हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने मुख्य सचिवों के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की।
सम्मेलन के बारे में
आयोजक: सम्मेलन का आयोजन नीति आयोग द्वारा किया जाता है।
विषय: सम्मेलन का विषय है:- ‘उद्यमिता, रोजगार और कौशल को बढ़ावा देना – जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाना।’ (Promoting Entrepreneurship, Employment & Skilling – Leveraging the Demographic Dividend)
मुख्य एजेंडा: इस व्यापक विषय के अंतर्गत, छह क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया जाएगा: विनिर्माण, सेवा, ग्रामीण गैर-कृषि, शहरी, नवीकरणीय ऊर्जा और परिपत्र अर्थव्यवस्था को विस्तृत चर्चा के लिए पहचाना गया है।
प्रतिभागी: कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों, नीति आयोग, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों और डोमेन विशेषज्ञों की भागीदारी देखी जाती है।
फ्रंटियर टेक्नोलॉजी
‘फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज’ से तात्पर्य अत्याधुनिक और नवीन तकनीकों से है, जो वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति में सबसे आगे हैं।
ये तकनीकें अक्सर विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति के अग्रणी माध्यमों का प्रतिनिधित्व करती हैं और समाज, अर्थव्यवस्था एवं मानव जीवन के अन्य पहलुओं में महत्त्वपूर्ण बदलाव लाने की क्षमता रखती हैं।
‘फ्रंटियर’ शब्द का अर्थ है कि ये तकनीकें वर्तमान में जो संभव है, उसकी सीमाओं को आगे बढ़ा रही हैं और ज्ञान एवं क्षमता की नई सीमाओं की खोज कर रही हैं।
विशेष सत्र
विकसित भारत के लिए अग्रणी प्रौद्योगिकी पर एक सत्र की योजना बनाई गई है।
अन्य सत्रों में ‘मिशन कर्मयोगी’ के माध्यम से निवेश और क्षमता निर्माण के लिए आर्थिक सुधारों पर चर्चा की जाएगी।
अन्य फोकस क्षेत्र
सम्मेलन में कृषि में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा, जिसमें विशेष रूप से खाद्य तेलों और दालों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
चर्चा में वृद्ध आबादी के लिए देखभाल अर्थव्यवस्था शामिल होगी।
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन की भी समीक्षा की जाएगी।
भारत में किसी राज्य सरकार का मुख्य सचिव
भूमिका और पदानुक्रम: मुख्य सचिव, राज्य सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में सबसे वरिष्ठ अधिकारी होता है।
यह भूमिका भारतीय वरीयता क्रम में 23वें स्थान पर है।
संवैधानिक प्रावधान: भारत के संविधान में इसकी भूमिका का स्पष्ट उल्लेख नहीं है, लेकिन अनुच्छेद-166 के अंतर्गत इसे अप्रत्यक्ष रूप से मान्यता प्राप्त है, जो राज्य सरकारों के कामकाज के संचालन को संबोधित करता है।
नियुक्ति प्रक्रिया: मुख्य सचिव की नियुक्ति राज्यपाल के नाम पर राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा की जाती है।
यद्यपि मुख्यमंत्री केंद्र सरकार, मंत्रिमंडलीय सहयोगियों या मंत्रिमंडल से परामर्श कर सकते हैं, लेकिन ऐसा परामर्श अनिवार्य नहीं है।
चयन का आधार: चयन वरिष्ठता, अधिकारी के सेवा रिकॉर्ड और मुख्यमंत्री के मूल्यांकन के आधार पर किया जाता है।
भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ
मुख्य सचिव राज्य सिविल सेवा बोर्ड, आईएएस अधिकारियों के राज्य कैडर और राज्य के कार्य नियमों के अंतर्गत शासित सभी सिविल सेवाओं के पदेन प्रमुख के रूप में कार्य करते हैं।
मुख्य सचिव मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार होते हैं, जो राज्य प्रशासन से संबंधित सभी मामलों पर मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
मुख्य सचिव, राज्य स्तर पर सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होते हैं।
वे विभिन्न राज्य विभागों के लिए समन्वय के केंद्रीय बिंदु के रूप में कार्य करते हैं।
कार्यकाल: मुख्य सचिव का कोई निश्चित कार्यकाल नहीं होता है।
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