एक अध्ययन के अनुसार, पूर्वोत्तर असम की एक प्रमुख आर्द्रभूमि में पक्षी प्रजातियों की संख्या 27 वर्षों में लगभग 72% कम हो गई है।
यह अध्ययन असम के धेमाजी एवं लखीमपुर जिलों में स्थित बोर्डोइबाम-बिलमुख पक्षी अभयारण्य (BordoiBam-Bilmukh Bird Sanctuary- BBBS) पर केंद्रित है।
असम की आर्द्रभूमि
असम, जो अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है, आर्द्रभूमि का एक विशाल नेटवर्क समेटे हुए है, जिसमें मुख्य रूप से ऑक्सबो झीलें और मौसमी बाढ़ के मैदान की झीलें शामिल हैं जिन्हें ‘बील’ (Beels) कहा जाता है।
ये आर्द्रभूमि बाढ़ शमन, जल विनियमन और विविध वनस्पतियों और जीवों को सहारा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
दीपोर बील (Deepor Beel), जिसे रामसर स्थल के रूप में नामित किया गया है, असम का एकमात्र रामसर स्थल है।
राज्य में कई पक्षी अभयारण्य हैं, जो पक्षियों की कई प्रजातियों के लिए सुरक्षित आश्रय प्रदान करते हैं।
BBBS में एवियन विविधता पर अध्ययन की मुख्य विशेषताएँ
एवियन प्रजातियों में तीव्र गिरावट: वर्ष 1997 में, पक्षी अभयारण्य में 167 पक्षी प्रजातियाँ दर्ज की गईं। सबसे हालिया अध्ययन (वर्ष 2022-2024) में केवल 47 प्रजातियाँ पाई गईं, जो 27 वर्षों में 71.85% की गिरावट दर्शाती है।
देखी गई 47 पक्षी प्रजातियाँ
3 प्रजातियाँ शीतकालीन प्रवासी हैं: ब्राउन श्राइक (Brown Shrike), सिट्रीन वैगटेल (Citrine Wagtail) एवं व्हाइट वैगटेल (White Wagtail)।
1 ग्रीष्मकालीन प्रवासी प्रजाति: लेसर केस्टरेल (Lesser Kestrel)।
शेष 43 प्रजातियाँ आवासीय पक्षी हैं।
गिरावट के कारण
मानवजनित गतिविधियाँ जैसे कि अत्यधिक मत्स्यन, जलीय पौधों की अत्यधिक कटाई और जंगली पक्षियों का अवैध शिकार तथा पक्षियों के अंडों का संग्रह।
अभयारण्य के पास खेती के लिए उच्च-डेसीबल मशीनों का उपयोग और अभयारण्य को चरागाह में परिवर्तित करना जैसी कमियाँ।
पर्यावरणीय प्रभाव: आर्द्रभूमि क्षरण से जल स्तर में कमी, खाद्य शृंखला में व्यवधान, प्रवासी पक्षियों की आबादी में कमी और पोषक चक्र की गति में अवरोध उत्पन्न हो सकता है।
ये परिवर्तन पारिस्थितिकी तंत्र, पर्यावरण एवं मानव आजीविका के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं।
संरक्षण का आह्वान: अध्ययन, BBBS की जैव विविधता को पुनर्स्थापित करने एवं संरक्षित करने के लिए गहन संरक्षण प्रयासों की आवश्यकता पर बल देता है।
असम में जैव विविधता: असम लगभग 950 पक्षी प्रजातियों का क्षेत्र है, जिनमें 17 स्थानिक प्रजातियाँ शामिल हैं।
राज्य में 55 महत्त्वपूर्ण पक्षी एवं जैव विविधता क्षेत्र हैं, जो विभिन्न पक्षी प्रजातियों के लिए महत्त्वपूर्ण आवास के रूप में कार्य करते हैं।
बोर्डोइबाम-बिल्मुख पक्षी अभयारण्य (Bordoibam-Bilmukh Bird Sanctuary- BBBS) के बारे में
BBBS असम के धेमाजी एवं लखीमपुर जिलों की सीमा पर स्थित एक छोटी आर्द्रभूमि है।
उत्पत्ति: वर्ष 1950 के भूकंप के परिणामस्वरूप निर्मित।
वर्ष 1996 में असम सरकार द्वारा इसे वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया।
जल विज्ञान: प्रारंभ में सुबनसिरी नदी का हिस्सा, जो ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी है।
सुबनसिरी नदी झील से 7 किमी. दूर प्रवाहित होती है।
जलवायु: अभयारण्य में नम उष्णकटिबंधीय जलवायु का अनुभव होता है एवं वार्षिक रूप से लगभग 2,000 मिमी. वर्षा होती है।
वनस्पति: बाढ़ग्रस्त घाटी घास के मैदान एवं आर्द्रभूमि की विशेषताएँ।
जीव जगत
सर्दियों के दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी जलपक्षी यहाँ आते हैं।
Latest Comments