्ष दूर स्थित GG टाऊ ए प्रणाली (GG Tau A System) में एक प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क (गैस एवं धूल की एक घूमता हुआ छल्ला) की खोज की है।

खोज की मुख्य विशेषताएँ

  • यह खोज बहु-तारा वातावरण में ग्रह निर्माण में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
  • ओडिशा में ‘राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान’ (National Institute of Science Education and Research- NISER) के शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए चिली के अटाकामा रेगिस्तान में उन्नत रेडियो दूरबीनों का उपयोग किया।
  • उन्होंने डिस्क में प्रमुख अणुओं से उत्सर्जन का पता लगाया, जिससे इसकी संरचना का विश्लेषण करने में मदद मिली।
  • अध्ययन ने डिस्क के मध्य तल पर ध्यान केंद्रित किया, जहाँ तापमान 12-16 K तक घट जाता है।
    • ये कम तापमान कार्बन मोनोऑक्साइड को जमा देते हैं, जिससे गैस एवं धूल जम जाती है जो ग्रह निर्माण के लिए एक आवश्यक प्रक्रिया है।

तारों के बारे में

  • तारे आकाशगंगाओं के मूलभूत निर्माण खंड हैं, जो व्यक्तिगत खगोलीय पिंडों के रूप में कार्य करते हैं।
  • वे ज्यादातर हाइड्रोजन एवं हीलियम से बने होते हैं तथा परमाणु संलयन से गुजरते हैं, जो उनके प्रकाश एवं ऊष्मा के उत्सर्जन को शक्ति प्रदान करता है।

‘GG टाऊ ए प्रणाली’ के बारे में

  • ट्रिपल-स्टार सिस्टम: GG टाऊ A प्रणाली में तीन परस्पर क्रिया करने वाले तारे हैं, जो पृथ्वी से 489 प्रकाश वर्ष की दूरी पर अवस्थित हैं।
  • शुरूआती अवस्था: यह प्रणाली केवल 1-5 मिलियन वर्ष पुरानी है, जो इसे प्रारंभिक ग्रहों के निर्माण का अध्ययन करने के लिए आदर्श बनाती है।
  • ग्रह की उत्पत्ति संबंधी स्थिति: प्रणाली में एक गैस एवं धूल डिस्क है, जो ग्रहों की उत्पत्ति स्थान के रूप में कार्य करती है।
  • तारा अंतः क्रिया: तीन तारे एक-दूसरे के साथ अंतःक्रिया करते हैं, जिससे डिस्क पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है एवं सिंगल-स्टार सिस्टम की तुलना में ग्रह का निर्माण अधिक अप्रत्याशित हो जाता है।
  • अद्वितीय बल: तारों के बीच बल डिस्क को अलग-अलग व्यवहार करने का कारण बनता है, जो मल्टी-स्टार सिस्टम की जटिलताओं में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।

खोज का महत्व

  • यह अध्ययन मल्टी-स्टार सिस्टम में ग्रह निर्माण में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, एक ऐसा क्षेत्र जिसका निरीक्षण करना चुनौतीपूर्ण है।
  • डिस्क की रासायनिक संरचना एवं भौतिक स्थितियों को समझने से ग्रहों की उत्पत्ति का अध्ययन करने में मदद मिलती है।
  • इसके निष्कर्ष ब्रह्मांड भर में एक्सोप्लैनेट की विविधता के बारे में साक्ष्य प्रदान करते हैं।
  • सिंगल-स्टार सिस्टम (उदाहरण के लिए, सूर्य), बाइनरी-स्टार सिस्टम एवं मल्टी-स्टार सिस्टम के बीच ग्रह निर्माण में अंतर पर प्रकाश डाला गया है।

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