100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

हरित इस्पात वर्गीकरण

Lokesh Pal December 16, 2024 03:19 34 0

संदर्भ

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में हरित इस्पात वर्गीकरण (Green Steel Taxonomy) के अनावरण के साथ भारत ने निम्न कार्बन अर्थव्यवस्था की दिशा में अपनी यात्रा में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि को प्राप्त किया।

संबंधित तथ्य

  • हरित इस्पात वर्गीकरण का अनावरण: यह वर्गीकरण स्टील संयंत्रों की उत्सर्जन तीव्रता के आधार पर ‘हरित स्टील’ को परिभाषित करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश निर्धारित करता है।
  • निम्न-कार्बन भविष्य के लिए प्रतिबद्धता: हरित इस्पात वर्गीकरण का जारी होना हरित इस्पात पर भारत के राष्ट्रीय मिशन में एक महत्त्वपूर्ण कदम है, जो वर्ष 2070 तक देश के नेट -जीरो उत्सर्जन लक्ष्य के साथ संरेखित है।
  • हितधारक परामर्श: वर्गीकरण के साथ-साथ, हरित इस्पात पर राष्ट्रीय मिशन (National Mission on Green Steel- NMGS) एवं हरित इस्पात सार्वजनिक खरीद नीति (Green Steel Public Procurement Policy- GSPPP) पर परामर्श आयोजित किया गया, सरकार ने आश्वासन दिया कि हितधारकों के सुझावों को दोनों दस्तावेजों के अंतिम संस्करणों में शामिल किया जाएगा।

हरित इस्पात 

  • ‘हरित इस्पात’ पारंपरिक तरीकों की तुलना में काफी कम कार्बन उत्सर्जन के साथ उत्पादित स्टील है।
  • भारत में हरित इस्पात को परिभाषित करने के प्रमुख मानदंड तैयार स्टील के प्रति टन (Tonne Of Finished Steel- tfs) CO2 समकक्ष उत्सर्जन पर आधारित हैं।
  • उत्सर्जन सीमा: 2.2 टन CO2e प्रति tfs से कम उत्सर्जन तीव्रता युक्त इस्पात संयंत्र हरित इस्पात वर्गीकरण के लिए अर्हता प्राप्त करेंगे।
  • स्टार रेटिंग प्रणाली
    • फाइव-स्टार: उत्सर्जन तीव्रता 1.6 t-CO2e/tfs से कम।
    • फोर स्टार : उत्सर्जन तीव्रता 1.6 से 2.0 t-CO2e/tfs के बीच।
    • थ्री-स्टार: उत्सर्जन तीव्रता 2.0 से 2.2 t-CO2e/tfs के बीच।
    • 2.2 t-CO2e/tfs से अधिक उत्सर्जन वाला स्टील हरित इस्पात रेटिंग के लिए पात्र नहीं होगा।
  • समीक्षा चक्र: स्टार रेटिंग सीमा की प्रत्येक तीन वर्ष में समीक्षा की जाएगी।

हरित इस्पात के लिए भारतीय लक्ष्य

  • भारत ने वर्ष 2030 तक प्रति टन स्टील में उत्सर्जन को 2.2 tCO2 तक कम करके अपने इस्पात क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। 
  • यह लक्ष्य वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के भारत के व्यापक लक्ष्य का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
    • इस उत्सर्जन तीव्रता लक्ष्य को पूरा करने एवं वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय इस्पात क्षेत्र के लिए हरित इस्पात वर्गीकरण को अपनाना अनिवार्य होगा।

हरित इस्पात वर्गीकरण का महत्त्व

  • वैश्विक नेतृत्व: भारत इस पहले हरित इस्पात वर्गीकरण के साथ हरित इस्पात मानकों को परिभाषित करने में स्वयं को अग्रणी के रूप में स्थापित करता है।
  • बाजार निर्माण: यह ढाँचा नवाचार को बढ़ावा देता है एवं भारत में कम कार्बन वाले इस्पात उत्पादों के लिए बाजार तैयार करता है।
  • उत्सर्जन में कमी: 2.2 tCO2e/tfs सीमा एवं स्टार रेटिंग प्रणाली इस्पात उत्पादन में उत्सर्जन में कमी को प्रोत्साहित करती है।
  • स्थिरता लक्ष्य संरेखण: यह वर्गीकरण वर्ष 2070 तक भारत के शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य के साथ संरेखित है।

इसके कार्यान्वयन में चुनौतियाँ

  • महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य: 6 वर्षों के भीतर (2030 तक) 2.2 tCO2e/tfs लक्ष्य प्राप्त करना भारतीय इस्पात क्षेत्र के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
  • प्रौद्योगिकी को अपनाना: हाइड्रोजन आधारित इस्पात निर्माण जैसी स्वच्छ प्रौद्योगिकियों में परिवर्तन के लिए महत्त्वपूर्ण निवेश की आवश्यकता होती है।
  • लागत प्रतिस्पर्द्धात्मकता: कम-कार्बन उत्पादन विधियाँ शुरू में महंगी हो सकती हैं, जो संभावित रूप से वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता को प्रभावित कर सकती हैं।
  • निगरानी एवं सत्यापन: हरित स्थिति का सटीक आकलन करने के लिए एक मजबूत (Measurement, Reporting, and Verification- MRV) प्रणाली (माप, रिपोर्टिंग एवं सत्यापन) विकसित करना महत्त्वपूर्ण है।

हरित इस्पात को समर्थन देने की पहल

भारत सरकार ने इस्पात मंत्रालय के माध्यम से हरित इस्पात उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं:

  • राष्ट्रीय माध्यमिक इस्पात प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Secondary Steel Technology- NISST): NISST माप, रिपोर्टिंग एवं सत्यापन (MRV) के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा, जो इस्पात उत्पादन के लिए हरित प्रमाण-पत्र तथा स्टार रेटिंग जारी करेगा।
  • प्रोत्साहन रूपरेखा: हितधारकों को उनके उत्सर्जन को कम करने के लिए तकनीकी एवं नीतिगत सहायता प्रदान करके हरित इस्पात उत्पादन विधियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • सार्वजनिक खरीद नीतियाँ: सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए ग्रीन स्टील पब्लिक प्रोक्योरमेंट पॉलिसी  (Green Steel Public Procurement Policy- GSPPP) पर काम कर रही है कि सरकारी खरीद प्रक्रियाओं में हरित इस्पात को प्राथमिकता दी जाए।

वैश्विक पहल

  • यूरोपीय संघ ‘ग्रीन डील’ औद्योगिक योजना: वित्तीय सहायता एवं नियामक ढाँचे के माध्यम से स्टील सहित यूरोपीय संघ के औद्योगिक आधार के हरित परिवर्तन में तेजी लाना है।
  • ‘हाइड्रोजन काउंसिल’ की हरित इस्पात पहल: कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए इस्पात उत्पादन में हाइड्रोजन आधारित प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देती है।
  • वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन का क्लाइमेट एक्शन पाथवे: वर्ष  2050 तक कार्बन तटस्थता प्राप्त करने के लिए वैश्विक इस्पात उद्योग के लिए एक रोडमैप निर्धारित करता है।
  • उद्योग परिवर्तन के लिए नेतृत्व समूह (Leadership Group for Industry Transition- LeadIT): भारत एवं स्वीडन के सह-नेतृत्व में एक वैश्विक पहल, जो स्टील सहित भारी उद्योगों के डीकार्बोनाइजेशन में तेजी लाने पर केंद्रित है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.