IIT मद्रास ने भ्रूण के मस्तिष्क की सर्वाधिक विस्तृत 3D तस्वीरें जारी की हैं।
भ्रूण मस्तिष्क मानचित्रण की मुख्य विशेषताएँ
धारिणी: यह एक ‘ओपन-एक्सेस डेटासेट’ है जिसमें 5,000 से अधिक मस्तिष्क खंड और 500+ मस्तिष्क क्षेत्र शामिल हैं।
यह एटलस, दूसरी तिमाही (गर्भावस्था के 14-24 सप्ताह) के दौरान मस्तिष्क के तीव्र विकास पर केंद्रित है।
स्वदेशी नवाचार: फ्रीजिंग, स्लाइसिंग, इमेजिंग और डिजिटलीकरण तकनीकें पूरी तरह से IIT-मद्रास के शोधकर्त्ताओं द्वारा विकसित की गई थीं।
न्यूरोलॉजिकल रिसर्च के लिए निहितार्थ
विकार को समझना: ‘डेटा ऑटिज्म’ जैसे खराब समझे जाने वाले विकास संबंधी विकारों के रहस्यों को उजागर कर सकता है।
यह सेलुलर स्तर पर मस्तिष्क की वृद्धि और मानव भ्रूण के विकास के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
जीन-पर्यावरण लिंक: यह अध्ययन करने के लिए एक मंच प्रदान करता है कि जीन और पर्यावरणीय कारक मस्तिष्क रसायन विज्ञान को कैसे प्रभावित करते हैं।
मातृ स्वास्थ्य पर ध्यान देना
गर्भावस्था के दौरान कमजोरियाँ: मस्तिष्क का विकास विशेष रूप से मातृ पोषण, तनाव और संक्रमण के प्रति संवेदनशील होता है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य संदेश: स्वस्थ भ्रूण विकास के लिए मातृ स्वास्थ्य, शैक्षिक, पोषण और पर्यावरणीय आवश्यकताओं को पूरा करने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
राष्ट्रीय प्रासंगिकता
UNICEF की रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रत्येक वर्ष 25 मिलियन बच्चे जन्म लेते हैं, जो दुनिया में होने वाले कुल जन्मों का लगभग पाँचवां हिस्सा है।
सरकारी पहलों के बावजूद भारत में कई गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त पोषण और स्वास्थ्य सेवा नहीं प्राप्त हो पाती है।
यह एटलस साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण में सहायक हो सकता है।
क्रॉस-डिसिप्लिनरी एप्लीकेशन
कृत्रिम बुद्धिमत्ता: मस्तिष्क के कार्यों की गहरी समझ AI प्रौद्योगिकी में प्रगति में योगदान दे सकती है।
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